धमतरी में 16 साल बाद शिक्षाकर्मी भर्ती फर्जीवाड़ा मामले के तीन आरोपित गिरफ्तार

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  • वर्ष 2007 में हुआ था भर्ती, फर्जी प्रमाण पत्र व अंक तालिका में हेरफेर कर चयन कराने का था मामला

धमतरी { गहरी खोज }: छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में वर्ष 2007 में हुए फर्जी शिक्षाकर्मी भर्ती मामले में मगरलाेड पुलिस ने 16 साल बाद बुधवार 17 सितम्बर काे तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों ने फर्जी प्रमाण पत्र व अंक तालिका में हेरफेर कर अपात्र लोगों का चयन किया था। ग्राम चंदना निवासी शिकायतकर्ता कृष्ण कुमार साहू की शिकायत पर पुलिस ने यह कार्रवाई की है।
मगरलोड पुलिस से आज गुरुवार काे मिली जानकारी के अनुसार ग्राम चंदना निवासी कृष्ण कुमार साहू द्वारा वर्ष 2007 की शिक्षाकर्मी वर्ग-तीन भर्ती प्रक्रिया में फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र एवं अंकों में हेरफेर कर चयन कराने के मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट पर पुलिस ने भर्ती में शामिल आरोपितों के खिलाफ जुर्म दर्ज कर लिया था, लेकिन गिरफ्तारी नहीं किया था। रिपोर्ट दर्ज करने के 16 साल बाद मगरलोड पुलिस ने अब जाकर शिक्षाकर्मी वर्ग-तीन भर्ती फर्जीवाड़ा के आरोपित शिक्षाकर्मी ईशु कुमार निवासी कमरौद थाना मगरलोड जिला धमतरी, सिताराम निवासी मेघा थाना मगरलोड, जिला धमतरी और चयन समिति में शामिल पूर्व जनपद उपाध्यक्ष कोमल सिंह यदु निवासी मोंहदी, थाना मगरलोड, जिला धमतरी को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड में पेश कर जेल भेज दिया गया है। सभी आरोपितों पर फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर अपात्र अभ्यर्थियों को चयनित कराने तथा पात्र अनुसूचित जाति-जनजाति अभ्यर्थियों को जानबूझकर वंचित करने के साक्ष्य प्राप्त हुए है। पुलिस ने बताया कि जल्द ही इस मामले में कई अन्य आरोपितों को गिरफ्तार किया जाएगा, जो सालों से फरार चल रहा था।
शिक्षाकर्मी भर्ती वर्ग-तीन की भर्ती के लिए गठित तत्कालिन छानबिन, चयन समिति एवं छानबीन समिति के सदस्यों में केके तिवारी जनपद पंचायत सीईओ, एनआर साहू विकासखंड शिक्षा अधिकारी, बुधराम निषाद पंचायत एवं समाज शिक्षा संगठक, एसके सोनी परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास, श्याम साहू जनपद पंचायत अध्यक्ष, कोमल यदु जनपद पंचायत उपाध्यक्ष, नीलकंठ सिन्हा, शत्रुघन साहू, नारायण धु्रव, भारत लाल साहू एवं संतोषी साहू सदस्यगण शामिल थे।
उल्लेखनीय है कि 27 सितंबर 2011 में हुए एफआईआर पर शिक्षाकर्मी भर्ती फर्जीवाड़ा 2007 मामले में पुलिस ने कुल 105 आरोपितों के खिलाफ जुर्म दर्ज किया था। इस मामले में आरोपित रहे 17 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है। वहीं पूर्व में एक आरोपित तत्कालिन सीईओ कमलाकांत तिवारी को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पांच आरोपितों ने अपनी अग्रिम जमानत करा ली है। इस मामले में चार अधिकारियों को आरोपित बनाया गया है। वहीं सात जनप्रतिनिधि भी आरोपित है। जिसमें से दो की मौत हो चुकी है। पांच जनप्रतिनिधि आरोपितों में से चार की जमानत हो गई है और एक को जेल भेज दिया गया है। फर्जी तरीके से लगे 40 से 45 शिक्षाकर्मी वर्ग तीन अभी भी नौकरी कर रहे हैं। 17 सितंबर को आरोपितों की हुई गिरफ्तारी के बाद नौकरी करने वाले आरोपित शिक्षाकर्मियों में हड़कंप मच गया है, जिन्हें जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।

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