सावधान! महिलाओं में तेजी से बढ़ती हैं ये बीमारियां, इन कुछ लक्षणों को भूलकर भी न करें नज़रअंदाज़

लाइफस्टाइल डेस्क { गहरी खोज }: महिलाएं घर परिवार की ज़िम्मेदारी तो बखूबी निभाती हैं लेकिन जब बात उनकी सेहत की आती है तो वो उसे अक्सर नज़रअंदाज़ करती हैं। इस वजह से उनका शरीर कई बीमारियों की चपेट में आने लगता है। कई बार उनके शरीर में कुछ लक्षण दिखाई देते हैं लेकिन वह उसे सामान्य समस्या समझकर नजरअंदाज़ कर देती हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं महिलाओं में कौन-कौन सी बीमारियां ‘साइलेंट किलर’ होती हैं
महिलाओं में तेजी से बढ़ती हैं ये बीमारियां:
एनीमिया: एनीमिया शरीर में रेड ब्लड सेल्स की कमी के कारण होती है। यह एक ऐसी बीमारी है जो महिलाओं में बहुत ज़्यादा होती है। इस बीमारी में थकान, त्वचा का पीला पड़ना, सांस फूलना, सिर घूमना, चक्कर आना, और दिल की धड़कन तेज हो जाती है। एनीमिया से बचने के लिए आयरन, विटामिन C और फोलेट से भरपूर भोजन का सेवन किया जाना चाहिए।
स्तन कैंसर: स्तन कैंसर महिलाओं में एक गंभीर और तेज़ी से बढ़ता हुआ स्वास्थ्य मुद्दा है, और देर से निदान से इसकी गंभीरता बढ़ जाती है। यह तब होता है जब स्तन की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं और ट्यूमर बना लेती हैं। शुरुआती चरण में इसका पता लगाने से इलाज की संभावना 95% तक बढ़ जाती है और कैंसर को शरीर के अन्य हिस्सों में फैलने से रोका जा सकता है।
हड्डियों का कमजोर होना: महिलाओं में प्रेग्नेंसी और 30 की उम्र के बाद हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। हड्डियों की मजबूती बनाए रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम के सेवन के साथ-साथ एक्सरसाइज करना जरूरी है। धूप के साथ साथ डेयरी प्रोडक्ट कैल्शियम का सबसे अच्छा सोर्स माने जाते हैं, जैसे दूध, दही या पनीर आदि। आप शाकाहारी सोया दूध भी चुन सकते हैं।
पीसीओडी: पीसीओडी कोई बीमारी नहीं है लेकिन यह एक लाइफ स्टाइल डिजीज है। आमतौर पर हार्मोनल इम्बैलेंस की वजह से होती है। इसमें सीधा असर पीरियड साइकिल पर पड़ता है। इसमें हेयर फॉल भी बहुत ज़्यादा होता है और मोटापा भी बढ़ने लगता है। पीसीओडी की सबसे बड़ी वजह मोटापा है। पीसीओडी होने से महिलाएं जल्दी गर्भ धारण नहीं कर पाती हैं। ऐसे में अपनी लाइफ स्टाइल में बदलाव कर आप इसे कंट्रोल कर सकती हैं।