दशहरे पर जयपुर में दस हजार से अधिक रावण के पुतले किए गए तैयार

जयपुर{ गहरी खोज } :असत्य पर सत्य, अन्याय पर न्याय और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक दशहरा पर्व पर दहन किए जाने वाले रावण के पुतलों की मंडी राजधानी जयपुर में सजकर तैयार हैं जहां दस हजार से अधिक पुतले तैयार किए गए हैं और जिन्हें खरीदने के लिए लोगों का आना शुरु हो गया हैं लेकिन खुले आसमान में सड़क किनारे ये पुतले बनाने वाले लोग इस महंगाई के जमाने में सरकार से मदद की गुहार भी लगा रहे हैं।
जयपुर में मानसरोवर मेट्रो रेलवे स्टेशन के पास रावण मंडी में लगभग पांच हजार से अधिक छोटे बड़े रावण के पुतले तैयार किए गए हैं। इसके अलावा गुर्जर की थड़ी, बी टू बाई पास, झारखंड मंदिर के पास, खातीपुरा पुलिया, चौमू पुलिया सहित जयपुर के अन्य कई स्थानों पर दशहरा के मौके पर रावण एवं उसके परिवार के सदस्यों के अलग अलग तरह के पुतले तैयार किए गए हैं। इन स्थानों पर तीन फीट से लेकर 40 फीट ऊंचे पुतले तैयार किए गए हैं। पुतले बनाने वाले लोगों के अनुसार जयपुर में छोटे बड़े दस हजार से अधिक रावण के पुतले तैयार किए गए हैं।
हालांकि आदर्श नगर के दशहरा मैदान में 105 फीट ऊंचा रावण एवं 90 फीट का कुंभकरण का पुतला तैयार किया गया हैं। इसी तरह विद्याधरनगर क्षेत्र में भी दशहरे पर सौ फीट से भी ज्यादा ऊंचा रावण का पुतला तैयार किया गया हैं। इन पुतलों को तैयार करने के लिए बाहर से कारीगर बुलाये गये हैं।
मानसरोवर मेट्रो के पास रावण मंडी में रावण के पुतला बना रहे कारीगर महेश ने बताया कि इस बार पुतले थोड़े महंगे बन रहे हैं। इस बार पुतले पर लगाई जाने वाली रंग बिरंगी कागज की पन्नी ढाई रुपए की जगह तीन रुपए में मिल रही है। एक बांस दो सौ रुपए में आ रहा है जबकि तार एवं मजदूरी भी महंगी हो गई हैं। ऐसे में पुतला लगभग एक हजार रुपए प्रति फीट तैयार होने लगा हैं1 ऐसे में पुतले पर ज्यादा मुनाफा नहीं मिल पाता। उन्होंने बताया कि इस कारण इस बार ज्यादा ऊंचाई वाले रावण के पुतलों के आर्डर कम मिले और मेट्रो के पास स्थित मंडी में 200-250 बड़े पुतले ही तैयार किए गए जबकि शेष सभी 25 फुट से कम ऊंचाई के पुतले तैयार किए गए हैं। उन्होंने बताया कि छोटे पुतलों की छोटी छोटी कालोनियों में मांग ज्यादा आ रही है।
इसी तरह पुतले तैयार कर रहे विष्णु जोगी ने बताया कि इस बार रावण के पुतलों में सबसे ऊंचा 40 फुट का पुतला तैयार किया गया हैं और उसे विशेष आकर्षण देने के लिए उसके हाथ में तलवार की जगह एक हाथ को आगे करते हुए लठ थमाया गया हैं। इसी तरह उसके मुंह एवं मूंछों में बदलाव किया गया हैं। उन्होंने बताया कि उनके 40 फुट ऊंचे पुतले की कीमत 50 हजार रुपए हैं। मंडी में 250-300 रुपए से लेकर 50 हजार रुपए तक अलग अलग पुतले तैयार किए गए हैं।
इसी प्रकार मंडी में पुतले तैयार कर रहे आसूराम एवं केली देवी ने अपने पुतलों के बारे में बताते हुए कहा कि वे बेहद गरीब लोग हैं और फुटपाथ पर रहकर पुतलों का निर्माण कर रहे हैं। महंगाई के दौर में हर वस्तु महंगी आ रही है और दशहरा पर पुतले दो-तीन दिन में ही बिकते हैं। लोग इससे पहले इनकी खरीददारी नहीं करते वहीं खराब मौसम के चलते भी उनके पुतले खराब हो जाते हैं ऐसे में उनकी मेहनत बेकार चली जाती है और उनकी मेहनत के पैसे नहीं मिल पाते। उन्होंने गुहार लगाई कि अगर सरकार उनकी आर्थिक मदद एवं पुतले बनाने के लिए कोई जगह आवंटन कर दी जाये तो उनके भविष्य में निखार आ सकता है। उन्होंने बताया कि हाल में हल्की बारिश में भी उनके कुछ पुतले खराब हो गए। उन्होंने कहा कि दशहरे पर तो एक दो महीने का ही काम हैं जबकि पूरे साल वे बांस की टोकरी एवं टाटी बनाने का काम करते हैं।
इसी तरह गुर्जर की थड़ी पर पुतले बना रहे लोगों में बुजुर्ग सविता बाई ने बताया कि वे बड़ी मेहनत एवं रात दिन एक करके पुतले तैयार करते हैं और असामाजिक तत्व रात में उठाकर ले जाते हैं तथा उनके एक पुतले को जला भी दिया गया। उन्होंने मांग की कि सरकार जिस तरह गरीब लोगों को आसियाना उपलब्ध कराती हैं उसी तरह उन्हें भी पुतले बनाने के लिए कहीं जगह दे दे तो उनकी समस्या का समाधान हो सकता है।
गुजरात के विक्की ने बताया कि उन्होंने सबसे ऊंचे में 35 फीट ऊंचा रावण का पुतला तैयार किया जिसे दहन करने पर फव्वारा चलेगा और चकरी घूमेगी। इसी तरह खातीपुरा पुलिया के पास रावण के पुतले तैयार कर रहे बालोतरा जिले में सिणधरी गांव के पारस कालबेलिया ने बताया कि वह और उनका परिवार जयपुर में पिछले करीब 15 साल से दशहरे पर रावण के पुतले बनाने का काम कर रहे हैं। हर बार दशहरे पर पुतले जलाने की खबर बनती हैं लेकिन पुतले बनाने वाले लोगों की सुध लेने को कोई नहीं सोच रहा है। ऐसे में गरीब का भला करने वाली सरकार होती है और सरकार से आग्रह है कि वह उनकी मदद करे।
इसके अलावा जयपुर में इस बार प्रतापनगर में अनूठा गाय के गोबर से बना 51 फीट ऊंचा रावण का पुतला भी दहन किया जायेगा। प्रतापनगर विकास समिति द्वारा आयोजित 25वें दशहरा मेले पर इस बार गौकास्ट से बने 51 फीट ऊंचे रावण का पुतला तैयार किया गया है जिसमें किसी भी तरह के पटाखों का उपयोग नहीं किया गया और यह पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने वाला रावण का पुतला होगा।
आयोजन समिति के अध्यक्ष गोपीचंद गुर्जर और महासचिव ओमप्रकाश बाहेती ने बताया कि इस बार मेला भेरुजी सर्किल सेक्टर-16 पर आयोजित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि मेले में कवि सम्मेलन, शस्त्र पूजा, विजय रैली, ऑर्केस्ट्रा, झूले आदि के आयोजन भी होंगे।