नक्सल संगठन के केंद्रीय समिति के मारे गए दो सदस्य 2.16 करोड़ के इनामी थे : सुंदरराज पी.

नारायणपुर{ गहरी खोज }: छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के आईजी सुंदरराज पी. ने मंगलवार काे नारायणपुर में बताया कि 2.16 करोड़ रुपये के इनामी दो नक्सली मारे गए हैं। ये दोनों नक्सली केंद्रीय समिति सदस्य थे। सोमवार को इन दोनों को सुरक्षा बलों ने एक मुठभेड़ में मार गिराया था।
आज नारायणपुर में आयाेजित पत्रकार वार्ता में बस्तर संभाग के आईजी सुंदरराज ने बताया कि छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के महाराष्ट्र सीमा क्षेत्र में कट्टा रामचंद्र रेड्डी और कादरी सत्यनारायण रेड्डी सहित दर्जनों नक्सलियों के गतिविधि की सूचना पर त्वरित कार्यवाही करते हुए सोमवार काे फरसबेड़ा और तोयमेटा के जंगल पहाड़ के पास नक्सलियों ने पुलिस दल पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। सुरक्षा बल के जवानों ने जवाबी कार्यवाही में कुछ नक्सलियों को मार गिराया।
उन्होंने बताया कि तलाशी अभियान के दौरान सुरक्षाबलाें ने 2 माओवादी के शव सहित मुठभेड़ स्थल से 1 एके-47 राइफल, 1 इंसास राइफल और 1 बीजीएल लॉन्चर सहित भारी मात्रा में विस्फोटक, माओवादी साहित्य एवं अन्य सामग्री बरामद किया गया है। मारे गये दाेनाें नक्सलियाें की पहचान 1.8 करोड़-1.8 करोड़ रुपये के इनामी केंद्रीय समिति सदस्य राजू दादा उर्फ कट्टा रामचंद्र रेड्डी उर्फ गुड़सा उसेंडी उर्फ विजय उर्फ विकल्प और कोसा दादा उर्फ कादरी सत्यनारायण रेड्डी उर्फ गोपन्ना उर्फ बुचन्ना के रूप में हुई है।
नक्सलियाें के केंद्रीय समिति के दोनों सदस्य राजू दादा और कोसा दादा पिछले तीन दशकों से दंडकारण्य विशेष क्षेत्रीय समिति में सक्रिय थे और अनेक हिंसक घटनाओं के मास्टरमाइंड रहे हैं, जिनमें कई जवान बलिदान हुए और निर्दोष नागरिकों की जानें गईं। इसके लिए जिम्मेदार सीपीआई (माओवादी) केंद्रीय समिति सदस्य राजू दादा उर्फ कट्टा रामचंद्र रेड्डी ढेर कर दिया गया है।
महराबेड़ा में सीआरपीएफ 27 जवान, बुकिनतोर ब्लास्ट 4 जवान और जोनागुडेम व टेकलगुडा में 44 जवानों के नरसंहार करने सहित छत्तीसगढ़ में 16,आंध्र प्रदेश में 2, तेलंगाना मे 4 और महाराष्ट्र में 5 कुल 27 अपराध में मुख्य आरोपित सीपीआई (माओवादी) केंद्रीय समिति सदस्य कोसा दादा उर्फ कादरी सत्यनारायण रेड्डी को भी मार गिराया गया है। वह कच्चापाल जनअदालत में 6 ग्रामीणों की हत्या, गढ़चिरौली के मरकाटोला में 17 जवान, मदानवाड़ा एंबुश में तत्कालीन एसपी सहित 27 जवान और ईरपानार एंबुश में 4 जवानों की नरसंहार तथा सुकमा कलेक्टर का अपहरण सहित छत्तीसगढ़ में 6 ,महाराष्ट्र में 48, आंध्र प्रदेश में 2, तेलंगाना मे 6, कुल 62 अपराध में मुख्य आरोपित था।
बस्तर आईजी सुंदरराज पी. ने कहा किभारत सरकार एवं छत्तीसगढ़ शासन की मंशानुरूप एवं क्षेत्र की जनता की इच्छा अनुसार प्रतिबंधित एवं गैर कानूनी सीपीआई माओवादी संगठन की खात्मे की दिशा में सुरक्षा बलों द्वारा लगातार छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ क्षेत्र में सुरक्षा बलों द्वारा माओवादी विरोधी अभियान चलाया जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप, सुरक्षा बलों ने माओवादियों के सशस्त्र दस्तों और उनके ईको सिस्टम तंत्र को भारी नुकसान पहुंचाया है, जिससे उनके प्रभाव क्षेत्र में महत्वपूर्ण कमी आई है। उन्होंने कहा कि अबूझमाड़ लगभग 5000 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला हुआ है, जो नारायणपुर, बीजापुर, कांकेर और दंतेवाड़ा जिलों में स्थित है, जो अत्यधिक कठिन और ऊबड़-खाबड़ इलाका है, जिसमें घने जंगल माओवादियों के सशस्त्र दस्तों एवं माओवादियों के शीर्ष नेतृत्व के लिए सुरक्षित ठिकाने व आश्रय स्थली प्रदान करते हैं। पिछले दो वर्षों में, सुरक्षा शिविरों की स्थापना और माओवादी विरोधी अभियानों के कारण माओवादियों का गढ़ महत्वपूर्ण रूप से कमजोर हुआ है।
बस्तर आईजी सुंदरराज पी. ने कहा कि प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (माओवादी) ने हाल के समय में गंभीर एवं अपूरणीय क्षति झेली है, जिसके कारण संगठन आज बिखरा हुआ, नेतृत्व विहीन और दिशाहीन हो गया है, जो संगठन कभी स्वयं को एकजुट मोर्चे के रूप में प्रस्तुत करता था, वह अब आंतरिक कलह और गंभीर संकटों से जूझ रहा है।” वर्ष 2025 में वरिष्ठ माओवादी कैडरों बसवराजु, सुधाकर, चलपति, मोडेम बालकृष्ण, उदय, साहदेव और विवेक मांझी की मृत्यु से संगठन पूरी तरह अव्यवस्थित हो गया है। 22 सितम्बर 2025 को हुई मुठभेड़ में कोसा दादा और राजू दादा की मौत ने इस प्रतिबंधित और अवैध संगठन को और अधिक कमजोर कर दिया है।
आईजी ने यह भी रेखांकित किया कि वर्ष 2024 में जिस सशक्त अभियान की गति बनी थी, वह वर्ष 2025 में भी लक्षित, निरंतर और उच्च प्रभाव वाले अभियानों के माध्यम से आगे बढ़ाई जा रही है। यहां यह उल्लेखनीय है बस्तर रेंज में जनवरी 2024 से 22 सितम्बर 2025 तक कुल 437 कुख्यात माओवादी मारे गए हैं, जो प्रभावी रणनीति, साहसी कार्रवाई और स्थानीय समुदायों के जबरदस्त सहयोग का प्रमाण है। भारत सरकार के दृढ़ संकल्प को दोहराते हुए आईजी बस्तर ने कहा कि “वामपंथी उग्रवाद के विरुद्ध लड़ाई अटूट संकल्प, शक्ति और प्रतिबद्धता के साथ तब तक जारी रहेगी, जब तक इस संगठन का पूरी तरह समूल नाश नहीं हो जाता। हिंसा के मार्ग पर अब भी सक्रिय माओवादी कैडरों से अपील की गई कि वे हथियार त्याग कर आत्मसमर्पण करें और मुख्यधारा में लौट आएं—अन्यथा कठोर परिणामों का सामना करने के लिए तैयार रहें।
एसपी नारायणपुर रोबिनसन गुड़िया ने कहा कि अबूझमाड़ में केंद्रीय समिति के दो शीर्ष नक्सलियों के मारे जाने से संगठन को बहुत बड़ा झटका लगा है। यह वही नेतृत्व था, जो पिछले तीन दशकों से नक्सलियों की हिंसक गतिविधियों को संचालित कर रहा था। इनके खात्मे से नक्सलियों की कमर टूटी है और सुरक्षा बलों का मनोबल और ऊँचा हुआ है। हम नक्सल मुक्त बस्तर के अपने लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। अबूझमाड़ क्षेत्र में नक्सल उन्मूलन के लिए चलाए जा रहे संयुक्त अभियान में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई है। आईटीबीपी, बीएसएफ एसटीएफ और डीआरजी की संयुक्त कार्रवाई में 2024 से अब तक नारायणपुर में कुल 127 माओवादी मारे जा चुके हैं। यह उपलब्धि सुरक्षा बलों के समन्वित प्रयासों और लगातार चल रहे सर्च एवं डोमिनेशन ऑपरेशनों का परिणाम है, जिससे अबूझमाड़ क्षेत्र में नक्सलियों की गतिविधियों पर प्रभावी अंकुश लगा है।