बीएमडब्ल्यू सड़क : सभी साक्ष्यों की सत्यता व विवरण बताने को पुलिस बाध्य नहीं: कोर्ट

नई दिल्ली{ गहरी खोज }: पटियाला हाउस कोर्ट स्थित ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट फस्र्ट क्लास अंकित गर्ग की अदालत ने धौला कुआं में हुए बीएमडब्ल्यू सड़क हादसे पर सुनवाई करते हुए कहा कि आरोपी के कहने पर पुलिस की ओर से एकत्र किए गए साक्ष्य की सत्यता और उसके कंटेंट बताने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। न्यायाधीश ने कहा कि अदालत ने घटना से जुड़े सीसीटीवी फुटेज संरक्षित रखने का आदेश दिया है, दिल्ली कैंट थाना एसएचओ से इस बारे में स्पष्टीकरण मांगा जा चुका है।
अदालत ने कहा कि एसएचओ से पूछा गया है कि क्या संबंधित सीसीटीवी फुटेज पिलर नंबर 65 और 67 के बीच का है। दरअसल 18 सितंबर को अदालत ने इस मामले की आरोपी गगनदीप कौर की ओर से घटना से जुड़े सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित रखने की मांग पर दिल्ली कैंट थाने के एसएचओ को नोटिस जारी किया था। अदालत ने एसएचओ को केस फाइल के साथ तलब किया था।
सुनवाई के दौरान गगन प्रीत कौर के वकील गगन भटनागर और निखिल कोहली ने कहा कि मीडिया ब्रीफिंग में डीसीपी ने कहा कि घटना की सीसीटीवी फुटेज है और उन्होंने इसे देखी भी है। ये सीसीटीवी फुटेज आरोपी और पीड़ित को दिखाया भी गया था। बचाव पक्ष ने मांग की कि पिलर नंबर 66 और 67 के सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित करने की जरूरत है।
ज्ञात हो के 17 सितंबर को आरोपी महिला गगन प्रीत कौर की न्यायिक हिरासत 27 सितंबर तक बढ़ा दिया था। 14 सितंबर को धौला कुआं मेट्रो स्टेशन के पास बीएमडब्ल्यू हादसा हुआ था। सडक़ हादसे में वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी 52 वर्षीय नवजोत सिंह की मौत हो गई थी व नवजोत सिंह की पत्नी संदीप कौर गंभीर रूप से घायल हो गई थीं।
गगनप्रीत कौर पर आरोप है कि वो कार चला रही थीं पुलिस ने 15 सितंबर को गगनप्रीत कौर गिरफ्तार किया था। पुलिस ने गगन प्रीत कौर के खिलाफ गैर इरादतन हत्या, लापरवाही से गाड़ी चलाने और सबूत मिटाने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज की थी।