पाकिस्तान वायु सेना की बमबारी

संपादकीय { गहरी खोज }: पाकिस्तान की वायु सेना ने खैबर पख्तूनख्वा में तिराह घाटी स्थित मत्रे दारा गांव पर विमानों से भीषण बमबारी की। देश की विपक्षी पीटीआई पार्टी (पाकिस्तान तहरीक-ए-इन्साफ) ने कहा है कि इस बमबारी के बाद मलबे से कम से कम 24 शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि 20 अन्य घायल हैं। इन हमलों में 5 घरों को निशाना बनाया गया, जो पूरी तरह तबाह हो गए। उधर, पुलिस ने कहा, घरों में आतंकी विस्फोटक बना रहे थे। पीटीआई के नेताओं ने आरोप लगाया कि खैबर पख्तूनख्वा का मत्रे दारा गांव इस हवाई हमले के बाद महिलाओं और बच्चों के शवों से भर गया है। जानकारी दी गई कि जिन पांच घरों को पाकिस्तान वायु सेना के विमानों ने निशाना बनाया, वहां रहने वाले महिला और बच्चों के शव मलबे में अभी भी दबे हुए हैं। इस दौरान कई शव और कई घायल मलबे से निकाले जा रहे हैं। पीटीआई ने घटनास्थल की विचलित करने वाली तस्वीरें और वीडियो भी साझा किए हैं, जिनमें बच्चों सहित कई शव पड़े हुए दिखाई दे रहे हैं। पीटीआई नेता अबू अब्दुल सत्तार ने बताया कि खैबर की तिराह घाटी में जेट विमान बमबारी के दौरान, कई बम स्थानीय आबादी पर गिरे। पुलिस ने कहा, यह धमाका पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों ने नहीं बल्कि बम बनाने में इस्तेमाल होने वाले विस्फोटकों में हुए धमाके से हो गया। इसमें 14 आतंकियों समेत 24 लोगों की मौत हो गई। इस धमाके में महिलाओं और बच्चों समेत कम से कम 10 आम नागरिक भी मारे गए। हालांकि स्थानीय निवासियों ने पुलिस की इस थ्योरी को पूरी तरह झूठा बताते हुए कहा, परिसर पर हवाई हमले हुए थे। पाकिस्तान में अक्सर सैन्य कार्रवाई पर पुलिस ऐसी ही दलील देती है। क्षेत्रीय लोगों में इस घटना के बाद काफी नाराजगी है। स्थानीय सांसद ने कहा कि वह घाटी जहां बच्चे कभी खुलकर हंसते थे, अब वहां उनकी नन्हीं लाशें पड़ी हुई हैं। यह राज्य का उत्पीड़न है, और यह इतिहास के माथे पर एक काला धब्बा है जिसे कभी नहीं मिटाया जा सकता। अफरीदी ने राज्य की क्रूरता के लिए जवाबदेही और न्याय की भी मांग की। वह बोले मृतकों की हत्या का हिसाब लिया जाना चाहिए, उनके शोकाकुल परिवारों को न्याय मिलना चाहिए। पीटीआई सांसद अब्दुल गनी ने क्षेत्रीय हालात को बेहद विनाशकारी बताया। वह बोले, तिराह अकाखेल में हमारे अपने रक्षकों ने निर्दोष बच्चों, युवाओं और महिलाओं को बेरहमी से हत्या कर दी है, धरती को खून से रंग दिया है। हम वैश्विक मीडिया और मानवाधिकार संगठनों से आग्राह करते हैं कि गाजा और फलस्तीन की तरह हमारे लिए भी आवाज उठाएं। इस इलाके में पाकिस्तानी जेट विमानों की बमबारी ने एक छोटा ही सही लेकिन सर्वनाश ला दिया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में इस तरह के मामलों में लगातार वृद्धि होते हुए देखी जा रही है। एक अन्य स्थानीय पीटीआई नेता मोहम्मद यूनुस अंसारी ने कहा कि मृतकों में बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं। पाकिस्तानी सेना ने कभी ड्रोन और कभी बमबारी करके नफरत के इतने बीज बो दिए हैं कि जब यह लावा फूटेगा, तो कुछ भी नहीं बचेगा। खैबर पख्तूनख्वा प्रांतीय विधानसभा के सदस्य अब्दुल गनी अफरीदी ने राज्य पर अपनों को निशाना बनाने का आरोप लगाया व इसे मानवता के विरुद्ध खुला अपराध कहा।
पाकिस्तान सेना का दावा है कि यह हमला तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के बम निर्माण केंद्र पर किया गया था। गौरतलब है कि खैबर पख्तूनख्वा का यह क्षेत्र अफगानिस्तान और दक्षिण एशिया के बीच दरवाजा कहलाता है। अतीत में जाएं तो भारत पर गौरी, गजनी व बाबर जैसे हमलावर इसी रास्ते से आये थे। 1947 में पखतूनो ने अपने लिए अलग देश की मांग की थी लेकिन अंग्रेजी हकूमत व जिन्ना की चाल में फंसकर रह गए। तब का असंतोष या रोष कहे पखतूनों के दिलों में आज भी है, उसे दबाने के लिए पाकिस्तान ने यह बमबारी की है। आतंकवाद से निपटने के बहाने, पाकिस्तान का सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व खैबर पख्तूनख्वा में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ यानी पीटीआई सरकार को कमजोर करने की भरसक कोशिश कर रहा है। वास्तव में पाक हुकमरान अतीत में भी सेना के इशारे पर विपक्षी राजनीतिक दलों के दमन के लिये अभियान चलाते रहे हैं। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान की मुख्य विपक्षी पार्टी पीटीआई अपने संस्थापक, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के दो साल से जेल में बंद होने के विरोध में पहले ही संघर्ष जारी रखे हुए है। पूरे देश में पीटीआई कार्यकर्ताओं को जेलों में डाला जा रहा है। दरअसल, पाकिस्तान की सत्ता में काबिज वर्ग विशेष के खिलाफ प्रतिरोध का स्वर मुखर करने वाले प्रांतों में लोगों के सफाये के लिये सुनियोजित अभियान चलाये जाते रहे हैं। खैबर पख्तूनख्वा में लंबे समय से मानवाधिकारों के हनन और लोगों के जबरन विस्थापन के खिलाफ लगातार विरोध के स्वर उभरते रहे हैं। अब इस हवाई हमले ने पाकिस्तान सरकार के नापाक मंसूबों को सारी दुनिया के सामने उजागर कर दिया है, जो अपने सोते हुए नागरिकों पर बम बरसाकर खतरनाक इरादों को अंजाम दे रही है।
पाकिस्तान द्वारा अपने नागरिकों पर की बमबारी से उसका नापाक चेहरा दुनिया के सामने एक बार फिर आया है। ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ के बाद पाकिस्तान वायु सेना की अपने नागरिकों को आतंकी बता उनके घरों पर बमबारी करने का उद्देश्य अपने आप को आतंकी पीड़ित देश बताकर अपने गुनाहों पर पर्दा डालना भी हो सकता है। झूठ तो झूठ ही होता है, सत्य को छिपाया नहीं जा सकता, चाहे पाकिस्तान कितनी बमबारी नागरिकों पर कर ले।