हाई ब्लड प्रेशर से हार्ट अटैक या स्ट्रोक की संभावना कितनी तेजी से बढ़ती है, बता रहे हैं डॉक्टर

लाइफस्टाइल डेस्क { गहरी खोज }: हाई ब्लड प्रेशर, जिसे आमतौर पर ‘हाइपरटेंशन’ कहा जाता है, आज दुनिया भर में सबसे तेज़ी से बढ़ती स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। इसे साइलेंट किलर कहा जाता है, क्योंकि यह बिना किसी स्पष्ट लक्षण के धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुँचाता है। खासकर हृदय स्वास्थ्य पर इसका गहरा असर पड़ता है। दिल्ली में स्थित श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट में डायरेक्टर, इंटरवेंशनल, क्लिनिकल एंड क्रिटिकल कार्डियोलॉजी एंड इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी डॉ. अमर सिंघल कहते हैं कि लंबे समय तक बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर धमनियों को कमजोर करता है, हृदय की कार्यक्षमता पर बोझ डालता है और हार्ट अटैक या स्ट्रोक जैसी जानलेवा स्थितियों का कारण बन सकता है।
हाई ब्लड प्रेशर कैसे नुकसान पहुँचाता है?
ब्लड प्रेशर का सीधा संबंध रक्त प्रवाह से होता है। जब रक्त का दबाव लगातार अधिक रहता है तो धमनियों की दीवारों पर दबाव पड़ता है। यह दबाव धीरे-धीरे धमनियों को मोटा बना देता हैM ऐसे में हृदय को पूरे शरीर में रक्त पंप करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है।
दिल पर पड़ता है बुरा प्रभाव
हाई ब्लड प्रेशर, धमनियों में फैट और कोलेस्ट्रॉल के जमाव को तेज़ कर कोरोनरी आर्टरी डिज़ीज़ का कारण बन सकता है, जिससे हृदय को रक्त और ऑक्सीजन नहीं मिलती और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। लगातार उच्च दबाव हृदय की मांसपेशियों को कमजोर कर देता है, जिससे हृदय विफलता की स्थिति पैदा होती है।
इन अंगों पर भी पड़ता है असर
हाई ब्लड प्रेशर का असर सिर्फ हृदय तक सीमित नहीं रहता, बल्कि यह धीरे-धीरे पूरे शरीर पर प्रभाव डालता है। हाई ब्लड प्रेशर, मस्तिष्क की नसों पर इसका असर स्ट्रोक की आशंका को बढ़ाता है। इसके अलावा, यह किडनी की धमनियों को भी नुकसान पहुँचाता है, जिससे शरीर में फ्लूड और नमक की मात्रा बढ़ जाती है।
कैसे करें बचाव?
- सबसे पहले आहार पर ध्यान दें, नमक की मात्रा कम करें और ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज तथा कम वसा वाले खाद्य पदार्थ खाएँ।
- नियमित व्यायाम, जैसे रोज़ाना 30 मिनट तेज़ चलना, योग या हल्की कसरत, ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में रखने में मदद करता है।
- तनाव कम करने के लिए ध्यान, प्राणायाम और पर्याप्त नींद को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना ज़रूरी है।
- धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएँ, क्योंकि ये न केवल बीपी बढ़ाते हैं बल्कि हृदय को भी नुकसान पहुँचाते हैं।
- समय-समय पर ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की जांच कराते रहें और यदि डॉक्टर ने दवाएँ लिखी हैं तो उन्हें नियमित रूप से लें।