अवैध खनन, अवैध कटाई और बांधों के नाम पर हुई लूट की सीबीआई जांच ज़रूरी: चुग

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुग ने कहा कि पंजाब में आई बाढ़ के लिए अवैध खनन, अवैध कटाई और बांधों के निर्माण के नाम पर हुई लूट जिम्मेदार है, जिसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए। शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में तरुण चुग ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान की प्रेस कॉन्फ्रेंस ने जनता द्वारा मांगे गए ज्वलंत जवाबों से अधिक सवाल पैदा किए हैं।
चुग ने कहा कि आपदा प्रबंधन, घोषणाओं और कैमरे के सामने दिए वादों से नहीं चलता। बाढ़ की मार झेल रहे लोगों को हेडलाइन नहीं, राहत चाहिए। मुख्यमंत्री मान कहते हैं कि पंजाब को केवल 1,500 करोड़ रुपये मिले। दूसरी ओर, पंजाब प्रशासन खुद एसडीआरएफ-एनडीआरएफ खातों में बड़े पैमाने पर एंट्री मान रहा है। सच कौन सा है? अगर पैसा कागज पर है तो किसानों, मज़दूरों और घर-घर तक क्यों नहीं पहुंचा?
चुग ने वादों और डिलीवरी की खाई पर भी सवाल किया। उन्होंने पूछा कि 2023 में मान सरकार ने 15,000 रूपये प्रति एकड़ मुआवज़ा घोषित किया था। ये पैसा कितनों को मिला? अब 20,000 रूपये प्रति एकड़ की बात हो रही है। घोषणा से नहीं, समयबद्ध भुगतान से ज़ख्म भरते हैं। गिरदावरी कराएं, लाभार्थी सूची ऑनलाइन डालें और दिवाली से पहले भुगतान करे। आम आदमी पार्टी
नेताओं और खुद मुख्यमंत्री मान के बाढ़ के शुरुआती दिनों में अनुपस्थिति पर चुग ने तीखी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि आपदा पार्टी के राज में पंजाब में सरकार है, लेकिन शासन नहीं। चुग ने अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया की भूमिका पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि बिना संवैधानिक पद पर हुए पंजाब के मुख्यमंत्री को मिले संसाधनों का उपयोग करना नैतिक शासन नहीं, सरकारी मशीनरी का राजनीतिक दुरुपयोग है।
चुग ने मांग की कि सरकार सात दिनों में एसडीआरएफ और एनडीआरएफ इनफ्लो, बैलेंस, ब्याज और उपयोग पर श्वेत पत्र जारी करे, इसके साथ बाढ़ के बाद ज़िला-वार मुआवज़े की सूची प्रकाशित करे और हर गांव-स्तर सर्वे के बाद सात दिन की आपत्ति अवधि तय करे और तुरंत अंतिम भुगतान करे। उन्होंने पूछा कि अगर मान सरकार अपने आंकड़ों पर आश्वस्त है तो पारदर्शिता से डर क्यों?
चुग ने धुस्सी बांधों को कमजोर करने वाले अवैध खनन पर भी सवाल उठाए और पंजाब के सभी खनन टेंडरों पर सीबीआई जांच की मांग की। उन्होंने खुलासा किया कि लुधियाना के ससराली गांव में 18 अप्रैल 2025 को अवैध खनन पर एफआईआर दर्ज हुई थी, फिर भी मान सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की।

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