लद्दाख के डीजीपी ने सोनम वांगचुक पर पाकिस्तान से संबंध होने का लगाया आरोप

लद्दाख{ गहरी खोज }: लद्दाख के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एसडी सिंह जामवाल ने शनिवार को पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के पाकिस्तान से संबंध होने का आरोप लगाया और पड़ोसी देशों की उनकी यात्राओं पर सवाल खड़े किये। लेह में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए डीजीपी जामवाल ने कहा कि पुलिस ने हाल ही में एक पाकिस्तानी पीआईओ को गिरफ्तार किया है, जो वांगचुक के संपर्क में था। उसे उस वक्त गिरफ्तार किया गया था, जब वह पाकिस्तान में रिपोर्टिंग कर रहा था। हमारे पास इसका रिकॉर्ड है। सोनम वांगचुक पाकिस्तान में डॉन के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। उन्होंने बांग्लादेश का भी दौरा किया था। इसलिए उन पर एक बड़ा सवालिया निशान है, जिसकी जांच की जा रही है।
डीजीपी ने वांगचुक पर 24 सितंबर को लेह में हिंसा भड़काने का आरोप लगाते हुए कहा कि सोनम वांगचुक का लोगों को भड़काने का इतिहास रहा है। उन्होंने अरब स्प्रिंग, नेपाल और बांग्लादेश का ज़िक्र किया है। एफसीआरए उल्लंघन के लिए उनके वित्तपोषण की जांच चल रही है। लेह हिंसा के पीछे किसी विदेशी संलिप्तता के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जांच के दौरान दो और लोगों को पकड़ा गया। अगर वे किसी साज़िश का हिस्सा हैं, तो मैं नहीं कह सकता। इस जगह पर नेपाली लोगों के मज़दूरी करने का इतिहास रहा है, इसलिए हमें जांच करनी होगी।
डीजीपी ने कहा कि भड़काऊ भाषण तथाकथित पर्यावरण कार्यकर्ताओं द्वारा दिए गए थे, जिसके कारण केंद्र शासित प्रदेश में हिंसा हुई। उन्होंने सोनम वांगचुक पर केंद्र के साथ बातचीत को पटरी से उतारने का आरोप लगाया और कहा कि 24 सितंबर को एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी। चार लोगों की जान चली गई और बड़ी संख्या में नागरिक, पुलिस अधिकारी और अर्धसैनिक बल के अधिकारी घायल हो गए। इन चल रही प्रक्रियाओं (केंद्र के साथ बातचीत) को विफल करने के प्रयास किए गए।
डीजीपी जामवाल ने कहा कि इसमें कुछ तथाकथित पर्यावरण कार्यकर्ता शामिल थे, उनकी विश्वसनीयता पर भी सवालिया निशान है। उन्होंने मंच को हाईजैक करने की कोशिश की और इसमें प्रमुख नाम सोनम वांगचुक का है, जिन्होंने पहले भी ऐसे बयान दिए हैं और इस प्रक्रिया को पटरी से उतारने का काम किया है।
उन्होंने बताया कि सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार करने के बाद जोधपुर सेंट्रल जेल में रखा गया है। वांगचुक की गिरफ्तारी लेह में हालिया विरोध प्रदर्शनों को लेकर मचे बवाल के बीच हुई है। 24 सितंबर को लेह में विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया, जिसके बाद इलाके में भाजपा कार्यालय में आग लगा दी गई। हिंसक विरोध प्रदर्शनों में चार लोगों की मौत के दो दिन बाद वांगचुक को एनएसए के प्रावधानों के तहत हिरासत में लिया गया। वांगचुक भूख हड़ताल पर थे, जो हिंसा शुरू होने के तुरंत बाद समाप्त हो गई।