लंदन दौरे में एक भी सरकारी पैसा नहीं किया खर्च, विपक्ष कर रहा राजनीति : सुक्खू

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शिमला{ गहरी खोज }: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में कई अहम मुद्दों पर अपनी बात रखी और विपक्ष पर करारा पलटवार किया। उन्होंने साफ किया कि उनका हालिया लंदन दौरा पूरी तरह निजी था और इस पर सरकार का एक भी रुपया खर्च नहीं हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे अपनी बेटी का एडमिशन कराने लंदन गए थे, लेकिन विपक्ष ने इस निजी यात्रा को भी राजनीतिक रंग देने की कोशिश की। उन्होंने दो टूक कहा कि जनता को गुमराह करने वाली यह राजनीति भाजपा को शोभा नहीं देती। इसी दौरान स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल के विदेश दौरे को लेकर उठे विवाद पर भी मुख्यमंत्री ने स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि जिस अधिसूचना को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं, उसमें किसी अधिकारी के हस्ताक्षर तक नहीं हैं।
सुक्खू ने साफ किया कि उनकी अनुमति के बिना कोई भी मंत्री या अधिकारी विदेश यात्रा नहीं कर सकता। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि झूठे आरोप गढ़कर भ्रम फैलाना उनकी आदत बन चुकी है।
मुख्यमंत्री ने सीमेंट के दामों में बढ़ोतरी पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सीमेंट पर कोई नया टैक्स नहीं लगाया है, बल्कि विपक्ष मुद्दों को तोड़मरोड़ कर पेश कर रहा है। उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने से हिमाचल प्रदेश को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। यही हाल अन्य छोटे राज्यों का भी है और सभी ने अपनी समस्या केंद्र सरकार के सामने रखी है।
सुक्खू ने विपक्ष से सवाल किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हिमाचल के लिए घोषित 1500 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज का इंतजार अभी तक क्यों किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आपदा से जूझ रहे हिमाचल को इस समय पैसों की सख्त जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने राज्य की आर्थिक स्थिति पर भी खुलकर बात की। उन्होंने स्वीकार किया कि हिमाचल वित्तीय तंगी से गुजर रहा है और आने वाले चार से पांच महीनों तक हिमाचल पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) और हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के कर्मचारियों को वेतन मिलने में देरी हो सकती है। हालांकि उन्होंने भरोसा दिलाया कि कर्मचारियों को वेतन और पेंशन समय पर मिलना सरकार की प्राथमिकता है और इस दिशा में हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं। सुक्खू ने इसके लिए पिछली भाजपा सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि मौजूदा सरकार हर हाल में हालात को सुधारने के लिए प्रयासरत है।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने आज शिमला में छह मोबाइल फॉरेंसिक वाहनों को हरी झंडी दिखाकर पुलिस को समर्पित किया। प्रत्येक वाहन की कीमत 65 लाख रुपये है और ये आधुनिक तकनीक से लैस हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन वाहनों से अपराध की जांच तेजी से और सटीक ढंग से हो सकेगी। उन्होंने विश्वास जताया कि पुलिस को इससे अपराध नियंत्रण में बड़ी मदद मिलेगी।

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