छिंदवाड़ा सिरप कांड को लेकर जीतू पटवारी ने सरकार पर उठाए सवाल, गंभीर आरोप लगाए

0
ca67b32988ea9929e60100ef9c055104

भाेपाल{ गहरी खोज }: मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मंगलवार काे प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए छिंदवाड़ा में नकली और जहरीली खांसी की सिरप ‘कोल्ड्रिफ’ के सेवन से मासूम बच्चों की मौतों काे लेकर प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि यह घटना न केवल स्वास्थ्य विभाग की विफलता का प्रतीक है, बल्कि पूरे सिस्टम में व्याप्त भ्रष्टाचार का जीता-जागता प्रमाण है। जीतू ने कहा कि 9 अक्टूबर को पूरे प्रदेश में कांग्रेस द्वारा हर ब्लॉक और जिला स्तर पर एक साथ कैंडल मार्च निकाला जाएगा, जिसमें मृतकों को श्रद्धांजलि दी जाएगी।
जीतू पटवारी ने कहा कि अब तक कुल 17 बच्चों की मौत हो चुकी है, जबकि कई बच्चे अभी भी वेंटिलेटर पर जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मृतकों के परिजनों से मिले थे, लेकिन वेंटिलेटर पर पड़े बच्चों के लिए क्या ठोस कदम उठाए गए? क्या उनकी जान बचाने के लिए कोई प्रभावी उपाय किए गए?कांग्रेस अध्यक्ष ने कलेक्टर को हटाने के सरकारी फैसले पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा, कलेक्टर को हटाने से क्या फायदा? अगर वही कलेक्टर मौजूद रहते, तो वे स्थिति को जल्दी काबू में कर लेते। यह हटाना महज घटना से ध्यान भटकाने की साजिश है।
पीसीसी चीफ पटवारी ने स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल के इस्तीफे की मांग की और पूछा, स्वास्थ्य मंत्री का इस्तीफा क्यों नहीं लिया जा रहा? क्या सरकार उन्हें बचाना चाहती है? राजेंद्र शुक्ल सीएम बनने का सपना देख रहे हैं, इसलिए मुख्यमंत्री उन्हें रोक रहे हैं। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर कार्रवाई तो कर ली जाती है। पटवारी ने कहा कि ये मौतें भ्रष्टाचार का नतीजा हैं। स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल आज तक घटनास्थल पर नहीं पहुंचे, प्रभारी मंत्री वहां नहीं पहुंचे, स्वास्थ्य पीएस भी अभी तक नहीं पहुंचे। उन्होंने कहा, 25 बच्चों की जान सिस्टम ने ले ली। करप्शन के कारण ऐसी घटनाएं होती हैं।

कांग्रेस की प्रमुख मांगें:

स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल, स्वास्थ्य आयुक्त, ड्रग कंट्रोलर सहित सभी जिम्मेदार अधिकारियों पर तत्काल कार्रवाई और निलंबन।
नकली दवाओं की बिक्री रोकने के लिए कड़े उपाय, जिसमें सभी दवा कंपनियों की जांच और कमीशनबाजी पर रोक।
प्रभावित परिवारों को मुआवजा और मुफ्त इलाज।
ऐसी कोई घटना दोबारा न हो, इसके लिए मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर सुझाव दिए जा रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *