फल उत्पादकों को हो रही परेशानियों के लिए भाजपा नेता ने केंद्र शासित प्रदेश सरकार को ठहराया ज़िम्मेदार

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श्रीनगर { गहरी खोज }: जम्मू-कश्मीर विधानसभा में विपक्ष के नेता और वरिष्ठ भाजपा नेता सुनील शर्मा ने गुरुवार को जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के बार-बार बंद होने से फल उत्पादकों को हो रही परेशानियों के लिए केंद्र शासित प्रदेश सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया।
शर्मा ने कहा कि सेब उद्योग जो कश्मीर की अर्थव्यवस्था के सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक है, परिवहन संपर्क में लंबे समय से चल रही रुकावटों के कारण भारी नुकसान उठा रहा है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार इस समस्या का कोई व्यावहारिक समाधान निकालने में विफल रही है। शर्मा ने एक बयान में कहा कि अगर आज फल उत्पादक मुश्किल में हैं तो इसकी वजह यहाँ की अक्षम सरकार है। जिन गैर-निष्पादक और गैर-गंभीर लोगों को उन्होंने यहाँ बिठाया है, वही लोगों की परेशानी का कारण हैं।
उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल ने फलों की ढुलाई के लिए एक मालगाड़ी की व्यवस्था की थी लेकिन निर्वाचित सरकार ने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया। शर्मा ने पूछा कि अगर उपराज्यपाल ने फल उत्पादकों के लिए मालगाड़ी की व्यवस्था की है तो मुख्यमंत्री ऐसा क्यों नहीं कर सकते। उन्होंने किसी से बात क्यों नहीं की, कोई समाधान क्यों नहीं निकाला।
भाजपा नेता ने राज्य नेतृत्व की आलोचना करते हुए कहा कि वह ऐसे समय में कोच्चि, चिन्नई और पेरिस में व्यस्त है जब उत्पादक भारी नुकसान झेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि फल उत्पादक अब अपनी चिंताओं के समाधान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर देख रहे हैं। शर्मा ने कहा कि एक ही उम्मीद है कि अगर नरेंद्र मोदी कुछ करेंगे तो ये मुद्दे सुलझ जाएँगे। वरना चुनी हुई सरकार से कोई उम्मीद नहीं है।
बेहतर प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग को स्थानीय सरकार द्वारा अपने अधीन किए जाने की माँग पर सुनिल शर्मा ने कहा कि यह सड़क हमेशा से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधीन रही है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग शुरू से ही यहाँ रहा है और पूरे देश में बनाया जाता है। आप जो चाहें करें लेकिन आप यहाँ संपर्क सड़कें भी ठीक नहीं कर पा रहे हैं तो आप राष्ट्रीय राजमार्ग का प्रबंधन कैसे करेंगे।
शर्मा ने प्रशासन से पीएमजीएसवाई और पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत संपर्क सड़कों की मरम्मत पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने व्यवधान के कारण होने वाली कठिनाइयों को देखते हुए पीएससी की बारहवीं और न्यायिक परीक्षाओं सहित आगामी परीक्षाओं को स्थगित करने का अनुरोध किया है।

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