नवरात्रि में हरे-भरे जौ उगाने का आसान और सही तरीका, माता रानी की खूब बरसेगी कृपा

धर्म { गहरी खोज } : नवरात्रि में जौ या जवारे बोने की परंपरा प्राचीन समय से ही चली आ रही है। इस दौरान जिस समय कलश स्थापना की जाती है उसी समय साथ में जौ भी बोए जाते हैं। जौ को लेकर ऐसा कहा जाता है कि नवरात्रि में जितना हरा-भरा जौ उगता है उतना ही घर में धन-धान्य आता है। इसलिए हर कोई चाहता है कि नवरात्रि में उनके द्वारा बोए गए जौ खूब अच्छे से उगें। इसलिए हम आपको बताएंगे नवरात्रि में जौ बोने का सही तरीका और नियम क्या हैं।
नवरात्रि में जौ बोने का सही तरीका
- जौ बोने के लिए आपको साफ मिट्टी, जौ के बीज, चौकोर या गोल पात्र, गंगाजल और शुद्ध पानी की जरूरत होगी।
- अच्छे क्वालिटी के जौ लें और इन जौ को रातभर पानी में भिगोकर रख दें। अगर किसी कारण आप रात में जौ न भिगो पाएं तो सुबह भोर में इसे बो दें।
- फिर नवरात्रि के पहले दिन सबसे पहले पूजा स्थल को साफ करें।
- इसके बाद विधि विधान कलश स्थापना करें।
- फिर साफ मिट्टी को एक पात्र में डालें और उसे थोड़ा दबा दें।
- मिट्टी में जौ के दानों को समान रूप से छिड़कें।
- फिर ऊपर से हल्की-सी मिट्टी डाल दें।
- साथ ही उसमें थोड़ा सा गंगाजल या शुद्ध पानी छिड़क दें।
- नवरात्रि के हर दिन जौ में थोड़ा-थोड़ा जल छिड़कते रहें ताकि जौ के दाने अच्छे से अंकुरित हो जाएं।
- ध्यान रखें कि जौ में ज्यादा पानी नहीं डालना है।
- इस विधि से बोए हुए जौ नवमी या दशमी तक अच्छी से उग जाएंगे।
- नवरात्रि समाप्त होने पर उगे हुए जौ को किसी नदी या तालाब में विसर्जित कर दें। आप चाहें तो इन्हें पीपल या बरगद के पेड़ के नीचे भी रख सकते हैं।