बिहार के कई सरकारी अस्पतालों के पैथोलॉजी केंद्र में केमिकल की कमी, जांच बंद

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पटना{ गहरी खोज }: बिहार के कई जिलों के सरकारी अस्पतालों में इन दिनों पैथोलॉजी जांच केंद्र में जांच बंद कर दी गई हैं। सरकारी अस्पतालों में पैथोलॉजी केंद्र के बाहर सरकारी नोटिस चस्पा कर दिए गए हैं। इनमें कहा गया है कि केमिकल नहीं होने के कारण कई महत्वपूर्ण जांच बंद कर दी गई हैं। जनता परेशान है और स्वास्थ्य विभाग मूकदर्शक बना हुआ है।
हाल के दिनों में औरंगाबाद, नांलदा, बिहार शरीफ समेत कई जिलों में एएलपी ,एएसओ,आरए फैक्टर एसजीओटी, सीआरपी, क्रैटाइन, टीजी, एचबीएवनसी, पीटीआईएनआर जैसी महत्वपूर्ण जांचें न हो पाने से सैकड़ों मरीजों को खाली हाथ वापस लौटना पड़ा। यह जांचें आम तौर पर लीवर एवं अन्य संक्रमण के कारगर इलाज के लिए अहम होती हैं। बिहार में इस समय डेंगू तेजी से पैर पसार रहा है। डेंगू से लगभग पांच सौ लोग संक्रमित हो चुके हैं। अस्पताल के जिम्मेदार अधिकारी यह दलील दे रहे हैं कि ऊपर से वेंडर को केमिकल का आर्डर नहीं मिलने के कारण यह जांचें नहीं पा रही हैं। इसके लिए वह खेद भी जता रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि बिहार में पीपीपी मॉडल के आधार पर पैथोलॉजी जांचें होती हैं। इसके तहत बिहार स्वास्थ्य विभाग को आवश्यकता अनुसार समय- समय पर नियुक्त एजेंसियों को रीजेन्ट (केमिकल) का आर्डर देना पड़ता है। पिछले कुछ महीनों से यह काम धीमा हो गया है। इसका खामियाजा बिहार की जनता भुगत रही है। गरीब लोगों को महंगे दामों पर बाहर से टेस्ट कराने पड़ रहे हैं।

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