डूसू चुनाव : कड़ी सुरक्षा के बीच DU के 52 कॉलेजों से छात्र कर रहे मतदान

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव 2025 का मतदान जारी है। कड़ी सुरक्षा निगरानी में मतदान प्रक्रिया संपन्न हो रही है। दिल्ली विश्वविद्यलय के 52 कॉलेज के लगभग 2.75 लाख छात्रों द्वारा मतदान होने की संभावना है। इस बार चार पदों के लिए 21 उम्मीदवार मैदान में हैं। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं और 2.75 लाख छात्र अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
मतगणना 19 सितंबर को होगी। बता दें कि डूसू व कॉलेज छात्र संघ चुनाव के लिए वोटिंग जारी है और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। चप्पे-चप्पे पर पुलिसफोर्स तैनात है। दिल्ली पुलिस छात्रों के आईकार्ड देखने के बाद ही प्रवेश दे रही है। जानकारी के अनुसार, सुबह 8:30 बजे से मतदान शुरू हुआ है और शाम को 7:30 बजे तक वोट डाले जाएंगे। सेंट्रल पैनल के लिए ईवीएम (EVM) और कॉलेज काउंसलर के लिए बैलेट पेपर का उपयोग होगा। वहीं, चुनाव के बाद 19 सितंबर को मतगणना होगी। इस बार 2.75 लाख छात्र वोट डालेंगे। यह अब तक की सबसे बड़ी संख्या है।
दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी. के. उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने डूसू चुनाव को लेकर बड़ा आदेश दिया है। अदालत ने डूसू चुनाव के बाद विजय जुलूस निकालने पर रोक लगा दी है। अदालत ने कहा कि जश्न मनाइए लेकिन जुलूस नहीं। इस हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अब डूसू चुनाव जीतने वाले उम्मीदवार कैंपस, हॉस्टल और शहर के किसी भी हिस्से में जुलूस नहीं निकाल पाएंगे। दिल्ली उच्च न्यायालय ने पुलिस, दिल्ली विश्वविद्यालय, नागरिक प्रशासन को डूसू चुनाव के दौरान अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए सभी संभव एवं अनुमेय कदम उठाने का निर्देश दिया है।
बता दें कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने बीते कहा था कि वह डूसू चुनावों के दौरान नियामक उपायों का कोई उल्लंघन नहीं होने की उम्मीद करता है, जो कि विश्वविद्यालय, दिल्ली पुलिस, उम्मीदवारों और उनके संगठनों की जिम्मेदारी है। डूसू चुनावों के दौरान संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई कर रही है। अदालत ने कहा था, दाखिल किए गए दस्तावेजों को ध्यान में रखते हुए, हम केवल यही उम्मीद और अपेक्षा कर सकते हैं कि चुनाव के दौरान नियामक उपायों का कोई उल्लंघन न हो, जिसकी ज़िम्मेदारी विश्वविद्यालय, दिल्ली पुलिस, उम्मीदवारों और उनसे जुड़े संगठनों की होगी। अदालत अधिवक्ता प्रशांत मनचंदा की याचिका पर सुनवाई कर रही है, उन्होंने डूसू चुनाव को व्यवस्थित तरीके से संपन्न कराने के लिए दिशानिर्देशों और नियमों के उल्लंघन पर चिंता जताई थी।

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