भारत-यूरोपीय संघ ने सुरक्षा एवं रक्षा साझेदारी और सूचना सुरक्षा समझौते पर जताई प्रतिबद्धता

नई दिल्ली{ गहरी खोज }: भारत और यूरोपीय संघ ने सुरक्षा एवं रक्षा साझेदारी और सूचना सुरक्षा समझौते को शीघ्र संपन्न करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री और यूरोपीय संघ परिषद की राजनीतिक एवं सुरक्षा समिति (पीएससी) के सदस्यों के बीच शुक्रवार को यहां हुई बैठक में दोनों पक्षों ने सुरक्षा और रक्षा के क्षेत्रों में सहयोग को और गहरा करने पर विचार-विमर्श किया। इस अवसर पर उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार पवन कपूर, सचिव (पश्चिम) सिबी जॉर्ज और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
एशिया की अपनी पहली यात्रा पर आए 30 सदस्यीय पीएससी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व समिति की अध्यक्ष डेल्फिन प्रोंक ने किया। प्रतिनिधिमंडल में यूरोपीय आयोग और यूरोपियन एक्सटर्नल एक्शन सर्विस के अधिकारियों के साथ-साथ यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के राजदूत भी शामिल रहे।
दोनों पक्षों ने भारत-यूरोपीय संघ सुरक्षा एवं रक्षा साझेदारी और सूचना सुरक्षा समझौते को शीघ्र संपन्न करने की प्रतिबद्धता दोहराई। इसके साथ ही, भारत-ईयू मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को वर्ष के अंत तक पूरा करने के लिए नेताओं द्वारा वार्ता टीमों को दिए गए निर्देशों पर भी चर्चा की गई।
बैठक के दौरान नवीनतम क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रमों पर भी विचारों का आदान-प्रदान हुआ। दोनों पक्षों ने इस बात पर जोर दिया कि बढ़ते राजनीतिक संवाद और नियमित सहयोगात्मक तंत्र भारत-ईयू सामरिक साझेदारी को और मजबूत बनाने में सहायक होंगे।
विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि दोनों पक्षों ने बढ़ती उच्च स्तरीय राजनीतिक सहभागिता और नियमित क्षेत्रीय संवादों पर संतोष व्यक्त किया तथा सुरक्षा और रक्षा के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर विचार-विमर्श किया। दोनों पक्षों ने भारत-यूरोपीय संघ सुरक्षा एवं रक्षा साझेदारी और सूचना सुरक्षा समझौते को शीघ्र संपन्न करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। इसके अलावा, भारत-यूरोपीय संघ एफटीए को वर्ष के अंत तक पूरा करने के लिए वार्ता टीमों को नेताओं द्वारा दिए गए निर्देशों पर भी चर्चा हुई। उन्होंने नवीनतम क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रमों पर भी अपने विचारों का आदान-प्रदान किया।
भारत की अपनी दो दिवसीय कार्य यात्रा के दौरान, पीएससी सदस्यों ने रक्षा सचिव से भी मुलाकात की, सूचना संलयन केंद्र – हिंद महासागर क्षेत्र (आईएफसी-आईओआर) का अवलोकन किया तथा भारतीय रक्षा उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की।
यह दौरा फरवरी 2025 में ईयू कॉलेज ऑफ कमिश्नर्स की ऐतिहासिक भारत यात्रा के बाद द्विपक्षीय संबंधों में आई नई गति को और आगे बढ़ाता है और भारत-ईयू सामरिक साझेदारी को गहराई देने की संयुक्त प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। भारत और यूरोपीय संघ के बीच सुरक्षा, रक्षा, समुद्री सुरक्षा, साइबर और आतंकवाद-रोधी क्षेत्रों में नियमित संवाद होते हैं। दोनों पक्ष रक्षा उद्योग एवं विनिर्माण में सहयोग बढ़ाने के नए अवसर भी तलाश रहे हैं।