21वीं सदी में स्वच्छ ऊर्जा में आगे रहने वाले देश ही सफल : प्रधानमंत्री

नई दिल्ली{ गहरी खोज }: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को राजस्थान के बांसवाड़ा से देशभर में विकास परियोजनाओं की श्रृंखला का उद्घाटन और शिलान्यास किया। कुल 1.22 लाख करोड़ रुपये से अधिक की योजनाओं की शुरुआत करते हुए उन्होंने इसे ‘ऊर्जा शक्ति’ को समर्पित बताया। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में देशों को विकास के लिए अपने यहां बिजली उत्पादन बढ़ाना होगा। इसमें स्वच्छ ऊर्जा में आगे रहने वाले देश ही सफल रहेंगे। इस दिशा में उनकी सरकार स्वच्छ ऊर्जा अभियान को जन आंदोलन बनाकर आगे बढ़ा रही है।
प्रधानमंत्री ने इस दौरान एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा कि बिजली आज के युग में विकास की रीढ़ है। इस दौरान बांसवाड़ा में देश की सबसे बड़ी परियोजनाओं में से एक माही बांसवाड़ा राजस्थान एटॉमिक पावर प्रोजेक्ट की नींव रखी गई और इसकी लागत लगभग 42 हजार करोड़ रुपये है। इसमें चार स्वदेशी 700 मेगावाट रिएक्टर होंगे।
स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में प्रधानमंत्री ने राजस्थान, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और कर्नाटक में विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास किया। राजस्थान में सौर परियोजनाएँ फलोदी, जैसलमेर, जालौर और सीकर में शुरू हुईं। साथ ही बाड़मेर में ग्रिड सबस्टेशन और कई ट्रांसमिशन लाइनें भी शुरू की गईं, जो 15.5 गीगावाट हरित ऊर्जा को देशभर में पहुंचाएँगी। प्रधानमंत्री ने पीएम-कुसुम योजना के अंतर्गत किसानों को सौर पंप और सौर फीडर उपलब्ध कराने की परियोजनाओं का उद्घाटन किया, जिससे लाखों किसानों को सिंचाई के लिए सस्ती और सतत बिजली मिलेगी।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने बिजली, जल और कानून-व्यवस्था की अनदेखी की। राजस्थान में पेपर लीक, महिला उत्पीड़न और अवैध शराब व्यापार जैसी समस्याएँ चरम पर थीं। उन्होंने कहा कि अब हालात बदले हैं और विकास दक्षिण राजस्थान तक पहुँच रहा है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने बिजली के महत्व पर ध्यान नहीं दिया। साल 2014 में उनकी सरकार आने से पहले तक भारत के 2.5 करोड़ घरों में बिजली का कनेक्शन नहीं था। आजादी के 70 साल बाद भी देश के 18 हजार गांवों में बिजली के खंभे तक नहीं लगे थे। देश के बड़े-बड़े शहरों में घंटों तक बिजली कटौती होती थी और गांवों में 4-5 घंटे बिजली आना बड़ी बात मानी जाती थी। साल 2014 में उनकी सरकार ने इन हालातों को बदलने का संकल्प लिया और हमने देश के हर गांव तक बिजली पहुंचाई। हमारी सरकार ने 2.5 करोड़ घरों को मुफ्त बिजली कनेक्शन दिया और जहां-जहां तार पहुंचे, वहां बिजली भी पहुंची। इससे लोगों की जिंदगी आसान हुई और नए-नए उद्योग भी स्थापित हुए।
प्रधानमंत्री ने राजस्थान की पिछली कांग्रेस सरकार पर परीक्षा पत्र लीक के मुद्दे पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार में राजस्थान पेपर लीक का केंद्र बन गया था। जल जीवन मिशन को भी कांग्रेस ने भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया था। महिलाओं पर अत्याचार चरम पर था और बलात्कारियों को संरक्षण दिया जा रहा था। कांग्रेस सरकार में बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ जैसी जगहों पर अपराध और अवैध शराब का कारोबार खूब पनपा। राज्य में भाजपा की सरकार बनने पर कानून व्यवस्था को मजबूत किया गया और विकास परियोजनाओं में तेजी आई। आज भाजपा सरकार राजस्थान को तेज विकास की राह पर आगे बढ़ा रही है।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने जल सुरक्षा की दिशा में लगभग 20,830 करोड़ की परियोजनाओं का शुभारंभ किया। इनमें इसारदा बांध, मोर सागर जलाशय, धौलपुर लिफ्ट प्रोजेक्ट, टकली प्रोजेक्ट समेत कई कार्य शामिल हैं। पेयजल के लिए भी बांसवाड़ा, डूंगरपुर, उदयपुर, अजमेर और अन्य जिलों में 5,880 करोड़ रुपये की योजनाओं की नींव रखी गई।
बुनियादी ढाँचे को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री ने 2,630 करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाएँ, अटल प्रगति पथ, पुल और फ्लाईओवर का उद्घाटन किया। रेलवे क्षेत्र में तीन नई ट्रेनों- बीकानेर-दिल्ली वंदे भारत, जोधपुर-दिल्ली वंदे भारत और उदयपुर-चंडीगढ़ एक्सप्रेस को हरी झंडी दी। साथ ही भरतपुर में 250 बेड के अस्पताल और जयपुर में आईटी एवं ई-गवर्नेंस केंद्र का उद्घाटन किया गया।
युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री ने राजस्थान में 15 हजार से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र वितरित किए। इनमें पशु परिचारक, कनिष्ठ सहायक, जूनियर इंजीनियर, प्रशिक्षक और अध्यापक शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह अभियान देशभर में नए अवसर पैदा कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर अंत्योदय के सिद्धांत को याद किया और कहा कि गरीब, दलित और आदिवासी समाज का उत्थान उनकी सरकार का मिशन है। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का उदाहरण देते हुए कहा कि यह उनकी सरकार ही है जिसने आदिवासी समाज को वास्तविक प्राथमिकता दी है। पीएम जनमन योजना, धरती आबा अभियान और वन-धन योजना जैसी पहलों से करोड़ों आदिवासी लाभान्वित हुए हैं। कर सुधारों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जीएसटी से सामान्य परिवारों को सीधी बचत हो रही है। “जीएसटी सेविंग्स फेस्टिवल” हर घर के बजट को राहत दे रहा है।
आत्मनिर्भर भारत का आह्वान करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि त्योहारों के समय सबको शपथ लेनी चाहिए कि खरीदी-बिक्री में केवल स्वदेशी उत्पादों को अपनाएँ। स्वदेशी से ही गाँव, किसान और मजदूर समृद्ध होंगे और यही राष्ट्र निर्माण का मार्ग है।
इस दौरान उन्होंने ‘मां त्रिपुर’ सुंदरी और ‘मां माही’ को नमन किया और महायोगी गोविंद गुरु, महाराणा प्रताप तथा राजा बांसिया भील को श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी भी उपस्थित रहे।