प्रधानमंत्री ने हिमाचल के बाढ़ग्रस्त इलाकों का किया दौरा, 1500 करोड़ की वित्तीय सहायता की घोषणा

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को हिमाचल प्रदेश का दौरा कर भारी वर्षा, बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन से उत्पन्न हालात का जायजा लिया। उन्होंने मंडी और कुल्लू जिलों के प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया और इसके बाद कांगड़ा में प्रदेश की स्थिति की समीक्षा की। यहां उन्होंने प्रभावित लोगों से मुलाकात की।
प्रधानमंत्री मोदी ने हिमाचल प्रदेश के लिए 1500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की। वहीं, एसडीआरएफ और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की दूसरी किस्त अग्रिम रूप से जारी की जाएगी। केंद्र सरकार ने नुकसान के आकलन करने के लिए अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दल पहले ही भेज दिए हैं और उनकी विस्तृत रिपोर्ट के आधार पर आगे की सहायता पर विचार किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने बाढ़ और प्राकृतिक आपदा में मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को 50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि देने की भी घोषणा की।
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री ने कांगड़ा में अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। उन्होंने हिमाचल प्रदेश में बाढ़ की स्थिति पर एक प्रस्तुति देखी। इस दौरान उनके साथ राज्यपाल शिवप्रताप शुक्ला और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ‘सुक्खू’ भी थे।प्रधानमंत्री ने स्थिति की गंभीरता को स्वीकार किया और आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार स्थिति से निपटने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी।
प्रधानमंत्री ने पूरे क्षेत्र और लोगों का जीवन पटरी पर लाने के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया। ये कार्य कई तरीकों से किए जाएँगे, जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से घरों का पुनर्निर्माण, राष्ट्रीय राजमार्गों का जीर्णोद्धार, स्कूलों का पुनर्निर्माण, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष के तहत राहत का प्रावधान और पशुओं के लिए मिनी किट जारी करना। कृषि समुदाय को सहायता प्रदान करने की महत्वपूर्ण आवश्यकता को देखते हुए विशेष रूप से उन किसानों को अतिरिक्त सहायता प्रदान की जाएगी जिनके पास वर्तमान में बिजली कनेक्शन नहीं हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत, क्षतिग्रस्त घरों की जियोटैगिंग की जाएगी। इससे नुकसान का सटीक आकलन करने और प्रभावित लोगों तक त्वरित सहायता पहुँचाने में मदद मिलेगी। निर्बाध शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्कूल नुकसान की सूचना दे सकेंगे और उसे जियोटैग कर सकेंगे, जिससे समग्र शिक्षा अभियान के तहत समय पर सहायता मिल सकेगी। वर्षा जल के संग्रहण और भंडारण हेतु जल संचयन हेतु पुनर्भरण संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा। इन प्रयासों से भूजल स्तर में सुधार होगा और बेहतर जल प्रबंधन को बढ़ावा मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने इस दौरे में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और आपदा मित्र टीमों के सदस्यों से भी संवाद किया। उन्होंने प्रभावित लोगों की समस्याएं सुनीं और राहत एवं बचाव अभियानों की प्रगति का आकलन किया। उन्होंने तत्काल राहत और बचाव कार्यों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, राज्य प्रशासन और अन्य सेवा-उन्मुख संगठनों के कर्मियों के प्रयासों की सराहना की।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी आज उप राष्ट्रपति पद के लिए चल रही मतदान प्रक्रिया में भाग लेने के बाद हिमाचल के लिए रवाना हुए थे। बाद में वे पंजाब जायेंगे। प्रधानमंत्री ने यात्रा के पूर्व सोशल मीडिया पर लिखा कि भारत सरकार इस दुखद घड़ी में प्रभावित लोगों के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ी है।
हिमाचल प्रदेश में हाल के दिनों में भारी वर्षा के कारण बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं। राज्य के कई जिलों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और बड़े पैमाने पर नुकसान दर्ज किया गया है। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि राज्य में बारिश और भूस्खलन के चलते करीब 10 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है।

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