रातभर की बारिश ने डुबोया कोलकाता, जनजीवन ठप, पांच लोगों की मौत, ममता ने दिए बड़े निर्देश

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कोलकाता{ गहरी खोज }: कोलकाता और उसके आसपास के इलाकों में मूसलाधार बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं। सोमवार देर रात से मंगलवार सुबह तक हुई रिकॉर्डतोड़ बारिश ने पूरे महानगर को जलमग्न कर दिया। गलियों से लेकर मुख्य सड़कों तक पानी भर गया, रेल और मेट्रो सेवाएं प्रभावित हो गईं, हवाई उड़ानें लेट या रद्द करनी पड़ीं, यहां तक कि पंडाल सजाने का काम भी रुक गया। इस अभूतपूर्व स्थिति से निपटने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कई अहम घोषणाएं कीं है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार से ही सभी सरकारी स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी है। स्कूल शिक्षा विभाग ने आधिकारिक आदेश जारी किया है। साथ ही आईसीएसई और सीबीएसई से जुड़े निजी विद्यालयों को भी अगले दो दिन यानी 24 और 25 सितंबर तक बंद रखने का अनुरोध किया गया है। शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने एक्स पर जानकारी दी कि 23, 24 और 25 सितंबर को राज्य के सभी स्कूल और उच्च शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे। इस तरह पूजा की छुट्टियां तय समय से तीन दिन पहले ही शुरू हो गई हैं।
कोलकाता विश्वविद्यालय ने भी मंगलवार को होने वाली सभी परीक्षाएं रद्द कर दीं और कहा कि नई तारीख जल्द घोषित की जाएगी। कॉलेज स्ट्रीट कैंपस पूरी तरह जलमग्न है, जहां खड़ी गाड़ियां तक पानी में डूब गई हैं। जादवपुर विश्वविद्यालय ने भी सभी कक्षाएं और बैठकों को रद्द कर दिया। मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालयों को ऑनलाइन क्लास आयोजित करने की सलाह दी है।
शहर की धड़कन कही जाने वाली मेट्रो सेवाएं भी बारिश के कारण ठप हो गईं। सोमवार रात हुई बारिश के बाद मंगलवार सुबह महानायक उत्तम कुमार और रवींद्र सरोवर स्टेशन के बीच सुरंग में पानी भर गया। यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए शहीद खुदीराम से मैदान स्टेशन तक की सेवाएं रोक दी गईं।
बरिश और जलजमाव के कारण बस, ऑटो और टैक्सी सेवाएं चरमरा गईं। कई जगहों पर सार्वजनिक परिवहन ठप हो गया। हवाई अड्डे पर भी बारिश का असर पड़ा। पायलट और कॉकपिट क्रू के देर से पहुंचने के कारण कई उड़ानें लेट हुईं। इंडिगो की पटना और भुवनेश्वर जाने वाली उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। पुणे से आई एक फ्लाइट को खराब मौसम की वजह से भुवनेश्वर डायवर्ट कर दिया गया। मंगलवार सुबह एयरपोर्ट के पार्किंग बे और हैंगर के सामने पानी भर गया, जिसे पंपों से निकाला जा रहा है। बारिश के बीच बिजली हादसों ने हालात और गंभीर कर दिए। मंगलवार सुबह तक अलग-अलग इलाकों में करंट लगने से पांच लोगों की मौत हो गई। नेताजी नगर में एक फल बेचने वाले की मौत हुई, जबकि कालिकापुर, बालीगंज प्लेस और बिनियापुकुर में भी तीन लोगों ने जान गंवाई। एकबालपुर में जितेंद्र सिंह (उम्र 60 वर्ष) की भी करंट लगने से मौत हो गई।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बिजली कंपनी सीईएससी को फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि बार-बार तारों को ठीक करने को कहा गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। ममता ने मृतकों के परिजनों को सीईएससी की ओर से मदद और नौकरी देने का निर्देश दिया है।
दुर्गा पूजा की तैयारियां भी बारिश की भेंट चढ़ गईं। कई जगहों पर अधूरे स्टॉल गिर गए, पंडाल बनाने की सामग्री बह गई। आयोजकों का कहना है कि ऐसी बाधा हाल के वर्षों में नहीं देखी गई। कारीगर और समितियां अब इस बात से चिंतित हैं कि यदि बारिश का सिलसिला जारी रहा, तो त्योहार की रौनक फीकी पड़ सकती है।
मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार रात 10:30 बजे से मंगलवार सुबह पांच बजे तक अलीपुर में 247.5 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई। गड़िया में 332 मिलीमीटर, जोधपुर पार्क में 285 मिलीमीटर और कालीघाट में 280.2 मिलीमीटर बारिश हुई। सामान्यतः 100 मिलीमीटर बारिश से ही कोलकाता में जलभराव हो जाता है, लेकिन इस बार औसत से दोगुनी से ज्यादा बारिश दर्ज की गई।
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि बारिश और ज्वार का असर एक साथ हुआ, तो जल निकासी की स्थिति और खराब हो सकती है। इस बीच मुख्यमंत्री ने लोगों को चेतावनी दी है कि बहुत जरूरी न हो तो घरों से बाहर न निकलें। उन्होंने सरकारी कर्मचारियों से कहा कि ऑफिस न आने पर भी कोई दिक्कत नहीं होगी और प्राइवेट कंपनियों से अपील की कि वे मानवीय दृष्टिकोण से कर्मचारियों को छुट्टी दें।

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