सरसंघचालक डॉ. भागवत 13 सितंबर से इंदौर प्रवास पर, 14 को करेंगे पुस्तक ‘परिक्रमा’ का विमोचन

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भोपाल{ गहरी खोज }: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत का इंदौर प्रवास 13 सितंबर (शनिवार) शाम से आरंभ होगा। वे 14 सितंबर की शाम तक शहर में रहेंगे। इस दौरान वे संघ के आंतरिक कार्यक्रमों के साथ ही एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक आयोजन में भाग लेंगे। रविवार दोपहर 3:15 बजे ब्रिलियेंट कन्वेंशन सेंटर में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रह्लाद पटेल की पुस्तक ‘परिक्रमा’ का विमोचन करेंगे। इस पुस्तक का लेखन पटेल ने नर्मदा परिक्रमा के अपने अनुभवों पर आधारित कर किया है, जिसे उन्होंने 1994 और 2007 में दो अलग-अलग यात्राओं में संजोया था।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, मालवा प्रांत के प्रांत प्रचार प्रमुख जयशंकर शर्मा ने बुधवार को बताया कि सरसंघचालक का यह इंदौर में वर्ष 2025 का चौथा दौरा है। इससे पूर्व वे 3 जनवरी, 13 जनवरी और 10 अगस्त को इंदौर आए थे। शर्मा के अनुसार इस बार का मुख्य कार्यक्रम पुस्तक विमोचन है।
उल्‍लेखनीय है कि इस समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, राज्य मंत्रिमंडल के कई सदस्य और प्रदेश के गणमान्यजन मौजूद रहेंगे। डॉ. भागवत के इंदौर से गहरे संबंध और उनकी सक्रिय मौजूदगी इस वर्ष विशेष चर्चा का विषय रही है। जनवरी माह मे पहले दौरे में उन्होंने संघ के शताब्दी कार्यक्रम ‘स्वर शतक’ में भाग लिया था। उस समय उन्होंने स्पष्ट कहा था कि भारत को अग्रपंक्ति में लाना ही संघ का ध्येय है और इसके लिए आवश्यक हर कार्य वे करने को तत्पर हैं। यही नहीं, 13 जनवरी को अपने दूसरे दौरे में उन्होंने रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय को देवी अहिल्या राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया। उस अवसर पर उन्होंने जोर देकर कहा था कि खुशहाली और विकास का मार्ग भी राम मंदिर जैसे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक प्रतीकों से होकर जाता है।
तीसरी बार संघ प्रमुख 10 अगस्त को इंदौर आए थे। तब उन्होंने 96 करोड़ की लागत से तैयार कैंसर केयर हॉस्पिटल का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने समाज के सभी वर्गों के नेताओं से आग्रह किया कि वे कमजोर तबकों को ऊपर उठाने के लिए सामूहिक प्रयास करें। उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सेवाओं के लगातार महंगे होते जाने पर चिंता भी जताई थी और कहा था कि इन क्षेत्रों को व्यावसायिक दृष्टिकोण से मुक्त करने की जरूरत है, ताकि सामान्य नागरिक भी लाभान्वित हो सकें।
अब उनके चौथे दौरे को लेकर संघ स्वयंसेवकों और शहरवासियों में खासा उत्साह है। नर्मदा परिक्रमा पर आधारित पुस्तक का विमोचन केवल साहित्यिक या सांस्कृतिक आयोजन भर नहीं है, बल्कि इसे समाज और अध्यात्म से जुड़े व्यापक विमर्श से जोड़ा जा रहा है।

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