दिल्ली: कॉन्क्लेव में संक्रामक रोगों के निदान पर हुई चर्चा, स्वास्थ्य तैयारियों पर जोर

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: दिल्ली में गुरुवार को वायरल रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया। इसमें देशभर के वायरल रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लैबोरेटरी (वीआरडीएल) नेटवर्क के प्रतिनिधि शामिल हुए। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “देशभर में मौजूद 164 वीआरडीएल के प्रतिनिधियों ने कॉन्क्लेव में भाग लिया। इस कॉन्क्लेव का उद्देश्य नए बैक्टीरिया, वायरस और पैथोजन की पहचान और निदान पर हुई प्रगति पर चर्चा करना है। इस मंच के माध्यम से हमने संक्रामक रोगों, उभरते वायरस और बैक्टीरिया, उनकी पहचान और निदान पर चर्चा की।” अनुप्रिया पटेल ने बताया, “हम हमारे देश के फ्यूचर और हेल्थ सिक्योरिटी को मजबूत कर रहे हैं। स्वास्थ्य संबंधी तैयारी पर काम कर रहे हैं। हम भविष्य की स्वास्थ्य सुरक्षा और अपनी स्वास्थ्य तैयारियों को मजबूत करने पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।”
उन्होंने बताया कि एक नया पोर्टल भी लॉन्च किया गया। यह पोर्टल पारदर्शिता लाएगा और इंडस्ट्री फ्रेंडली होगा। जो भी नए डायग्नोस्टिक किट बना रहे हैं, वे इस पोर्टल पर आसानी से अपनी एप्लिकेशन भेज सकते हैं और उसकी प्रगति को ट्रैक कर सकते हैं।
अनुप्रिया पटेल ने बताया कि सार्वजनिक स्वास्थ्य राज्य सरकारों का विषय है और इस मौसम में डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियां फैलती हैं। इसलिए, इस एडवाइजरी के माध्यम से राज्य सरकारों को उन सभी निवारक उपायों के बारे में बताया गया है जो उन्हें अपनाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें इन दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन कर रही हैं ताकि लोगों को इन बीमारियों से सुरक्षित रखा जा सके। राज्य सरकार को केंद्र सरकार की तरफ से सहायता उपलब्ध कराई जाती है। जनता को सुरक्षित रखना सरकार की प्राथमिकता है।
इसके साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने डेंगू और मलेरिया की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने राज्यों द्वारा किए जा रहे निवारक उपायों को तेज करने पर जोर दिया। इस संबंध में भारत सरकार ने राज्यों को एक एडवाइजरी जारी की है।

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