श्री शारदा इंस्टीट्यूट यौन उत्पीड़न का मामला : स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती गिरफ्तार

नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: राजधानी के श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट-रिसर्च में अध्ययनरत छात्राओं के यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोपों के मामले में फरार चल रहे स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थ सारथी को दिल्ली पुलिस ने उत्तर प्रदेश के आगरा के एक होटल से गिरफ्तार कर लिया है। दिल्ली पुलिस रविवार सुबह उसे यहां लेकर पहुंची।
सूत्रों के मुताबिक, वह पिछले दो महीनों में उत्तर प्रदेश के वृंदावन, मथुरा, आगरा समेत कई जिलों में छिपता घूमता रहा और करीब 13 अलग-अलग होटलों में ठहरा। पुलिस ने उसके पास से तीन मोबाइल फोन और एक आईपैड बरामद किया है। वह आगरा के ताजगंज इलाके में बने एक होटल में बीते कई दिनों से छिपा हुआ था। उसे अदालत में पेश कर पुलिस हिरासत में देने की मांग की जाएगी।
गौरतलब है कि गत चार अगस्त को वसंत कुंज उत्तर थाने में श्री श्रृंगेरी मठ प्रशासक पी.ए. मुरली की शिकायत पर एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसमें आरोप था कि स्वामी ने संस्थान में पढ़ रही कई छात्राओं का यौन उत्पीड़न किया है। मामले की जांच के दौरान 17 छात्राओं ने स्वामी पर अभद्र भाषा बोलने, अश्लील संदेश भेजने और अवांछित शारीरिक संपर्क जैसे गंभीर आरोप लगाए। पीड़िताओं ने यह भी कहा कि संस्थान में कार्यरत कुछ महिला अध्यापकगण और प्रशासक आरोपी के दबाव में उन्हें चुप रहने के लिए मजबूर करते थे।
पुलिस ने धारा 75(2)/79/351(2) बीएनएस के तहत केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। इसके बाद पुलिस ने आरोपी के आश्रम और ठिकानों पर कई बार छापेमारी की, सीसीटीवी फुटेज खंगाले और संस्थान से जब्त हार्ड डिस्क को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा। अदालत में 16 छात्राओं के बयान दर्ज कराए गए हैं। स्वामी चैतन्यानंद गिरफ्तारी से लगातार बचता रहा। बाद में संस्थान के बेसमेंट से एक वोल्वो कार बरामद की गई जिस पर जाली राजनयिक नंबर प्लेट लगी थी। इस मामले में 25 अगस्त को एक और प्राथमिकी दर्ज कर कार जब्त कर ली गई।
इस प्रबंधन संस्थान के संस्थापक श्री श्री जगद्गुरु शंकराचार्य महासंस्थानम्, दक्षिणाम्नाय श्री शारदा पीठम्, श्रृंगेरी ने स्पष्ट किया कि स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ डॉ. पार्थ सारथी के अवैध और अनुचित कृत्यों से संस्था का कोई संबंध नहीं है। मठ ने उसके साथ सभी रिश्ते तोड़ने की घोषणा की है और प्राधिकारियों से शिकायत भी दर्ज कराई है।
पुलिस जांच में सामने आया है कि स्वामी चैतन्यानंद बीते 12 वर्षों से संस्थान और वसंत कुंज आश्रम में रह रहा था और स्वयं को “डायरेक्टर/मैनेजर” बताता था। छात्राओं के आरोप के अनुसार, संस्थान का स्टाफ भी उसके दबाव में काम करता था। स्वामी के खिलाफ 2009 और 2016 में भी उत्पीड़न और धोखाधड़ी के मामले दर्ज हो चुके हैं।
स्वामी मूल रुप से ओडिशा का रहने वाला है और उसने ऑनलाइन प्रोफाइल में शिकागो बूथ विश्वविद्यालय से पीएचडी की डिग्री का दावा किया है, लेकिन विश्वविद्यालय स्तर पर इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं मिली है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि स्वामी चैतन्यानंद के खिलाफ अब तक कुल पांच एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं और उसके नेटवर्क की गहन जांच की जा रही है। आरोपी दो पासपोर्ट का भी इस्तेमाल करता था और कई बार प्रधानमंत्री कार्यालय के नाम पर कॉल कर लोगों को गुमराह करने की कोशिश करता था।