गुजरात और उत्तर प्रदेश में उपज खरीदी के लिए केंद्र ने दी मंजूरी

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने खरीफ 2025-26 के लिए उत्तर प्रदेश और गुजरात में प्रमुख दलहन एवं तिलहन फसलों की खरीद को स्वीकृति दी है। इसके साथ किसानों से उड़द व तूर की शत-प्रतिशत खरीद के लिए मंत्रालय ने मंजूरी दी है, वहीं उत्तर प्रदेश में मूंग, तिल, मूंगफली तथा गुजरात में सोयाबीन, मूंग व मूंगफली भी खरीदने की अनुमति प्रदान की है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को वर्चुअल बैठक में उप्र के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही तथा गुजरात के कृषि मंत्री राघवजी पटेल शामिल थे। वहीं केंद्रीय कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी तथा केंद्र व दोनों राज्य सरकारों के वरिष्ठ कृषि अधिकारी भी बैठक में सम्मिलित हुए। शिवराज सिंह ने कहा कि किसानों के हित में पूरी खरीद प्रक्रिया पारदर्शी, डिजिटल व सुचारू रूप से की जाएं, जिस पर दोनों राज्यों के कृषि मंत्रियों ने कहा कि उपज खरीद आधुनिक बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण व पीओएस मशीन व्यवस्था के साथ डिजिटल पोर्टलों के जरिए होगी।
बैठक में उत्तर प्रदेश के प्रस्ताव पर चर्चा के बाद शिवराज सिंह ने राज्य में उड़द 2 लाख 27 हजार 860 मीट्रिक टन (100 प्रतिशत) खरीद को स्वीकृति प्रदान की, जिसका मूल्य 1777.30 करोड़ रुपये रहेगा। तूर की भी शत-प्रतिशत 1,13,780 मीट्रिक टन खरीद के लिए केंद्र की ओर से शिवराज ने मंजूरी दी है, जिसकी कीमत 910.24 करोड़ रु. रहेगी। मूंग की 1983 मीट्रिक टन खरीद को मंजूरी दी गई, जिसकी कीमत 17.38 करोड़ रु. होगी। इसके अलावा, तिल की 30,410 मीट्रिक टन खरीद की स्वीकृति केंद्रीय मंत्री ने दी है, जिसकी कीमत 299.42 करोड़ रु. होगी। साथ ही मूंगफली की 99,438 मीट्रिक टन खरीद की स्वीकृति दी गई है, जिसका मूल्य 722.22 करोड़ रु. रहेगा।
शिवराज सिंह ने गुजरात में किसानों के लिए उड़द की पूरी 47,780 मीट्रिक टन उपज की खरीद को मंजूरी दी है, जिसकी कुल कीमत 372.68 करोड़ रु. होगी। साथ ही, सोयाबीन की 1,09,905 मीट्रिक टन खरीदी की मंजूरी दी है, जिसकी कीमत 585.57 करोड़ रु. होगी। गुजरात में मूंगफली की 12 लाख 62 हजार 163 मीट्रिक टन मात्रा खरीदने की स्वीकृति केंद्रीय कृषि मंत्री ने दी है, जिसकी कीमत 9,167.08 करोड़ रु. रहेगी। इसके अलावा, मूंग 4,415 मीट्रिक टन खरीदने की स्वीकृति शिवराज सिंह ने दी है, जिसका मूल्य 38.71 करोड़ रु. रहेगा।
शिवराज सिंह ने खरीद प्रक्रिया में पूरी तरह से पारदर्शिता अपनाने पर जोर दिया, ताकि कहीं कोई गड़बड़ी नहीं होने पाएं, साथ ही कहा कि इस बात का ध्यान रखा जाएं कि वास्तविक किसानों से ही खरीद हो, बिचौलिए इसका फायदा नहीं ले सकें। इस संबंध में, बताया गया कि सभी खरीद केंद्रों पर खरीद शुरू होने से पहले आधार आधारित बायोमेट्रिक/चेहरा प्रमाणीकरण, तथा पीओएस मशीनों की तैनाती (उत्तर प्रदेश में लगभग 350 तथा गुजरात में करीब 0400) होगी। नेफेड और एनसीसीएफ को किसानों के पूर्व-पंजीकरण के लिए पत्र भेजे गए हैं, ताकि केवल पंजीकृत किसान ही एमएसपी पर फसल बेच सकें। खरीद कार्यवाही पूरी तरह ई-समृद्धि और ई-सम्युक्ति पोर्टल पर डिजिटल होगी, जिससे सीधे बैंक खाते में भुगतान संभव होगा।
शिवराज सिंह ने कहा कि उपरोक्त स्वीकृत मात्रा को खरीफ 2025-26 के प्रथम अग्रिम अनुमान आने के बाद आवश्यकतानुसार संशोधित भी किया जा सकता है, ताकि किसानों को अधिकतम लाभ मिल सके। डिजिटल एवं पारदर्शी व्यवस्था से हर पात्र किसान को सरकारी दर पर अपनी फसल बेचने तथा समय से भुगतान पाने का अधिकार मिलेगा।

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