मप्र के छिंदवाड़ा में किडनी फेल होने से एक और बच्ची की मौत, अब तक 10 बच्चों ने तोड़ा दम

0
fd6d712e48c172f865dd2113a45f3238
  • मप्र में कोल्ड्रिफ कप सिरप पर प्रतिबंध, मुख्यमंत्री ने छापामारी कर अमानक दवा जप्त करने के दिए निर्देश
  • मृतकों के परिजन को 4-4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता, उपचाररत बच्चों का पूरा इलाज करायेगी राज्य सरकार
    भोपाल{ गहरी खोज }: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में परासिया विकासखंड में किडनी फेल होने से शनिवार को दोपहर में एक और बच्ची की मौत हो गई है। ग्राम बड़कुई निवासी डेढ़ साल की योगिता ठाकरे नाम की बच्ची का नागपुर में पिछले एक सप्ताह से का इलाज चल रहा था। वह भी आज जिंदगी की जंग हार गई। जिले में पिछले एक महीने के अंदर अब तक किडनी फेलियर से जान गंवाने वाले मासूमों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है। जांच में इन बच्चों की मौत की वजह कोल्ड्रिफ कफ सिरप पाया गया है। इसके बाद मध्य प्रदेश में कोल्ड्रिफ कफ सिरप की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने स्वयं सोशल मीडिया पर बयान जारी कर इसकी जानकारी दी।
    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को कहा कि छिंदवाड़ा जिले में कोल्ड्रिफ कप सिरप के कारण बच्चों की हुई मृत्यु अत्यंत दुखद है। कोल्ड्रिफ कप सिरप की जाँच रिपोर्ट आने पर मध्य प्रदेश में इस सिरप की बिक्री को पूर्णता प्रतिबंधित कर दिया गया है। प्रदेश में अभियान के तौर पर छापामारी कर कोल्ड्रिफ सिरप को जप्त किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि छिंदवाड़ा में इस सिरप के कारण जिन बच्चों को मृत्यु हुई है, उनके परिजन को 4-4 लाख रुपये आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी। साथ ही उपचाररत बच्चों के इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी।
    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कफ सिरप बनाने वाली फैक्टरी तमिलनाडु के कांचीपुरम में है, इसलिए घटना के संज्ञान में आने के बाद राज्य सरकार ने तमिलनाडु सरकार को कोल्ड्रिफ सिरप के सैम्पल जाँच के लिए भेज गये थे। शनिवार सुबह ही जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई। रिपोर्ट में पाया गया कि जाँच नमूने अमान्य पाये गये हैं। रिपोर्ट के आधार पर कड़ा एक्शन लिया गया है। त्वरित कार्यवाही करते हुए कोल्ड्रिफ सिरप के विक्रय को पूरे प्रदेश में प्रतिबंधित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि बच्चों की दुखद मृत्यु के बाद स्थानीय स्तर पर कार्रवाई चल रही थी। राज्य स्तर पर भी इस मामले में जांच के लिए टीम बनाई गई है।
    राज्य सरकार को आज प्राप्त हुई रिपोर्ट में बताया गया है कि तमिलनाडु के औषधि नियंत्रक द्वारा कोल्ड्रिफ सिरप को “नॉट ऑफ़ स्टैण्डर्ड क्वालिटी(एनएसक्यू)” घोषित किया गया है। शासकीय औषधि विश्लेषक, औषधि परीक्षण प्रयोगशाला, चेन्नई के परीक्षण अनुसार इस सिरप में डाइएथिलीन ग्लाइकॉल की मात्रा पाई गई 48.6 फीसद पाई गई है, जो एक जहरीला तत्व है और स्वास्थ्य के लिए गंभीर रूप से हानिकारक है। जिला छिंदवाड़ा से बच्चों की मृत्यु की घटनाओं की पृष्ठभूमि में इस औषधि की संदिग्ध भूमिका को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में कठोर कदम उठाए गए हैं।
    मध्य प्रदेश के खाद्य एवं औषधि प्रशासन नियंत्रक डॉ. दिनेश कुमार मौर्य ने प्रदेश के समस्त वरिष्ठ औषधि निरीक्षक एवं औषधि निरीक्षकों को निर्देशित किया है कि उक्त दवा का विक्रय एवं वितरण तत्काल प्रभाव से बंद किया जाए। यदि यह दवा उपलब्ध हो तो इसे तुरंत सील कर लिया जाए तथा नष्ट नहीं किया जाए, जैसा कि औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 और नियमों में प्रावधान है। संबंधित औषधि के नमूने संकलित कर परीक्षण के लिए शासकीय औषधि प्रयोगशालाओं को भेजे जाएं। कोल्ड्रिफ सिरप के अन्य बैचेज भी यदि उपलब्ध हों तो उन्हें भी सील कर नमूने परीक्षण के लिए भेजे जाएं। जनहित को देखते हुए मेसर्स स्रेसन (Sresan) फार्मास्यूटिकल द्वारा निर्मित सभी अन्य औषधियों की बिक्री एवं उपयोग भी तत्काल प्रभाव से रोक दी गई है और इनके नमूने कानूनी परीक्षण के लिए संकलित किए जा रहे हैं। साथ ही प्रदेश में इस दवा की आवाजाही पर सख्त निगरानी के निर्देश हैं।
    गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के परासिया ब्लॉक में कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने के बाद पिछले 20 दिन में 10 बच्चों की किडनी फेल होने से मौत हो चुकी है। इनमें दिव्यांश चंद्रवंशी (7 वर्ष), अदनान खान (5 वर्ष), हेतांश सोनी (5), उसैद (4), श्रेया यादव (18 माह), विकास यदुवंशी (4), योगिता विश्वकर्मा (5 वर्ष), संध्या भोसोम (सवा साल), चंचलेश यदुवंशी (एक साल) और योगिता ठाकरे (एक साल) हैं। इनमें से ज्यादातर बच्चों ने नागपुर के निजी अस्पतालों में दम तोड़ा। इनमें एक बच्ची की मौत शनिवार को ही हुई है। अभी भी कई बच्चे अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *