रेपो दर पर फैसला करने वाली मौद्रिक नीति समिति की बैठक शुरू

0
rbi95

मुंबई{ गहरी खोज }: नीतिगत ब्याज दरों के बारे में फैसला करने वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की द्विमासिक समीक्षा बैठक सोमवार को शुरू हो गई। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार नीतिगत दरों को स्थिर रखा जा सकता है जबकि कुछ जानकारों ने 0.25 प्रतिशत की कटौती की संभावना जताई है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता वाली छह-सदस्यीय एमपीसी की बैठक में लिए गए फैसले की घोषणा बुधवार को की जाएगी।
यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब वैश्विक तनाव और अमेरिका की तरफ से भारतीय निर्यात पर 50 प्रतिशत का ऊंचा शुल्क लगाए जाने से भारी दबाव बना हुआ है।
रिजर्व बैंक इस साल फरवरी से अब तक तीन चरणों में नीतिगत रेपो दर में कुल एक प्रतिशत अंक की कटौती कर चुका है। हालांकि अगस्त की द्विमासिक समीक्षा में उसने रेपो दर में कोई बदलाव न करते हुए उसे 5.50 प्रतिशत पर स्थिर रखा था।
गोल्डमैन सैश की रिपोर्ट में रेपो दर को यथावत और नीतिगत रुख को तटस्थ रखे जाने की उम्मीद जताई गई है। हालांकि यह रिपोर्ट कहती है कि एमपीसी की दिसंबर में होने वाली अगली बैठक में 0.25 प्रतिशत की एक और कटौती हो सकती है। हालांकि बजाज ब्रोकिंग की रिपोर्ट में कहा गया है कि बाजार आमतौर पर दरों में किसी बदलाव की उम्मीद नहीं कर रहा है।
रियल एस्टेट क्षेत्र का मानना है कि खुदरा मुद्रास्फीति सुस्त रहने और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के स्लैब में बदलाव से करों के बोझ में आई कमी से नीतिगत दर में कटौती की गुंजाइश दिख रही है।
घरों की बिक्री के ऑनलाइन मंच हाउसिंग डॉटकॉम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) प्रवीण शर्मा ने कहा, “त्योहारी मौसम घरों की खरीदारी के लिहाज से सबसे माकूल समय रहता है। ऐसे में अगर आरबीआई ब्याज दरों में और कटौती करता है तो इससे घरों की खरीद की रफ्तार को तेजी मिलेगी।”
क्रिसुमी कॉरपोरेशन के चेयरमैन अशोक कपूर ने भी कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति के निचले स्तर पर रहने के बीच रेपो दर में कटौती से घरों की खपत तेज होगी।
बेटर चॉइस रियल्टर्स के मुख्य बिक्री अधिकारी अजय त्यागी ने कहा, “जीएसटी कटौती के साथ दर कटौती होने से लोगों की घर खरीदने की क्षमता और बढ़ेगी। हालांकि स्थिर रहने पर भी इस त्योहारी मौसम में बिक्री अच्छी रहने की उम्मीद है। “ हालांकि, बीएलएस ई-सर्विसेज के चेयरमैन शिखर अग्रवाल ने उम्मीद जताई कि मजबूत घरेलू मांग और हालिया जीएसटी सुधारों को देखते हुए रिजर्व बैंक फिलहाल इंतजार करने की रणनीति अपना सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *