आईआईटी रुड़की में विशेषज्ञों का किसानों की आय बढ़ाने पर चिंतन

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हरिद्वार{ गहरी खोज }:आईआईटी रुड़की स्थित उन्नत भारत अभियान (यूबीए) के क्षेत्रीय समन्वय संस्थान ने आईआईटी में उत्तराखंड एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के यूबीए समन्वयकों के लिए एक अभिविन्यास कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला में समन्वयकों, विशेषज्ञों एवं सामुदायिक नेताओं ने नवाचार, पारंपरिक ज्ञान और उद्यमिता के माध्यम से सतत ग्रामीण विकास पर विचार-विमर्श किया। उद्घाटन सत्र में दीप प्रज्वलन कर देशज ज्ञान में बादल पुस्तक का विमोचन किया गया। आईआईटी रुड़की के आरसीआई-यूबीए के समन्वयक, प्रो. आशीष पांडे ने शिक्षा जगत एवं ग्रामीण समुदायों के बीच सेतु निर्माण में यूबीए के महत्व पर प्रकाश डाला।
अपने उद्घाटन भाषण में, आईआईटी रुड़की के निदेशक, प्रो. कमल किशोर पंत ने ज़ोर देकर कहा, उन्नत भारत अभियान की भावना ज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं सतत प्रथाओं के साथ गाँवों को सशक्त बनाने में निहित है। आईआईटी रुड़की में, हम नवाचार-संचालित पहलों के माध्यम से ग्रामीण परिवर्तन का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो आत्मनिर्भर गाँवों के लिए स्पष्ट मार्ग प्रशस्त करते हैं।
पद्मश्री सेठपाल सिंह ने कहा, सच्चा विकास हमारे गाँवों से शुरू होता है। कृषि में विविधता लाकर एवं पारंपरिक ज्ञान को अपनाकर, हम किसानों के लिए स्थायी आजीविका सुनिश्चित कर सकते हैं। तकनीकी सत्रों में कृषि विविधीकरण, शहद प्रमाणीकरण एवं खाद्य सुरक्षा, पारंपरिक ज्ञान के साथ मौसम पूर्वानुमान, जैविक खेती, पर्यावरण-ग्राम अवधारणाएँ, आत्मनिर्भर गाँवों के लिए उद्यमिता और कृषि-सलाहकार सेवाएँ सहित कई विषयों पर चर्चा हुई। विशेषज्ञ वक्ताओं में प्रो. एन.के. नवानी, डॉ. मीना कुमारी,रवि सैनी, डॉ. शुभा द्विवेदी और डॉ. पूजा शामिल थीं।

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