‘ॐ जय सरस्वती माता…’, इस आरती के बिना अधूरी है मां सरस्वती की पूजा

धर्म { गहरी खोज } : आज से यानी 29 सितंबर 2025 से सरस्वती पूजा का पावन पर्व शुरू हो गया है जो 2 अक्टूबर तक चलेगा। इस दौरान मां सरस्वती की विधि विधान पूजा की जाती है। सनातन धर्म में मां सरस्वती को विद्या और संगीत की देवी के रूप में पूजा जाता है। कहते हैं इनकी पूजा से अज्ञानता दूर होती है और कार्यों में सफलता मिलती है। अतः विद्या प्राप्ति के इच्छुक साधकों को नवरात्रि में सरस्वती पूजा अवश्य करनी चाहिये। साथ ही इस चार दिवसीय त्योहार में सरस्वती माता की आरती भी जरूर करनी चाहिए। यहां देखें सरस्वती आरती के लिरिक्स।
सरस्वती माता की आरती
जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता।
सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥
जय सरस्वती माता॥
चन्द्रवदनि पद्मासिनि, द्युति मंगलकारी।
सोहे शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी॥
जय सरस्वती माता॥
बाएं कर में वीणा, दाएं कर माला।
शीश मुकुट मणि सोहे, गल मोतियन माला॥
जय सरस्वती माता॥
देवी शरण जो आए, उनका उद्धार किया।
पैठी मंथरा दासी, रावण संहार किया॥
जय सरस्वती माता॥
विद्या ज्ञान प्रदायिनि, ज्ञान प्रकाश भरो।
मोह अज्ञान और तिमिर का, जग से नाश करो॥
जय सरस्वती माता॥
धूप दीप फल मेवा, मां स्वीकार करो।
ज्ञानचक्षु दे माता, जग निस्तार करो॥
जय सरस्वती माता॥
मां सरस्वती की आरती, जो कोई जन गावे।
हितकारी सुखकारी ज्ञान भक्ति पावे॥
जय सरस्वती माता॥
जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता।
सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥
जय सरस्वती माता॥
सरस्वती माता के मंत्र
- सरस्वती मूल मन्त्र:
ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः।
- सरस्वती पुराणोक्त मन्त्र:
या देवी सर्वभूतेषु विद्यारूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ - सरस्वती गायत्री मन्त्र:
ॐ ऐं वाग्देव्यै विद्महे कामराजाय धीमहि।
तन्नो देवी प्रचोदयात्॥ - महासरस्वती मन्त्र:
ॐ ऐं महासरस्वत्यै नमः। - सरस्वती दशाक्षर मन्त्र:
वद वद वाग्वादिनी स्वाहा।