सीआरपीएफ के राहुल गांधी पर प्रोटोकॉल उल्लंघन आरोप को कांग्रेस

नई दिल्ली{ गहरी खोज }: केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर विदेश यात्राओं के दौरान सुरक्षा प्रोटोकॉल तोड़ने के आरोप लगाने पर कांग्रेस ने इसे केंद्र सरकार की ओर से विपक्षी नेता को धमकाने की चाल करार दिया है।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने पोस्ट में कहा कि सीआरपीएफ के पत्र का समयबद्ध जारी होना, उसका तुरंत सार्वजनिक होना कई गंभीर सवाल खड़े करता है। खेड़ा ने कहा, यह पत्र ऐसे वक्त में आया जब राहुल गांधी भाजपा और चुनाव आयोग की कथित सांठगांठ से हो रही वोट चोरी के खिलाफ आक्रामक रुख अपना रहे हैं। क्या यह विपक्ष के नेता को चुप कराने की छिपी हुई कोशिश है, जिन्होंने एक और बड़े खुलासे की घोषणा कर दी है? क्या सरकार उनके द्वारा सामने लाए जा रहे तथ्यों से इतनी बेचैन हो गई है?
सीआरपीएफ ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को एक औपचारिक पत्र भेजकर राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। एजेंसी का दावा है कि राहुल ने पिछले नौ महीनों में छह बार बिना किसी पूर्व सूचना के विदेश यात्राएं कीं, जिससे उनकी जेड+ श्रेणी की सुरक्षा व्यवस्था खतरे में पड़ सकती है। इन यात्राओं में इटली (30 दिसंबर 2024 से 9 जनवरी 2025), वियतनाम (12-17 मार्च), दुबई (17-23 अप्रैल), कतर (11-18 जून), लंदन (25 जून से 6 जुलाई) और मलेशिया (4-8 सितंबर) शामिल हैं। सीआरपीएफ के वीवीआईपी सिक्योरिटी प्रमुख सुनील जून ने पत्र में लिखा कि राहुल अपनी सुरक्षा को हल्के में ले रहे हैं, क्योंकि वे ज्यादातर विदेशी दौरों पर बिना एजेंसी को बताए निकल जाते हैं। इससे न केवल उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा कमजोर होती है, बल्कि समग्र प्रोटोकॉल का उल्लंघन होता है।
सीआरपीएफ ने राहुल गांधी को भी अलग से पत्र भेजा है, जिसमें चेतावनी दी गई है कि ऐसी लापरवाही से उन्हें संभावित खतरों का सामना करना पड़ सकता है। राहुल को एडवांस सिक्योरिटी लाइजन (एएसएल) कवर के साथ उच्चतम स्तर की जेड+ सुरक्षा प्रदान की गई है, जिसमें 10-12 सशस्त्र कमांडो हमेशा तैनात रहते हैं। ‘येलो बुक प्रोटोकॉल’ के अनुसार, ऐसी सुरक्षा प्राप्त व्यक्तियों को अपनी सभी गतिविधियों, विशेषकर विदेश यात्राओं की 48 घंटे पहले सूचना देनी अनिवार्य है, ताकि उचित सुरक्षा इंतजाम हो सकें। एजेंसी ने स्पष्ट किया कि यह पहला मामला नहीं है। 2020 से अब तक राहुल ने 113 अवसरों पर सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया, जिसमें कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा का दिल्ली चरण भी शामिल है।