तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष नैनार नागेंद्रन ने करूर हादसे को लेकर मुख्यमंत्री स्टालिन से पूछे 12 प्रश्न

चेन्नई{ गहरी खोज }: तमिलनाडु के करूर में अभिनेता से नेता बने विजय की रैली में हुई भगदड़ मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष नैनार नागेंद्रन ने राज्य के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन से 12 प्रश्न पूछे हैं। राजनीतिक रैली के दौरान हुई भगदड़ में 41 लोगों की मौत हो गयी है, जबकि सौ से ज्यादा लोग घायल है, जनका इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नैनार नागेंद्रन ने अपने एक्स पोस्ट में कहा, कल हमने भाजपा द्वारा गठित समिति, जिसमें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सांसद शामिल थे, के साथ करूर भगदड़ के पीड़ितों से मुलाकात की और उनसे बात की। प्रत्येक पीड़ित की आवाज़ ने हमारे मन पर जो प्रभाव डाला है, उसे शब्दों में बयां करना असंभव है। इस मुद्दे पर गहन चर्चा और स्पष्ट रूप से समझने के बाद मैं अपने मन में उठे प्रश्नों को मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के समक्ष रखना चाहूंगा।
नैनार नागेंद्रन मुख्यमंत्री स्टालिन से पूछा कि करूर बस स्टैंड गोलचक्कर केवल मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के कार्यक्रमों के लिए ही क्यों आरक्षित था, अन्य दलों के लिए क्यों नहीं? वीडियो में विजय पर जूते फेंके जा रहे हैं और वहां एकत्रित कार्यकर्ताओं पर लाठियां बरसाई जा रही हैं। कुछ लोगों ने तो यह भी दावा किया कि उन्हें चाकू मारा गया था। इनके अलावा, भगदड़ का कारण क्या है? मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन सिर्फ़ करूर पर ही विशेष ध्यान क्यों दे रहे हैं? जबकि उनका कल्लाकुरिची में अवैध शराब से मारे गए लोगों, वेंगईवायल मामले, मरीना विमान दुर्घटना में मारे गए लोगों और 25 हवालातियों की मौत में कोई हाथ नहीं है?
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने पूछा कि मैं उन करोड़ों लोगों में से एक हूं, जिन्हें द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) के लोगों के भावनात्मक नाटक पर शक है। भगदड़ के बाद द्रमुक सरकार ने सच्चाई छिपाने के लिए इतनी जल्दी क्यों की? द्रमुक सरकार 25 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करके और पत्रकार फ़ेलिक्स समेत चार लोगों को गिरफ्तार करके लोगों के बीच उठने वाले सभी सवालों और शंकाओं को दूर करने में इतनी जल्दी क्यों कर रही है?
उन्होंने मुख्यमंत्री से आगे पूछा कि द्रमुक सरकार की पुलिस, जो विजय पर सिर्फ़ 10,000 लोगों के इकट्ठा होने का ग़लत अनुमान लगाने का आरोप लगाती है, भीड़ का सही अनुमान क्यों नहीं लगा पाई? अगर सरकार को लगा कि विजय के देर से पहुंचने से कोई अप्रिय घटना घट सकती है, तो उसने बैठक (सभा) रद्द क्यों नहीं की? यह तो तय है कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए तैनात पुलिसकर्मियों की संख्या बहुत कम थी। वास्तव में कितने तैनात थे? जब बड़ी राजनीतिक रैली हो रही थी, तब ज़िला पुलिस अधीक्षक करूर में क्यों नहीं थे? यह साबित होने के बाद भी कि सरकार की ओर से इतनी कमियां थीं, उस ज़िले के किसी भी अधिकारी के ख़िलाफ़ कार्रवाई क्यों नहीं की गई? क्या उन्हें डर है कि अगर इसमें कोई छिपा हुआ तथ्य है, तो वह उजागर हो जाएगा?
नैनार नागेंद्रन ने सवाल किया कि जांच आयोग के अध्यक्ष रिपोर्ट सौंपने से पहले डीएमके की क़ानून-व्यवस्था की नाकामी पर पर्दा डालने वाली टिप्पणियां क्यों कर रहे हैं? राजस्व सचिव को जांच के दौरान सार्वजनिक बयान देने का अधिकार किसने दिया? क्या इससे जांच की निष्पक्षता पर आंच नहीं आती? क्या सक्षम सरकारी अधिकारियों को डीएमके की कठपुतली के रूप में इस्तेमाल करना सही है? अजित कुमार लॉक-अप हत्याकांड को सीबीआई को सौंपने वाली डीएमके सरकार करूर मामले को सीबीआई को सौंपने में आनाकानी क्यों कर रही है?
नैनार नागेंद्रन ने अपने पोस्ट के माद्यम से कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि यह त्रासदी डीएमके सरकार की प्रशासनिक विफलता का परिणाम है। इसलिए, एक सदस्यीय आयोग पर भरोसा न करते हुए, हम सीबीआई जांच की मांग करते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि आप (एमके स्टालिन) इस अनुरोध पर विचार करेंगे और तमिलनाडु की जनता की ओर से मेरे द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देंगे।