75 दिन का बस्तर दशहरा पूरे विश्व में सांस्कृतिक रूप से सबसे महत्वपूर्ण मेला : केंद्रीय गृहमंत्री

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जगदलपुर{ गहरी खोज }: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बस्तर दशहरा में नक्सलवाद को बस्तर के विकास में रोड़ा बताते हुए 31 मार्च 2026 तक इसे समाप्त करने के अपने निश्चय को फिर से दोहराया। उन्होंने कहा कि 75 दिन का बस्तर दशहरा न केवल आदिवासी समाज के लिए, न केवल बस्तर के लिए, न केवल छत्तीसगढ़ और भारत के लिए बल्कि पूरे विश्व में सांस्कृतिक रूप से अपने आप में सबसे महत्वपूर्ण मेला है।
जगदलपुर के ऐतिहासिक लालबाग मैदान में आयोजित कार्यक्रम में जनसमुदाय को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने मुरिया दरबार को वैश्विक धरोहर बताते हुए इसके लोकतांत्रिक मूल्य को पूरे देश के लिए जानकारी का विषय बताया। उन्होंने कहा कि 75 दिन का बस्तर दशहरा न केवल आदिवासी समाज के लिए, न केवल बस्तर के लिए, न केवल छत्तीसगढ़ और भारत के लिए बल्कि पूरे विश्व में सांस्कृतिक रूप से अपने आप में सबसे महत्वपूर्ण मेला है। इस दौरान उन्होंने मुरिया दरबार में शिरकत करने के बाद लालबाग मैदान में स्वदेशी मेले का शुभारंभ किया।
शाह ने कहा कि आज सुबह दंतेश्वरी माई के दर्शन के दौरान मैंने प्रार्थना की है कि 31 मार्च 2026 तक पूरे बस्तर क्षेत्र को लाल आतंक से मुक्त करने की हमारे सुरक्षा बलों को शक्ति दें। उन्होंने कहा कि दिल्ली में कुछ लोगों ने सालों तक भ्रम फैलाए कि नक्सलवाद का जन्म विकास की लड़ाई है ।पूरा बस्तर विकास से महरूम रहा, विकास आप तक नहीं पहुंचा। इसका मूल कारण नक्सलवाद है। आज देश के हर गांव में बिजली, पीने का पानी, रोड, हर घर में शौचालय, पांच लाख तक स्वास्थ्य बीमा, पांच किलो मुफ्त चावल देने के साथ आपके चावल को 3100 रुपये से खरीदने की व्यवस्था की है, लेकिन इसमें बस्तर पिछड़ गया है। मैं प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से भरोसा दिलाना चाहता हूं कि 31 मार्च 2026 के बाद नक्सलवादी आपके विकास, आपके अधिकार को रोक नहीं पाएंगे। पूरा भरोसा है कि 31 मार्च 2026 से पहले बस्तर, नक्सलवाद से मुक्त हो जाएगा।
उन्होंने उपस्थित लोगों से अपील करते हुए कहा कि नक्सलवाद से जो बच्चे गुमराह होकर जुड़े हैं, वे आप ही के गांव से हैं। उनको समझाइए कि मुख्य धारा में आएं। छत्तीसगढ़ और केंद्र दोनों सरकारें बस्तर और सभी नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। छत्तीसगढ़ सरकार ने भारत में सबसे अच्छी सरेंडर पॉलिसी बनाई है। एक ही महीने में 500 से ज्यादा लोग सरेंडर किए हैं। आपका गांव नक्सलमुक्त होते ही छत्तीसगढ़ शासन गांव के विकास के लिए एक करोड़ रुपये देगा। बस्तर दशहरा आज हम शान से मना रहे हैं। बस्तर के अंदर ओलंपिक शुरू हुआ है। बस्तर वासियों की वेशभूषा, खानपान और वाद्ययंत्र ये सारी चीजें पूरी दुनिया में आकर्षण का केंद्र बनी हैं।
उन्होंने कहा कि आज मैं मुरिया दरबार में उपस्थित हुआ। बस्तर संभाग के सारे मुखिया उपस्थित थे। उन्होंने समस्याएं सुनाईं। दिल्ली में जाकर सबको बताऊंगा कि एक बार मुरिय़ा दरबार देखिए। 1874 से लेकर आज तक इस प्रकार की सक्रिय भागीदारी, न्यायिक व्यवस्ता, आदिवासी संस्कृति को बचाने का चिंतन, जनसंवाद की ऐतिहासिक परंपरा वैश्विक धरोहर है। मुरिया दरबार के जो लोकतांत्रिक मूल्य है, वो पूरे देश के लिए जानकारी का विषय है। आज यहां पर स्वदेशी जागरण मंच ने स्वदेशी मेला भी लगाया है। मोदी जी ने संकल्प लिया है कि देश में बनी हुई चीजों का ही इस्तेमाल होगा। यदि हम स्वदेशी चीजों को अपनाते हैं तो देश अलग मुकाम में पहुंच जाएगा। इस मेले में 300 कंपनियां आई हैं। जो देश में स्वदेशी अभियान को आगे बढ़ा रही है।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि 140 करोड़ की आबादी स्वदेशी के संकल्प को आत्मसात करे तो भारत को दुनिया की सर्वोच्च आर्थिक व्यवस्था बनने से कोई रोक नहीं सकता है। मोदी जी ने सभी माताओं-बहनों के लिए जीएसटी में 395 चीजों पर टैक्स घटाकर बहुत बड़ी राहत देने का काम किया है। खाने-पानी के चीजें टैक्स रहित कर दी हैं। लोकोपयोगी चीजों पर 5 प्रतिशत टैक्स रखा है।
उन्होंने कहा कि बस्तर का 75 दिन का दशहरा हम सबके लिए गौरव का पहचान का और अभिमान का मुद्दा है।मैंने पहली बार जाना कि बस्तर में जो रथ का इस्तेमाल किया जाता है, उसे बनाने के लिए भगवान जगन्नाथ के रथ से भी ज्यादा समय लगते हैं। इसके लिए कई तरह की रस्में निभाई जाती हैं, जिसमें आदिवासी समाज के लोग इकट्ठा होते हैं। रथ की सजावट भद्रा जनजाति करती है। रथ की खिंचाई मुरिया जनजाति करती है।
केंद्रीय गृहमंत्री ने बस्तर के लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा कि 2026 तक कोई भी गांव बिना बिजली के नहीं रहेगा और 2031 तक हर गांव में स्कूल, बैंकिंग सुविधाएं और पीएचसी/सीएचसी जैसी संस्थाएं खुलाने का केंद्र सरकार लक्ष्य रखती है। कार्यक्रम में मौजूद जनप्रतिनिधियों और स्थानीय नेताओं ने आशा जताई कि केंद्र और राज्य के सामंजस्यपूर्ण प्रयासों से नक्सलवाद का प्रभाव कम होगा और विकास की रोशनी बस्तर के हर गांव तक पहुंचेगी।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, कृषि मंत्री रामविचार नेताम, वन मंत्री केदार कश्यप, पर्यटन मंत्री राजेश अग्रवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, बस्तर सांसद एवं बस्तर दशहरा समिति के अध्यक्ष महेश कश्यप, कांकेर सांसद भोजराज नाग, जगदलपुर विधायक किरण सिंह देव, चित्रकोट विधायक विनायक गोयल, कोंडागांव विधायक सुश्री लता उसेंडी, दंतेवाड़ा विधायक चैतराम अटामी, केशकाल विधायक नीलकंठ टेकाम, कांकेर विधायक आशाराम नेताम सहित जनप्रतिनिधिगण एवं वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

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