HDFC बैंक को UAE में लगा झटका, रेगुलेटर ने दुबई ब्रांच पर लगाई रोक

नयी दिल्ली { गहरी खोज } : HDFC बैंक की दुबई इंटरनेशनल फाइनेंशियल सेंटर (DIFC) ब्रांच पर UAE के रेगुलेटर DFSA ने बड़ी कार्रवाई की है। अब यह ब्रांच नए ग्राहकों को जोड़ नहीं सकेगी। आदेश के मुताबिक, ब्रांच को नए क्लाइंट्स को वित्तीय सर्विस देने, सलाह देने, डील अरेंज करने या प्रमोशन करने से रोका गया है। हालांकि, यह रोक पहले से मौजूद ग्राहकों पर लागू नहीं होगी। बैंक ने कहा है कि उसने रेगुलेशन के निर्देशों का पालन करने के लिए कदम उठाए हैं। इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, HDFC बैंक की DIFC ब्रांच नए क्लाइंट्स को किसी भी तरह की वित्तीय सेवा नहीं दे पाएगी। इसमें फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स पर सलाह, निवेश सौदे, क्रेडिट अरेंजमेंट और कस्टडी सर्विस शामिल हैं। ब्रांच नए ग्राहकों के लिए प्रमोशन भी नहीं कर पाएगी।यह रोक केवल नए ग्राहकों पर लागू होगी। जो ग्राहक पहले से बैंक की सेवाएं ले रहे हैं, उनके लिए कोई बदलाव नहीं होगा। साथ ही जिन ग्राहकों को सेवाएं ऑफर की गई थीं लेकिन अभी तक ऑनबोर्डिंग नहीं हुई थी, उन पर भी यह रोक लागू नहीं होगी।
DFSA ने बैंक की ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया और ग्राहकों को दी गई सेवाओं में खामियों पर चिंता जताई है। खासतौर पर उन ग्राहकों को लेकर सवाल उठे हैं जिन्हें पूरी तरह ऑनबोर्ड किए बिना सेवाएं दी गईं। रेगुलेटर ने कहा कि आदेश तब तक लागू रहेगा जब तक इसे लिखित रूप में वापस नहीं लिया जाता।
बैंक ने कहा है कि DIFC ब्रांच उसके कुल कारोबार और वित्तीय स्थिति के लिए बहुत महत्वपूर्ण नहीं है। 23 सितंबर तक इस ब्रांच में 1489 ग्राहक थे। बैंक ने कहा कि वह DFSA के साथ मिलकर जांच में सहयोग कर रहा है और जल्द से जल्द कमियों को दूर करेगा।
यह मामला दो साल पहले उठे विवाद से जुड़ा है। आरोप था कि बैंक ने UAE में Credit Suisse के हाई रिस्क AT1 बॉन्ड्स की गलत तरीके से बिक्री की। 2023 में क्रेडिट सुइस के डूबने पर इन बॉन्ड्स से कई अमीर NRI निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। अब रेगुलेटर जांच कर रहा है कि DIFC में ग्राहकों को सही तरीके से ऑनबोर्ड किया गया था या नहीं।