जाम और खराब सड़कें बन गई ब्लैकबक की नाराज़गी की वजह, ऑफिस से हुई विदाई

नई दिल्ली{ गहरी खोज }: बंगलूरू स्थित लॉजिस्टिक्स स्टार्टअप ब्लैकबक ने शहर के आउटर रिंग रोड क्षेत्र से अपना दफ्तर हटाने का फैसला किया है। कंपनी का कहना है कि बिगड़ते सड़क हालात और बढ़ते आवागमन समय के कारण कर्मचारियों के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है।
कंपनी पिछले नौ साल से बेलंदूर स्थित ओआरआर दफ्तर से संचालन कर रही थी। कंपनी के सह-संस्थापक और सीईओ राजेश याबाजी ने कहा कि यह दफ्तर उनके लिए ‘ऑफिस और घर’ जैसा था, लेकिन अब हालात असहनीय हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि टूटी सड़कों, गड्ढों और धूल की वजह से कर्मचारियों को लगातार दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि अब यहां रहना बहुत मुश्किल हो गया है। हमने यहां से निकलने का फैसला कर लिया है।
उनके अनुसार, कर्मचारियों के लिए एक तरफ का औसत आवागमन 1.5 घंटे से अधिक हो गया है। इससे उत्पादकता और कार्य-जीवन संतुलन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। क्षेत्र के नागरिकों और व्यापारियों द्वारा बार-बार चिंता जताए जाने के बावजूद, याबाजी ने कहा कि सड़कें गड्डों और धूल से भरी हैं, और उन्हें ठीक कराने की कोई मंशा नहीं है , अगले 5 वर्षों में इसमें कोई बदलाव नहीं दिखेगा।” उन्होंने कहा कि उन्हें अगले पांच वर्षों में कोई सुधार होता नहीं दिख रहा है, जिसके कारण ब्लैकबक को परिचालन स्थानांतरित करने का कठोर निर्णय लेना पड़ा।
इस घटना ने एक बार फिर बंगलूरू के आईटी कॉरिडोर में काम करने वाली कंपनियों के बीच बढ़ती निराशा को उजागर करता है। आउटर रिंग रोड, जो कई बड़ी प्रौद्योगिकी कम्पनियों और स्टार्टअप्स का घर है, लंबे समय से यातायात की भीड़, खराब सड़क गुणवत्ता और समय पर रखरखाव की कमी से जूझ रहा है।
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने मंगलवार को ग्रेटर बंगलूरू अथॉरिटी (जीबीए) और पांच नगर निगमों से संबंधित मुद्दों पर एक उच्च स्तरीय बैठक की थी। उन्होंने कहा था कि खराब नागरिक कार्यों के लिए अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। उन्होंने नगर आयुक्तों को नियमित आधार पर निरीक्षण करने का निर्देश दिया है।
उपमुख्यमंत्री ने पहले कहा था कि बंगलूरू में लोगों के सामने आने वाली समस्याओं को हल करने में समय लगेगा और उन्होंने नागरिकों से सहयोग करने और नियमित रूप से करों का भुगतान करने का अनुरोध किया था।