दो साल के बाद अब निगम विद्यालयों के बच्चों को मिलेगी नई वर्दी और स्टेशनरी

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: आर्थिक तंगी से जूझ रही दिल्ली नगर निगम ने आखिरकार दो साल बाद निगम प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को वर्दी व स्टेशनरी का पैसा छात्रों के बैंक खाते में भेज दिया है। दिल्ली नगर निगम ने आईडीबीआई बैंक के साथ मिलकर निगम विद्यालयों में पढऩे वाले छात्रों के खाते में वर्दी एवं स्टेशनरी की मद में 109 करोड़ रुपए डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके खातों में भेजा है। इस कार्य का शुभारंभ महापौर सरदार राजा इकबाल सिंह ने निगम मुख्यालय सिविक सेंटर में कंप्यूटर का बटन दबा कर किया।
महापौर राजा इकबाल सिंह ने कहा कि दिल्ली नगर निगम के विद्यालयों में सुविधाएं निजी विद्यालयों के समकक्ष हैं और हमारे पास शिक्षक निजी विद्यालयों से बेहतरीन हैं। उन्होंने कहा कि निगम विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक प्रतियोगी परीक्षा पास करके आते हैं, जिसके चलते हमारे पास उत्कृष्ट शिक्षक आते हैं। राजा इकबाल सिंह ने शिक्षकों से अनुरोध किया कि आपके द्वारा अर्जित किया गया ज्ञान आप पूरी मेहनत के साथ बच्चों को दें।
मेयर नेकहा कि निगम विद्यालयों के शिक्षक अच्छा कर रहे हैं लेकिन उसमें बेहतरी की गुंजाइश है। महापौर ने कहा कि निगम विद्यालयों में समाज के सबसे अंतिम छोर पर बैठे हुए बच्चे आते हैं और हम अपेक्षा करते हैं कि शिक्षक ऐसे बच्चों को पढ़ाने के लिए मेहनत करें एवं इन बच्चों के साथ न्याय करें। महापौर ने निगम विद्यालयों में 1.5 करोड़ रुपए की लागत से 104 स्मार्ट बोर्ड देने के लिए आईडीबीआई बैंक का धन्यवाद किया एवं बैंक अधिकारियों से कहा कि इस मद में कम से कम 10 करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान करें। निगम शिक्षा समिति के अध्यक्ष योगेश वर्मा ने कहा कि हमने पेपरलेस कार्य करते हुए पैसा बिना किसी बिचौलिए के सीधा लाभार्थी के खाते में भेजा है।
बता दें कि पिछले कई वर्षों से निगम के स्कूलों के छात्रों की वर्दी और स्कॉलरशिप का पैसा सीधे छात्रों के बैंक खातों में भेजा जाता है। पिछले वर्ष जब निगम शिक्षा विभाग की 2022/23 की ऑडिट रिपोर्ट लीक हुई थी, जिसमें 48 प्रतिशत बच्चों को खाता ना खोलने पर वर्दी का पैसा ना दिए जाने पर ऑडिट डिपार्टमेंट ने सवाल खड़ा किया था। नए सत्र 2024/25 और सत्र 2025/26 में भी यही हालात हो गए थे। निगम के शिक्षक ही सवाल उठा रहे थे कि जब निगम के पास निगम स्कूलों में पढऩे वाले छात्रों को दी जानी वाली मूलभूत सुविधाओं को देने के लिए पैसे नहीं है तो बिना दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के आर्थिक पैकेज की घोषणा के किस प्रकार निगम अपने आर्थिक हालात सुधारेगा। अब निगम में सत्ता परिवर्तन हुआ हो पर आर्थिक स्थिति वैसे ही बनी हुई है। जिस प्रकार स्टैंडिंग कमेटी की मीटिंग में आयुक्त दिल्ली नगर निगम ने आथिज़र््क हालात सुधारने के लिए 1600 करोड़ रुपए की मांग उठाई थी। हालांकि निगम प्रशासन अब धीरे-धीरे निगम स्कूलों में सुविधाएं बहाल करने के दावे कर रही है।
दिल्ली नगर निगम प्रशासन द्वारा बच्चों को दो साल से वर्दी का पैसा न दिए जाने के कारण निगम स्कूलों के बच्चों के अभिभावक भी परेशान थे। उनका कहना है कि बच्चों के पास नई वर्दी नहीं है। इस कारण बच्चों को घर के कपड़े ही पहनकर स्कूल जाना पड़ रहा था, लेकिन अब पैसा आने के बाद बच्चों को वे नई वर्दी दिला सकेंगे।
शिक्षा समिति उपाध्यक्ष अमित खडख़ड़ी ने कहा कि आईडीबीआई बैंक ने 104 स्मार्ट बोर्ड निगम विद्यालयों के लिए दिए हैं जिनमें से 60 बोर्ड चालू हो गए हैं और आने वाले कुछ दिनों में 44 बोर्ड भी विद्यालयों में लगा दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आईडीबीआई बैंक ने वादा किया है कि हर तिमाही वो 100 स्माटज़् बोर्ड निगम विद्यालयों को देंगे। रोटरी क्लब इंटरनेशनल ने 25 निगम विद्यालयों में सुसज्जित टायलेट ब्लॉक निर्माण करने का वादा किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानाचार्यों की वित्तीय शक्तियां 3000 रुपए प्रतिमाह से बढ़कर 10000 रुपए प्रतिमाह करने के लिए विचार किया जा रहा है।

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