न सरकार आपदा से बचाव को लेकर गंभीर थी और नहीं राहत को लेकर : जयराम ठाकुर

चम्बा{ गहरी खोज }: नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने वीरवार को चम्बा में राज्य सरकार पर आपदा प्रबंधन को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार न तो आपदा से बचाव के लिए तैयार थी और न ही राहत कार्यों को प्रभावी तरीके से अंजाम दे रही है। मानसून से पहले हर बार उच्च स्तरीय बैठकें होती थीं, लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ। इससे सरकार की संवेदनशीलता पर सवाल उठते हैं।
जयराम ठाकुर ने कहा कि जब प्रदेश में आपदा ने भारी तबाही मचाई, तब भी सरकार राहत कार्यों में तेजी लाने के बजाय बयानबाजी करती रही। मुख्यमंत्री खुद सदन से गायब रहे और बिहार में चुनावी यात्राएं करते रहे। चंबा में जब मणिमहेश यात्रा के दौरान हजारों श्रद्धालु फंसे हुए थे, तब विपक्ष ने यह मुद्दा उठाया लेकिन सरकार ने स्थिति को नकार दिया। बाद में खुद उपमुख्यमंत्री ने माना कि 15,000 से अधिक लोग फंसे हुए थे और 10,000 से अधिक को निकाला गया।
उन्होंने खुलासा किया कि सरकार ने सदन में दावा किया कि चार हेलीकॉप्टर रेस्क्यू में लगे हैं, जबकि वे निजी कंपनियों के थे और श्रद्धालुओं से 70 हजार तक वसूले गए। सरकार का इन पर कोई नियंत्रण नहीं था। यहां तक कि लंगर चलाने वालों को भी सरकार ने नहीं बख्शा। जयराम ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी आपदा के समय समाज सेवा में सबसे आगे रहती है। त्रिपुरा से राहत सामग्री से भरे ट्रक हिमाचल पहुंच चुके हैं, जिन्हें कार्यकर्ता अपनी पीठ पर लादकर प्रभावितों तक पहुंचा रहे हैं।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताते हुए कहा कि हिमाचल के इतिहास में पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने आपदा के बाद इतनी त्वरित आर्थिक सहायता दी है। केंद्र द्वारा 1500 करोड़ रुपए की मदद तुरंत दी गई, फिर भी राज्य सरकार आभार जताने तक को तैयार नहीं। जयराम ठाकुर ने सरकार से आग्रह किया कि केंद्र से मिले फंड को तत्काल प्रभावितों तक पहुंचाया जाए, ताकि उन्हें वास्तविक राहत मिल सके।