श्रमिक सुरक्षा पर सरकार का विशेष ध्यान

0
images (2)

भोपाल{ गहरी खोज } : श्रमिकों की सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कल्याण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। श्रमिकों की सुरक्षा कर्तव्य के साथ-साथ सामाजिक सरोकार भी है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिये कारखाना अधिनियम,1948 तथा भवन एवं अन्य संनिर्माण अधिनियम,1996 और इनके अंतर्गत बनाए गए नियमों का पालन करना प्रत्येक नियोजक, कारखाना अधिभोगी और प्रबंधक का कानूनी दायित्व है।
सभी कारखानों के प्रबंधन व निर्माण कार्य नियोजकों से अपेक्षा की जाती है कि वे स्वेच्छा से पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करें तथा श्रमिकों के लिए सुरक्षित, स्वस्थ एवं सम्मानजनक कार्य वातावरण प्रदान करें।
संचालक औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा श्रीमती नमिता तिवारी ने बताया है कि श्रमिकों की सुरक्षा में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। कारखानों या निर्माण स्थलों के निरीक्षणों में पाए गए गंभीर उल्लंघनों पर कानूनी कार्रवाई की जाती है। ज्ञात्व्य है कि सुरक्षा प्रावधानों का उल्लंघन करने पर नियमों में जुर्माना या कारावास या दोनों तरह की कार्रवाई का प्रावधान है।
औधोगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के सभी अधिकारियों को समस्त लम्बित वैधानिक प्रकरणों में विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए है। इनके त्वरित निराकरण से उत्पन्न निरोधक प्रभाव निर्माण स्थल और कारखानों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने में सहायक सिद्ध होगा। श्रम विभाग ने उद्योग जगत व नियोजकों से सहयोग की अपेक्षा की है ताकि उत्पादन और प्रगति के साथ-साथ श्रमिकों की सुरक्षा एवं कल्याण भी सुनिश्चित हो सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *