दिल्ली का नया ड्रेनेज मास्टर प्लान पेश, बाढ़ और जलभराव से मिलेगी राहत

नई दिल्ली { गहरी खोज }: केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य और पावर मंत्री मनोहर लाल, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने सेवा पखवाड़े के दौरान शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी का नया ड्रेनेज मास्टर प्लान नई दिल्ली नगरपालिका परिषद के कन्वेंशन सेंटर में पेश किया। यह नया ड्रेनेज मास्टर प्लान राष्ट्रीय राजधानी में बार-बार होने वाली शहरी बाढ़ और जलभराव की समस्याओं को अगले 30 वर्षों तक हल करने के लिए एक ऐतिहासिक ब्लूप्रिंट है। उन्होंने इस अवसर नजफगढ, बालापुला और ट्रांस यमुना बेसिन के लिए तैयार तीन अलग-अलग मास्टर योजनाओं का संयुक्त रूप से अनावरण किया। यह योजना अगले तीन दशकों के लिए दिल्ली के ड्रेनेज ढांचे को भविष्य-सक्षम बनाने का लक्ष्य रखती है।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि जल संबंधी मुद्दे हमारे शहर की भलाई के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इसमें पीने का पानी, वर्षा जल निकासी और सीवेज सिस्टम शामिल हैं। दिल्ली का नया ड्रेनेज मास्टर प्लान इस प्रतिबद्धता का प्रतीक है कि हम इन महत्वपूर्ण मुद्दों को हल करने के लिए कटिबद्ध हैं। वर्षों की परिश्रमपूर्वक परामर्श, डेटा संग्रह और अध्ययन के बाद तैयार की गई यह व्यापक योजना दिल्ली की ड्रेनेज आवश्यकताओं के लिए रोडमैप प्रदान करेगी, जिससे जलजमाव से राहत मिलेगी और शहर को ड्रेनेज संबंधी चुनौतियों से सुरक्षित रखा जाएगा।
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा, ‘इस योजना के तहत शहरी बाढ़ से निपटना, सतही जल भंडारण में सुधार, जल बहाव कम करना और मुख्य स्टॉर्मवॉटर चैनलों को अपग्रेड करना शामिल है, जिससे दिल्लीवासियों का जीवन स्तर सुधरेगा।‘
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शहर के ड्रेनेज सिस्टम की अपनी प्रारंभिक समीक्षा साझा करते हुए बरापुल्ला नाला, कुशक ड्रेन, मिंटो ब्रिज और आईटीओ ब्रिज के अपने व्यक्तिगत निरीक्षण का उदहारण दिया। उन्होंने गर्व से कहा कि इस साल पहली बार मिंटो ब्रिज और आईटीओ जैसी जगहों पर गंभीर जलजमाव नहीं देखा गया, जो पहले एक आम समस्या थी।
मुख्यमंत्री ने एक प्रमुख पहल की घोषणा करते हुए कहा कि 30 सितंबर को सेवा पखवाड़ा उत्सव के हिस्से के रूप में 4,000 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का उद्घाटन किया जाएगा, जिसमें यमुना पुनर्जीवन योजना भी शामिल है। यह योजना चरणबद्ध और संरचित तरीके से लागू की जाएगी।
दिल्ली के लोक निर्माण विभाग के मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने कहा, “जैसे ही हमारी सरकार बनी, हमने तुरंत दिल्ली में जलजमाव की समस्याओं को हल करने के लिए कदम उठाए। हमने शहर के मुख्य जलजमाव बिंदुओं का दौरा किया और ठोस कदम उठाए। हमारे विभागों ने 20 लाख मीट्रिक टन की गाद निकालकर सी&डी प्लांटों में भेजी।”
उन्होंने कहा, “मुझे गर्व है कि पिछले 15 वर्षों में सबसे अधिक बारिश होने के बावजूद, दिल्ली में कोई गंभीर बाढ़ नहीं आई। हमारा एकीकृत ड्रेनेज मास्टर प्लान यह सुनिश्चित करने का रोडमैप है कि दिल्ली बाढ़ मुक्त रहे और हमारे नागरिक बिना जलजमाव की चिंता किए जीवन जी सकें। यह ड्रेनेज मास्टर प्लान केवल कागज पर योजना नहीं है; यह गारंटी है कि दिल्ली आने वाली पीढ़ियों के लिए मजबूत और बाढ़ मुक्त रहेगी।
लोक निर्माण विभाग ने आठ नागरिक एजेंसियों के परामर्श से इस योजना को तैयार किया, जिसमें सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग, एमसीडी, डीडीए, एनएचएआई, दिल्ली जल बोर्ड और नई दिल्ली नगरपालिका परिषद शामिल हैं। नया ड्रेनेज मास्टर प्लान पूरे 18,958 किमी के ड्रेनेज नेटवर्क को कवर करता है। इसमें जलभराव के कारणों, वर्षा पैटर्न और बाधाओं की पहचान करने के लिए विस्तृत व्यवहार्यता अध्ययन और क्रियान्वयन योग्य सिफारिशें शामिल हैं।
विशेष रूप से व्यापक स्थलाकृति और क्षेत्र सर्वेक्षण किए गए हैं, जिसमें पाइपलाइन, ड्रेन, इनवर्ट लेवल और सड़क स्तर को मैप किया गया है ताकि वर्तमान चुनौतियों और भविष्य की वृद्धि दोनों को ध्यान में रखते हुए सटीक इंजीनियरिंग समाधान तैयार किए जा सकें।
कार्यान्वयन के लिए शहर को तीन प्रमुख बेसिनों— नजफगढ, बालापुला और ट्रांस यमुना— में विभाजित किया गया है। जैसे ही विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को सरकार द्वारा मंजूरी दी जाएगी, पीडब्लूडी निजी फर्मों से टेंडर आमंत्रित करेगा और इस योजना को दिल्ली की ड्रेनेज आवश्यकताओं के लिए दीर्घकालिक समाधान में बदल दिया जाएगा।