कलाम मेमोरियल के व्याख्यान में नितिन गडकरी का ग्रामीण विकास पर जोर

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Nitin-Gadkari

नई दिल्ली{ गहरी खोज }: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का कहना है देश की आजादी के समय 85-90 फीसदी आबादी गांवों में रहती थी। इसीलिए गांधी जी ने ग्रामीण उद्योग, कृषि, कुटीर उद्योग, हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट को बढ़ावा देने की वकालत की थी, ताकि ग्रामीण भारत का विकास हो। बाद मे औद्योगिक विकास को प्राथमिकता दी गई, लेकिन जल, जंगल और जमीन के विकास पर उतना ध्यान नहीं दिया गया। इस वजह से धीरे-धीरे 30 फीसदी आबादी शहरों की ओर पलायन कर गई। उन्होंने कहा कि ग्रामीण भारत के विकास के लिए सड़क बुनियादी ढांचे को मजबूत करना आवश्यक है, क्योंकि यह न केवल गांवों को शहरों से जोड़ता है, बल्कि आर्थिक और सामाजिक प्रगति का आधार भी बनता है।
नई दिल्ली में आयोजित 5वें एपीजे अब्दुल कलाम मेमोरियल व्याख्यान में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को श्रद्धांजलि देते हुए गडकरी ने उनके जीवन और योगदान को प्रेरणादायक बताया। इस दौरान उन्होंने ग्रामीण भारत के विकास और सड़क बुनियादी ढांचे की भूमिका पर जोर दिया। कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद और जदयू नेता केसी त्यागी सहित अनेक गण्यमान्य जन मौजूद थे। अपने व्याख्यान में गडकरी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि जब वे महाराष्ट्र सरकार में मंत्री थे, तब अटल जी ने उन्हें दिल्ली बुलाकर देश के गांवों में सड़कें बनाने की योजना तैयार करने का निर्देश दिया था। उन्हें देश का पहला मुंबई-पूणे एक्सप्रेसवे और वर्ली-बांद्रा सी लिंक प्रोजेक्ट को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत पूरा करने का मौका मिला। इन परियोजनाओं के सफल होने के बाद अटल जी ने उनसे कहा, नितिन, तुमने शहरों में बहुत काम किया, अब देश के गांवों में अच्छी सड़कें बनाने के लिए योजना तैयार करो।
उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने कार्यालय में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी का एक कथन लिखकर रखा था, जिसमें कहा गया था, अमेरिका की सड़कें इसलिए अच्छी नहीं हैं क्योंकि अमेरिका अमीर है, बल्कि अमेरिकी सड़कें अच्छी हैं इसलिए अमेरिका अमीर है। इस कथन से प्रेरित होकर गडकरी ने अटल जी के सामने अपनी रिपोर्ट में यही बात रखी। गडकरी ने अपने संबोधन में डॉ. कलाम के ग्रामीण विकास और आत्मनिर्भरता के दृष्टिकोण को याद करते हुए कहा कि उनकी प्रेरणा से आज भी देश में नवाचार और प्रगति को बढ़ावा मिल रहा है।

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