शरद पूर्णिमा की रात में जरूर करें ये 3 काम, मां लक्ष्मी हो जाएंगी मेहरबान

धर्म { गहरी खोज } : शरद पूर्णिमा की रात को दूध, चावल की खीर बनाकर चांद की रोशनी में रखने का विधान है इसलिए आज के दिन दूध, चावल की खीर बनाकर, एक बर्तन में रखकर उसे जालीदार कपड़े से ढक्कर चांद की रोशनी में रखना चाहिए और अगली सुबह ब्रह्ममुहूर्त में श्री विष्णु को उस खीर का भोग लगाना चाहिए और भोग लगाने के तुरंत बाद उस खीर को प्रसाद के रूप में परिवार के सब सदस्यों में बांट देना चाहिए। अन्य दिनों की तुलना में इस दिन चन्द्रमा पृथ्वी के अधिक नजदीक होता है, जिसके चलते चन्द्रमा की रोशनी में उपस्थित तत्वों का सीधा असर पृथ्वी पर पड़ता है और आज रात को खीर बनाकर चांद की रोशनी में रखने का भी यही कारण है।
शरद पूर्णिमा की रात में रखें खीर
दूध में उपस्थित लैक्टोज और कुछ अन्य तत्व, साथ ही चावल में स्टार्च की उपस्थिति चंद्रमा की किरणों में उपस्थित तत्वों को अवशोषित करने में मदद करते हैं और ये रासायनिक तत्व हमारी स्वास्थ्य क्षमता को बढ़ाने का काम करते हैं। साथ ही हमारे मन और मस्तिष्क को शुद्ध रखने में मदद करते हैं और एक पॉजिटिव एनर्जी का संचार करते हैं। अतः इन सब चीज़ों का फायदा उठाने के लिये आपको आज के दिन खीर बनाकर, कपड़े से ढक्कर चांद की रोशनी में रखना चाहिए और अगले दिन सुबह श्री विष्णु को उसका भोग लगाकर प्रसाद के रूप में खाना चाहिए और परिवार के सब सदस्यों में बांटना चाहिए।
शरद पूर्णिमा की रात में करें मां लक्ष्मी की पूजा
कहते हैं शरद पूर्णिमा की रात में देवी लक्ष्मी पृथ्वी का भ्रमण करती हैं। ऐसे में इस दिन मां लक्ष्मी की विशेष कृपा पाने के लिए शाम को घर के अंदर और बाहर दीपक जरूर प्रज्जवलित करें। साथ ही माता की विधि विधान पूजा करें। लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करें और इसके बाद कमल के गट्टे की माला से 5 माला ऊँ श्रीं हृं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं हृं श्रीं ऊँ महालक्ष्मयै नमः. मंत्र का जाप करें।
चांद की रोशनी में जरूर बैठें
शरद पूर्णिमा की रात में चन्द्रमा की रोशनी में आसन लगाकर बैठ जाएं और 108 बार ऊँ भुर्भूवः स्वः अमृतांगाय विदमहे कलारूपाय धीमहि तन्नो सोमो प्रचोदयात् मंत्र का जाप करें और फिर चंद्रमा को कच्चे दूध का अर्घ्य चढ़ाएं। कुछ देर चांदनी रात में बैठकर ध्यान लगाएं।