सीडीएस अनिल चौहान ने छात्रों से कहा- डिजिटल दुनिया से बाहर निकलें, सशस्त्र बलों में चुनें करियर

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रांची/नई दिल्ली{ गहरी खोज }: भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने हाल ही में झारखंड के रांची में स्कूली छात्रों से बातचीत की है। उन्होंने छात्रों को डिजिटल दुनिया से परे रोमांचक जीवन जीने की सलाह दी है।
जनरल चौहान ने कहा कि मोबाइल स्क्रीन पर चिपके रहने के बजाय सशस्त्र बलों में शामिल होकर देश की असली सुंदरता और विविधता का अनुभव करें। यह बातचीत ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर आधारित थी, जहां उन्होंने सेना की नई तरह की रणनीतियों के बारे में भी बताया। छात्रों को प्रेरित करते हुए उन्होंने जोर दिया कि सशस्त्र बलों में शामिल होना न सिर्फ देश सेवा का मौका है, बल्कि जीवन भर के रोमांचक अनुभव भी देता है।
सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने स्कूली छात्रों के एक समूह को सशस्त्र बल में शामिल होने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि वे मोबाइल स्क्रीन और डिजिटल दुनिया से बाहर आकर उन रोमांचक जगहों की यात्रा पर निकलें, जहां तक पैसे से भी नहीं पहुंचा जा सकता।
उन्होंने बृहस्पतिवार को यहां राजभवन में 36 स्कूलों के छात्रों के साथ बातचीत के दौरान कहा, ‘‘सशस्त्र बलों से जुड़िए, केवल सेवा के लिए नहीं बल्कि दुनिया को उस तरह से देखने के लिए, जैसा कोई और नहीं देख सकता। उद्देश्य, अनुशासन और बेमिसाल रोमांच से भरा जीवन अपनाइए।” जनरल चौहान ने कहा, ‘‘मोबाइल स्क्रीन पर चिपके रहने के बजाय भारत के जीवंत भूगोल, इतिहास और विविधता का अनुभव कीजिए, जिसे कोई पैसों से नहीं खरीद सकता।”
उन्होंने कहा कि राष्ट्र की सेवा करना, उसे खोजने और समझने की यात्रा भी है। सीडीएस ने कहा कि सैनिकों के लिए अनोखे अनुभव इंतजार करते हैं जैसे नगालैंड का लुंगवा गांव, जहाँ मुखिया का घर आधा भारत और आधा म्यांमा में है या अरुणाचल प्रदेश का डोंग गांव, जहां भारत का पहला सूर्योदय होता है। उन्होंने कहा, “यहीं पर संस्कृतियां मिलती हैं, सीमाएं जुड़ती हैं और असली भारत सामने आता है।” उन्होंने कहा, ‘‘इन अनुभवों को आप पैसे से नहीं खरीद सकते। ये सिर्फ वर्दी पहनने से मिलते हैं।”

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