इस साल का आखिरी सूर्यग्रहण रविवार को, रात होने के कारण भारत में नहीं देखा जा सकेगा

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  • अगर आपका जन्‍म 1950 मे हुआ है तो आप कर चुके हैं 340 ग्रहण का सामना
    भोपाल { गहरी खोज }: आश्विन मास की अमावस्या पर रविवार 21 सितंबर को इस साल का दूसरा और आखिरी सूर्यग्रहण होने जा रहा है, लेकिन इस ग्रहण को पृथ्‍वी के सीमित जनसंख्‍या वाले स्‍थानों से ही देखा जा सकेगा। यह ग्रहण भारतीय समयानुसार रविवार देर रात 10 बजकर 59 मि‍नट 43 सेकेंड से आरंभ होगा और मध्‍यरात्रि के बाद 3 बजकर 23 मिनट 45 सेकंड पर समाप्‍त होगा। इस समय भारत में रात होगी, इसीलिए यह सूर्यग्रहण भारत में नहीं देखा जा सकेगा।
    नेशनल अवार्ड प्राप्‍त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने शनिवार को उक्त खगोलीय घटना की मैप की मदद से जानकारी देते हुए बताया कि इस ग्रहण को न्‍यूजीलैंड के साथ आस्‍ट्रेलिया के ईस्‍टर्न कोस्‍ट की एक पतली स्ट्रिप तथा अंटार्टिका के भागों में देखा जा सकेगा। एक गणितीय अनुमान के अनुसार इस ग्रहण को विश्‍व की कुल जनसंख्‍या का लगभग 0.2 प्रतिशत भाग ही देख सकेगा।
    उन्होंने बताया कि जहां तक ग्रहण के असर की बात है, तो हर साल चार ग्रहण होते ही हैं, जिनमें कम से कम दो चंद्रग्रहण और और दो सूर्यग्रहण होते हैं। इनमें से कुछ आपके शहर में दिखाई भी देते हैं तो कुछ पृथ्‍वी के अन्‍य भागो पर होते हैं। इस तरह अगर किसी व्‍यक्ति की आयु 75 वर्ष है तो वह कम से कम 300 ग्रहण की भौगोलिक स्थिति का अनुभव कर चुका होता है। अगर 300 ग्रहण के बाद भी कोई विपरीत असर न आया हो तो नई युवा पीढ़ी को ग्रहण से भयभीत करना ठीक नहीं माना जा सकता है।
    सारिका ने बताया कि रविवार का यह ग्रहण 18 वर्ष 11 दिन और आठ घंटे की अवधि के बाद फिर उसी रूप में आ रहा है, जैसा कि 11 सितंबर 2007 को हुआ था। इस ग्रहण के बाद फिर इसी अंतराल के बाद 03 अक्‍टूबर 2043 को पुन: इसी रूप में दिखाई देगा। लगभग 18 वर्ष 11 दिन और आठ घंटे की अवधि के बाद ग्रहण फिर उसी स्थिति में होता है, जिसमें चंद्रमा की पृथ्‍वी से दूरी और स्थिति समान रहती है। इस तरह हर एक ग्रहण किसी एक खानदान का सदस्‍य होता है। इस खानदान को सारोस कहते हैं। यह सारोस 154 खानदान ग्रहण है। इस खानदान या सारोस में कुल 71 ग्रहण होना है, जिसमें यह सातवां ग्रहण है। सारिका ने बताया कि अगर आप भारत में सूर्य ग्रहण देखना चाहते हैं तो आपको 02 अगस्‍त 2027 का इंतजार करना होगा। तब आप आंशिक सूर्यग्रहण देख पाएंगे। उन्होंने बताया कि अगर आपका जन्‍म 1950 में हुआ है, तो आप अब तक 340 ग्रहण का सामना कर चुके हैं।

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