विदेशी नागरिकों काे तकनीकी सहायता के नाम पर चल रहा फर्जी कॉलसेंटर पकड़ा

बहादुरगढ़ के ओमेक्स सिटी से 18 युवा गिरफ्तार
झज्जर{ गहरी खोज }: थाना साइबर क्राइम झज्जर की पुलिस टीम ने विदेशी नागरिकों के साथ तकनीकी सहायता मुहैया कराने के नाम पर साइबर फ्रॉड करने वाले बहादुरगढ़ के एक कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है। कॉल सेंटर चलाने और यहां काम करने वाले 18 युवाओं को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस आयुक्त डॉ. राजश्री सिंह ने गुरुवार को बताया कि थाना साइबर क्राइम झज्जर की पुलिस टीम को गुप्त सूचना मिली थी कि बहादुरगढ़ के ओमैक्स सिटी के शुभांगन परिसर में टावर नंबर 17 के सातवें फ्लोर पर फ्लैट नंबर 701 में मयंक उर्फ एरिक और सन्नी निवासी दिल्ली अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर बिना किसी अनुमति के फर्जी कॉल सेंटर चलाकर अमेरिका के नागरिकों के साथ धोखाधड़ी कर रहे हैं। इस सूचना पर साइबर थाना झज्जर के प्रभारी निरीक्षक सोमबीर की अगवाई में एक विशेष टीम बनाई गई। टीम ने उक्त स्थान पर पहुंची तो फ्लैट का दरवाजा अंदर से बंद मिला। दरवाजा खुलवाकर पुलिस अंदर गई तो विदेशी नागरिकों के साथ साइबर ठगी की कोशिश कर रहे 18 युवा पकड़े। पकड़े गए युवाओं में दिल्ली के लाजपत नगर निवासी नैफी अरसलान, दिल्ली के मदनगीर अंबेडकर नगर निवासी फहाद खान, दिल्ली के करमपुरा मोती नगर निवासी राजू कंवल, लक्ष्मी नगर दिल्ली निवासी मंयक, सेक्टर-3 रोहिणी के पुलकित शर्मा, पश्चिमपुरी नई दिल्ली के पंकज चावला, पूर्वी इंदिरा नगर जिला लखनऊ उत्तर प्रदेश के निवासी अभिनय राज, शिवालिक विहार जीरकपुर पंजाब की दामन चंद्र, जसपुर जिला ऊधम सिंह नगर उत्तराखंड के गौरव कुमार, हरचरण नगर लुधियाना पंजाब के राजीव सोंकर, बन्नी पार्क जयपुर राजस्थान के चेतन सिंह, मोहम्मदाबाद गाजीपुर उत्तर प्रदेश के मोहम्मद जोहेब, खिचड़ीपुर पूर्वी दिल्ली के राहुल चावला, किशनकुंज लक्ष्मीनगर पूर्वी दिल्ली के आशुतोष, चटाई मोहल्ला कानपुर उत्तरप्रदेश के समार खान उर्फ समर खान, कुतुब इन्कलेव चकरपुर गुडगांव के ध्रुव मोंगरे, गढी शेखावत पुर घुढाना मुजफरनगर उत्तर प्रदेश के रमन और भजनपुरा दिल्ली निवासी सन्नी शामिल हैं।
पुलिस आयुक्त राजश्री ने बताया कि अमेरिका में जब किसी व्यक्ति को कोई तकनीकी सुविधा की जरूरत पड़ती तो वह उसके लिए गूगल पर कस्टमर केयर के नंबर की तलाश करते थे। वहीं से कस्टमर केयर का नंबर लेकर जब व्यक्ति कॉल करता तो वह नंबर इनके पास फॉरवर्ड हो जाता। जो उन्हें ईमेल लोगिन इशूस, पॉप अप इश्यूज व नेटफ्लिक्स, अमेजॉन के कस्टमर सर्विस देने व डायग्नोस करने के नाम पर अलग-अलग समस्या बताकर उनको तकनीकी सुविधा देने के नाम पर उनसे कई गुना ज्यादा डॉलर में चार्ज लेते थे और उनको किसी प्रकार की भी सुविधा मुहैया नहीं करवाते थे।
ठगी करने वाले इन व्यक्तियों को प्रति माह वेतन के तौर पर 40 से 50 हजार रुपये प्रतिमाह दिया जाता था। पकड़े गए युवाओं को गुरुवार को अदालत झज्जर में पेश किया गया। इनमें से पांच को पांच दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया। अन्य 13 आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
राजश्री सिंह ने आमजन को सलाह दी है कि ऐसी ठगी से बचने के लिए सीधे कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। गलत ग्राहक सेवा नंबरों से बचें। जालसाज अक्सर गूगल पर नकली ग्राहक सेवा नंबर देते हैं। इसलिए किसी भी ग्राहक सेवा नंबर को गूगल पर सर्च करने से बचें। किसी भी कंपनी के ग्राहक सेवा नंबर या सहायता के लिए सबसे पहले उस कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ और वहां से संपर्क जानकारी प्राप्त करें।फ्रॉड हो जाए तो बेझिझक साइबर क्राइम थाना या नजदीकी पुलिस थाना में जाकर शिकायत दें अथवा राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 1930 पर डायल कर अपनी शिकायत रजिस्टर्ड करा सकते हैं ।