एक दशक में स्टार्टअप्स में 380 फीसदी की वृद्धि, भारत बना दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम : अमित शाह

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  • देश में आज 1.92 लाख से अधिक स्टार्टअप्स और 120 से ज्यादा यूनिकॉर्न हैं, जिनकी कुल वैल्यू 350 बिलियन डॉलर से भी अधिक

गांधीनगर{ गहरी खोज }: केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को गांधीनगर में “स्टार्टअप कॉन्क्लेव-2025” का शुभारंभ करते हुए कहा कि यह कॉन्क्लेव प्रधानमंत्री नरेन्द्रभाई मोदी के माइंड टू मार्केट के विचार को साकार करने का मंच साबित होगा। प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में पिछले एक दशक में स्टार्टअप्स की संख्या में 380 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर के साथ आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम और डिजिटल इकोसिस्टम बन गया है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गांधीनगर के महात्मा मंदिर में आयोजित दो दिवसीय “स्टार्टअप कॉन्क्लेव और एग्जिबिशन-2025” का आज मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की उपस्थिति में शुभारंभ के बाद विभिन्न स्टार्टअप स्टॉल्स का अवलोकन कर उद्यमियों से संवाद किया। साथ ही उन्हें प्रोत्साहित भी किया। देश के युवा उद्यमियों को स्टार्टअप क्षेत्र में आई क्रांति का श्रेय देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि वर्ष 2014 से पहले देश में केवल 500 के आसपास स्टार्टअप्स और मात्र चार यूनिकॉर्न थे।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने युवाओं में छिपी क्षमताओं को सामने लाने के लिए कि गए प्रोत्साहनों के परिणामस्वरूप आज देश में 1.92 लाख से भी अधिक स्टार्टअप्स और 120 से ज्यादा यूनिकॉर्न सक्रिय हैं, जिनकी कुल वैल्यू 350 बिलियन डॉलर से भी अधिक है। परिणामस्वरूप आज भारत का युवा जॉब सीकर नहीं, बल्कि जॉब गीवर बन रहा है। उन्होंने निवेशकों और उद्योगपतियों से युवाओं की इस क्षमता का लाभ उठाने की भी अपील की।
स्टार्टअप कॉन्क्लेव के इस दूसरे संस्करण के बारे में उन्होंने कहा कि लगातार दो दिन चलने वाले इस कॉन्क्लेव में भारत को हर क्षेत्र में सर्वोच्च बनाने और हर नागरिक के जीवन में समयानुकूल परिवर्तन लाने के लिए चिंतन और विचार-विमर्श के जरिए सात सत्रों में समस्याओं का समाधान खोजा जाएगा। वर्ष 2023 में स्टार्टअप कॉन्क्लेव के पहले संस्करण की सफलता के बाद यह दूसरा संस्करण देश और प्रदेश के उज्ज्वल भविष्य निर्माण में और अधिक सहायक सिद्ध होगा।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 में ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में भारत 91वें स्थान पर था, जो प्रधानमंत्री की निर्णायक और दूरदर्शी नीतियों के परिणामस्वरूप हाल ही में जारी वर्ष 2025 के ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में सीधे 38वें स्थान पर पहुंचा है, जो युवाओं में छिपी क्षमता को दर्शाता है। युवाओं की इसी क्षमता को प्रोत्साहित कर आने वाले तीन वर्षों में भारत को ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में शीर्ष 10 देशों में स्थान दिलाने में भी यह कॉन्क्लेव महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि भारतीय ज्ञान प्रणाली में स्वास्थ्य, विज्ञान, गणित, दर्शनशास्त्र समेत विभिन्न विषयों का श्रेष्ठ ज्ञान संचित है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह ज्ञान का खजाना युवाओं के नए स्टार्टअप्स की मजबूत नींव बनेगा।
उन्होंने प्रधानमंत्री के शब्दों को दोहराते हुए कहा कि भारत में लाखों समस्याएँ होंगी, लेकिन उनके सामने अरबों प्रॉब्लम सॉल्वर्स भी हैं। ऐसे आयोजनों से देश में इनोवेशन को गति और युवाओं की क्रिएटिविटी को मंच मिलेगा। जिसके परिणामस्वरूप युवा केवल लाभ तक सीमित नहीं रहेंगे बल्कि आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में अधिकतम योगदान देंगे। वर्ष 2014 से पहले देश के टियर-2 और टियर-3 शहरों में स्टार्टअप्स की संख्या नगण्य थी। आज देश के कुल स्टार्टअप्स में से 37 प्रतिशत इन शहरों से आते हैं।
केंद्रीय गृहमंत्री ने गर्व के साथ कहा कि देश के कुल स्टार्टअप्स में से 48 प्रतिशत स्टार्टअप्स महिलाओं द्वारा स्थापित किए गए हैं। मातृशक्ति-महिला उद्यमियों के पास हमेशा लक्ष्मीजी का वास होता है। उत्तर-पूर्व में करीब 900 महिला-प्रबंधित स्टार्टअप्स आत्मनिर्भर भारत के लिए कार्यरत हैं। स्टार्टअप इकोसिस्टम के माध्यम से अब तक गौरव की बात है कि लगभग 17.90 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। टियर-2 और टियर-3 शहरों में प्रति वर्ष लगभग 9,000 नए स्टार्टअप शुरू होते हैं, जो देश के विकास को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2014 से ही देशभर में स्टार्टअप्स को वित्तीय, इंफ्रास्ट्रक्चर, नीतिगत और बैंकिंग सहयोग उपलब्ध हो रहा है। इसके लिए 10 हजार करोड़ रुपये के फंड ऑफ फंड का गठन किया गया है। स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन देने के लिए अधिकतम ऋण सीमा 10 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये करने के साथ-साथ विभिन्न टैक्स में भी छूट दी गई है। इसके अलावा गुजरात सरकार भी स्टार्टअप्स को अनेक प्रकार से सहयोग दे रही है। जिसके परिणामस्वरूप हर रचनाकार अपना अलग स्टार्टअप स्थापित कर रहा है। मेक इन इंडिया और 14 प्रमुख क्षेत्रों में पीएलआई लाकर विभिन्न प्रकल्पों को प्रोत्साहन देने करोड़ों रुपये की सहायता सरकार द्वारा की जा रही है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में शुरू किए गए मेक इन इंडिया और पीएलआई के माध्यम से दुनिया भर के निवेशक भारत में निवेश कर रहे हैं। निवेशकों की सहूलियत के लिए देश में 3400 से ज्यादा कानूनों में बदलाव किए गए हैं, ऐसा उन्होंने जोड़ा।
अमित शाह ने कहा कि हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जीएसटी का सरलीकरण किया गया है। जब देशभर में जीएसटी का नया कानून लागू हुआ था, तब विभिन्न 16 टैक्स को मिलाकर एक टैक्स लागू करना एक सपना था। देश के सभी राज्यों ने मिलकर 80 हजार करोड़ से जीएसटी कर की शुरुआत की थी। नए जीएसटी कानून के परिणामस्वरूप आज 80 हजार करोड़ से 2 लाख करोड़ तक जीएसटी कलेक्शन पहुंचा है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था और मजबूत हुई है। शोषण के लिए नहीं, बल्कि देश के विकास के लिए टैक्स आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि यह जीएसटी सुधार करदाता और सरकार के बीच एक सेतु साबित हुआ है। जब प्रधानमंत्री मोदी की सरकार आई थी, तब 2.5 लाख रुपये तक कर में छूट थी। आज नागरिक की आय 12 लाख रुपये तक होती है, तब भी उसे किसी भी प्रकार का टैक्स भरना नहीं पड़ता। जब जनता ने ईमानदारी से टैक्स भरा है, तब-तब प्रधानमंत्री ने टैक्स घटाने का कार्य किया है। इंफ्रास्ट्रक्चर सपोर्ट, डिजिटल इंडिया, जेम ट्रिनिटी–ये सब स्टार्टअप क्षेत्र को आगे बढ़ाने में सहायक हैं। भारत नेट परियोजना के तहत 2 लाख ग्राम पंचायतों को भारत सरकार ने इंटरनेट से जोड़ा है।
उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षों से गुजरात स्टार्टअप क्षेत्र में अग्रणी बनकर पूरे देश में प्रथम स्थान पर रहा है। प्रधानमंत्री के विचारों को मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और उनकी टीम के मंत्रियों तथा सरकारी अधिकारियों ने मिलकर गुजरात को स्टार्टअप क्रांति का केंद्र बनाया है। देश के टॉप पाँच राज्यों में 16,000 स्टार्टअप गुजरात में हैं। केवल अहमदाबाद शहर में 6,650 स्टार्टअप्स के साथ टॉप-4 में स्थान रखता है। लगातार चार वर्षों से स्टार्टअप क्षेत्र में गुजरात सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला राज्य बना है।
इस अवसर पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की उपस्थिति में विभिन्न 7 एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। केंद्रीय गृहमंत्री तथा उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों के हाथों एनईपी-2020 डैशबोर्ड का लॉन्चिंग किया गया। इसके अलावा कॉफी टेबल बुक, एनईपी-2020 पाँच वर्ष का क्रियान्वयन पुस्तक तथा भारतीय ज्ञान प्रणाली संग्रह का विमोचन किया गया। इस अवसर पर साइबर रक्षक नाट्य उत्सव के विजेताओं को पुरस्कार दिए गए। वहीं, विभिन्न स्टार्टअप्स में निवेश करने वाले निवेशकों ने चेक अर्पित किए।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्रभाई मोदी द्वारा संकल्पित विकसित भारत 2047 की दिशा में देश तीसरी आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है, जिसमें स्टार्टअप्स बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
इस कार्यक्रम में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री ऋषिकेश पटेल, उद्योग मंत्री बलवंतसिंह राजपूत, सहकार मंत्री जगदीश विश्वकर्मा, शिक्षा राज्यमंत्री प्रफुलभाई पानशेरिया, विधायकगण, मुख्य सचिव पंकज जोशी, शिक्षा विभाग के अग्र सचिव मुकेश कुमार सहित उद्योगपति, शिक्षा से जुड़े उच्च अधिकारी-कर्मचारी और बड़ी संख्या में युवा उद्यमी एवं छात्र उपस्थित रहे।

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