भगत सिंह युवाओं के लिए एक प्रेरणापुंज : मोदी

नयी दिल्ली{ गहरी खोज }:प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शहीद- ए-आजम भगत सिंह की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए रविवार को कहा कि वह हर भारतवासी, विशेषकर देश के युवाओं के लिए एक प्रेरणापुंज है।
श्री मोदी ने अपने मासिक रेडियो प्रसारण कार्यक्रम मन की बात में कहा ‘आज के दिन के साथ कुछ विशेषताएं भी जुड़ी हैं। आज भारत की दो महान विभूतियों की जयंती है। मैं बात कर रहा हूँ, शहीद भगत सिंह और लता दीदी की। अमर शहीद भगत सिंह, हर भारतवासी, विशेषकर देश के युवाओं के लिए एक प्रेरणापुंज है। निर्भीकता उनके स्वभाव में कूट-कूट कर भरी थी। देश के लिए फांसी के फंदे पर झूलने से पहले भगत सिंह ने अंग्रेजों को एक पत्र भी लिखा था। उन्होंने कहा था कि मैं चाहता हूं कि आप मुझे और मेरे साथियों से युद्धबंदी जैसा व्यवहार करें। इसलिए हमारी जान फांसी से नहीं, सीधा गोली मार कर ली जाए। यह उनके अदम्य साहस का प्रमाण है। भगत सिंह लोगों की पीड़ा के प्रति भी बहुत संवेदनशील थे और उनकी मदद में हमेशा आगे रहते थे। मैं शहीद भगत सिंह जी को आदरपूर्वक श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।’
उन्होंने कहा ‘आज लता मंगेशकर की भी जयंती है। भारतीय संस्कृति और संगीत में रुचि रखने वाला कोई भी उनके गीतों को सुनकर अभिभूत हुए बिना नहीं रह सकता। उनके गीतों में वो सब कुछ है जो मानवीय संवेदनाओं को झकझोरता है। उन्होंने देशभक्ति के जो गीत गाए, उन गीतों ने लोगों को बहुत प्रेरित किया। भारत की संस्कृति से भी उनका गहरा जुड़ाव था। मैं लता दीदी के लिए हृदय से अपनी श्रद्धांजलि प्रकट करता हूँ। साथियों, लता दीदी जिन महान विभूतियों से प्रेरित थीं उनमें वीर सावरकर भी एक हैं, जिन्हें वो तात्या कहती थीं। उन्होंने वीर सावरकर के कई गीतों को भी अपने सुरों में पिरोया।’
प्रधानमंत्री ने कहा ‘लता दीदी से मेरा स्नेह का जो बंधन था, वो हमेशा कायम रहा। वो मुझे बिना भूले हर साल राखी भेजा करती थीं। मुझे याद है मराठी सुगम संगीत की महान हस्ती सुधीर फड़के जी ने सबसे पहले लता दीदी से मेरा परिचय कराया था और मैंने लता दीदी को कहा कि मुझे आपके द्वारा गाया और सुधीर जी द्वारा संगीतबद्ध गीत ‘ज्योति कलश छलके’ बहुत पसंद है।’