50 दिनों बाद जगदीप धनखड़ ने तोड़ी चुप्पी, बताया क्यों दिया था उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई 2025 को अपने पद से अचानक इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद से वह सार्वजनिक रूप से चुप थे। 50 दिनों बाद, 9 सितंबर 2025 को, उन्होंने अपनी चुप्पी तोड़ी और नए उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन को बधाई देते हुए अपने इस्तीफे के कारणों पर खुलकर बात की है।
धनखड़ ने अपने इस्तीफे में स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया था। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखे पत्र में कहा कि व्यक्तिगत स्वास्थ्य समस्याओं के कारण वह उपराष्ट्रपति का पद छोड़ रहे हैं। हालांकि, उनके अचानक इस्तीफे ने राजनीतिक गलियारों में कई सवाल खड़े किए। विपक्ष ने दावा किया है कि इस्तीफे के पीछे कोई और वजह हो सकती है, जैसे सरकार के साथ मतभेद या अन्य दबाव। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि धनखड़ का इस्तीफा पूरी तरह से स्वास्थ्य कारणों से था और इसे अनावश्यक रूप से तूल नहीं देना चाहिए।
धनखड़ ने एक पत्र में अपने उत्तराधिकारी सीपी राधाकृष्णन को बधाई देते हुए कहा कि उनके अनुभव से उपराष्ट्रपति का पद और सम्मान प्राप्त करेगा। उन्होंने अपने पत्र में लिखा, “भारत, जो दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, आपके नेतृत्व में इस प्रतिष्ठित पद को और गौरव मिलेगा। राधाकृष्णन ने 9 सितंबर 2025 को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी गठबंधन के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी को हराकर जीत हासिल की। धनखड़ का यह बयान उनके इस्तीफे के बाद पहला सार्वजनिक बयान था, जिसने राजनीतिक चर्चाओं को हवा दी। विपक्ष ने धनखड़ के इस्तीफे के बाद से कई सवाल उठाए। कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि धनखड़ की 50 दिनों की चुप्पी असामान्य थी और देश उनके इस्तीफे की सच्चाई जानना चाहता है। सचिन पायलट ने भी पूछा, “जगदीप धनखड़ कहां हैं? उनकी चुप्पी और गायब होना समझ से परे है।” कुछ विपक्षी नेताओं ने दावा किया कि धनखड़ को सरकार ने चुप कराया या नजरबंद किया गया, लेकिन अमित शाह ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।
धनखड़ ने संसद के मानसून सत्र के पहले दिन, 21 जुलाई 2025 को इस्तीफा दिया, जिसकी टाइमिंग ने कई लोगों को हैरान किया। विपक्ष ने सवाल उठाया कि अगर स्वास्थ्य कारण थे, तो इस्तीफा सत्र की शुरुआत से पहले क्यों नहीं दिया गया। कुछ जानकारों ने इसे बिहार विधानसभा चुनाव या संसद में जस्टिस यशवंत वर्मा पर महाभियोग प्रस्ताव से जोड़ा। हालांकि, इन अटकलों पर धनखड़ या सरकार की ओर से कोई स्पष्ट जवाब नहीं आया है।

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