छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध बस्तर दशहरा के मुरिया दरबार रस्म में शामिल हाेंगे केंद्रीय गृहमंत्री

जगदलपुर{ गहरी खोज }: छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध बस्तर दशहरा के मुरिया दरबार रस्म में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शामिल होंगे। यह जानकारी बस्तर सांसद और बस्तर दशहरा समिति के अध्यक्ष महेश कश्यप ने दी। उन्होंने बताया कि दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री शाह से मुलाकात कर 75 दिवसीय बस्तर दशहरा में शामिल होने निमंत्रण दिया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया।
बस्तर सांसद महेश ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि वे बस्तर दशहरा पर्व के तय कार्यक्रम अनुुसार 4 अक्टूबर काे मुरिया दरबार की रस्म में शामिल होने बस्तर जरूर आएंगे। बस्तर दशहरा पर्व के मुरिया दरबार रस्म में अब तक छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्यमंत्री शामिल हाेते रहे हैं, लेकिन वर्ष 2025 के बस्तर दशहरा मुरिया दरबार रस्म में पहली बार केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह शामिल हाेंगे।
उल्लेखनीय है कि रियासत कालीन दाैर से अनवरत 618 वर्षाें से बस्तर दशहरा पर्व मनाया जा रहा है। रियासत कालीन बस्तर दशहरा पर्व 75 दिनों तक चलता है। लेकिन यहां रावण का दहन नहीं होता है, बल्कि मां दंतेश्वरी के छत्र काे रथारूढ़ कर दुमंजिला रथ की परिक्रमा करवाई जाती है। यही बस्तर दशहरा का सबसे प्रमुख आर्कषण का केंद्र है, जिसके दीदार के लिए देशी-विदेशी र्पयटक यहां पंहुचते हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्यमंत्री, मंत्री-सांसदों को भी निमंत्रणइसके साथ ही राजधानी रायपुर में बस्तर दशहरा समिति ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उप मुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री विजय शर्मा, उप मुख्यमंत्री एवं कैबिनेट मंत्री अरुण साव, कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप, कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, जांजगीर-चांपा सांसद कमलेश जांगड़े, बिलासपुर विधायक अमर अग्रवाल, भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री पवन कुमार साय तथा भाजपा प्रदेश महामंत्री एवं धमतरी महापौर रामू रोहरा को विशेष आमंत्रण प्रदान दिया है। इस अवसर पर आमंत्रित सभी गणमान्यजनों ने बस्तर दशहरा समिति का आभार व्यक्त करते हुए आयोजन की सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं।
बस्तर सांसद और पदेन बस्तर दशहरा समिति के अध्यक्ष महेश कश्यप ने मीडिया से संवाद करते हुए छग प्रदेश के समस्त पत्रकारों को भी इस ऐतिहासिक और भव्य आयोजन में सम्मिलित होने के लिए आमंत्रित किया है। उन्होंने बताया कि बस्तर दशहरा छत्तीसगढ़ की समृद्ध आदिवासी संस्कृति, परंपराओं और सामाजिक एकता का प्रतीक है। यह भारत का सबसे अनूठा और सबसे लंबा 75 दिनों तक श्रद्धा, परंपरा और सांस्कृतिक विविधता के साथ मनाया जाता है। बस्तर दशहरा रावण वध पर आधारित न होकर बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी की भक्ति और आदिवासी परंपराओं पर केंद्रित है।
देवी की आराधना, विशाल रथ यात्रा, तांत्रिक अनुष्ठान और जनभागीदारी से जुड़ा यह पर्व बस्तर की संस्कृति, आस्था को जीवंत स्वरूप प्रदान करता है। यह केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता और जनजातीय विरासत का उत्सव है, जिसने बस्तर को पूरे देश में विशिष्ट पहचान दिलाई है। सांसद कश्यप ने हर्ष व्यक्त करते हुए बताया कि इस वर्ष बस्तर दशहरा के मुरिया दरबार रस्म में देश के गृहमंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सहित कैबिनेट मंत्री, सांसद एवं विधायकगण सम्मिलित होंगे। उन्होंने यह भी बताया कि बस्तर दशहरा समिति द्वारा देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी विशेष रूप से आमंत्रण प्रदान किया गया है।