नेपाल से भागे कई कैदियों को भारतीय सुरक्षा कर्मियों सीमा पर पकड़ा, वापस सौंपा

अररिया{ गहरी खोज }: नेपाल की जेलों से भागे कैदी भारत में घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं। भारत-नेपाल की सीमा पर तैनात भारतीय सुरक्षा कर्मियों ने पकड़ कर उन्हें वापस नेपाली सेना के हवाले कर दिया है। भारत से सटे सीमावर्ती जिलों को एहतियातन पूरी तरह से सील कर दिया गया है।
नेपाल में ‘जेन जी’ के प्रदर्शन के दौरान राजधानी काठमांडू से लेकर विराटनगर, बीरगंज, राजविराज, दुहबी, इटहरी, कप्तानगंज और दीवानगंज तक में कोई भी ऐसा पहाड़ी या तराई इलाका नहीं है, जहां प्रदर्शन, तोड़फोड़ और आगजनी नहीं हुई हो। इस दौरान कई जेलों को भी निशाना बनाया गया और बंदियों को भगा दिया गया। भारतीय सीमा में प्रवेश की कोशिश में भारत के सुरक्षा कर्मियों ने बंदियों को पकड़ कर नेपाली सेना के हवाले कर दिया है।
नेपाल के विभिन्न जिलों के जेलों को भी प्रदर्शनकारियों ने निशाना बनाया। काठमांडू की नक्खू, महोतरी जिला का जलेश्वर स्थित जेल,पोखरा जेल, रोतहट के गौर जिले के साथ ही अररिया जिला से सटे सुनसरी जिले की झुमका जेल और सप्तरी जिला जेल पर हमला कर हजारों की संख्या में कैदियों को भगा दिया गया। जोगबनी सीमा से महज छह किलोमीटर दूर विराटनगर जेल तोड़ने की भी बुधवार दोपहर को कोशिश की गई, लेकिन नेपाल सेना ने मोर्चा संभालते हुए उसे नाकाम कर दिया।
प्रदर्शनकारियों के जेलों में घुसने के बाद सुरक्षाकर्मी पीछे हट गए, जिसका फायदा उठाकर जेल में बंद बंदी आराम से बाहर निकल गए। काठमांडू की नक्खू जेल को प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया। पूर्व गृह मंत्री रवि लामिछाने इसी जेल में बंद थे, उन्हें उनके समर्थकों ने घर पहुंचाया।फरार होते समय कैदी अपने निजी समान के साथ ही जेल के समानों और जेल से असलहों को भी अपने साथ लेकर निकल गए।
जोगबनी सीमा से तकरीबन 23 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सुनसरी जिला की झुमका जेल और सप्तरी जिला में भी प्रदर्शनकारियों ने हमला कर कैदियों को अपने साथ छुड़ाकर ले गए। झुमका जेल के जेलर सुवास लामिछाने ने जेल से बंदियों के फरार होने की पुष्टि की है। जेलर सुवास लामिछाने के अनुसार,देर रात जेन जी प्रदर्शनकारियों के नाम पर पहुंचे उपद्रवियों का एक समूह जेल पर हमला कर कैदियों को बाहर निकालकर अपने साथ ले गए।
इस जेल में दो ब्लॉक ए और बी में कुल 1098 बंदियों के होने की जानकारी उन्होंने दी। जेलर सुवास लामिछाने ने बताया कि समूह के द्वारा बल प्रयोग कर बंदियों को भगाया है। जेल से अधिकांश कैदी भाग चुके हैं और कई कैदी अपने साथ जेल के समानों के साथ हथियार भी लेकर चले गए।स्थिति अनियंत्रित होने के बाद सेना को सूचना दी गई, जिसके बाद बुधवार सुबह कुछ कैदियों को पकड़ कर वापस जेल में लाया गया है।
नेपाल में जेल तोड़ने के बाद बाहर आए कई कैदियों को भारतीय सीमा में प्रवेश करने के दौरान सुरक्षाकर्मियों ने पकड़ा है। सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी) के जवानों ने भी दर्जनों बंदियों को पकड़कर नेपाल पुलिस और सेना के हवाले किया है। जेल ब्रेक की घटना के बाद सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सीमा पर बड़ी संख्या में एसएसबी जवानों को प्रतिनियुक्त कर दिया गया है और नेपाल से आने वाले लोगों को भारतीय सीमा क्षेत्र में प्रवेश करने नहीं दिया जा रहा है। भारतीय सीमा को पूरी तरह से सील कर दिया गया है।
इस बीच नेपाल सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिगडेल ने प्रदर्शनकारियों को सख्त चेतावनी दी है, जिसमें उन्होंने राष्ट्रीय संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाने की हिदायत दी। नेपाल सेना की ओर से सीमा पार विराटनगर में बुधवार को भी कर्फ्यू रही।
अररिया जिले के जिलाधिकारी (डीएम) अनिल कुमार, पुलिस अधीक्षक (एसपी) अंजनी कुमार, एसएसबी 56वीं बटालियन के कमांडेंट शाश्वत कुमार बीते देर शाम तक जोगबनी मुख्य सीमा पर कैंप कर एसएसबी और पुलिस अधिकारियों को निर्देशित करते रहे। जेल ब्रेक के बाद नेपाल से आने वाले संदिग्धों पर कड़ी नजर रखने और उसकी मुकम्मल जांच का आदेश एसएसबी जवानों और पुलिस अधिकारियों को दिया गया है।