देश में पहली बार पूर्ण डिजिटल होगी जनगणना, मोबाइल से ही डेटा जुटाएंगे कर्मी

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नई दिल्ली { गहरी खोज }: अगले साल शुरु होने वाली जनगणना देश की पहली पूर्णत: डिजिटल जनगणना होगी। इस कार्य में लगने वाले 34 लाख प्रगणक (जनगणना कार्य करने वाले कर्मचारी) पहली बार अपने ही स्मार्टफोन से इस काम को अंजाम देंगे। सूत्रों के अनुसार, भारत के महापंजीयक द्वारा तैनात किए गए पर्यवेक्षक और ऐसे प्रगणक जनगणना कार्य के लिए अपने एंड्रॉयड या आईओएस ऑपरेटिंग सिस्टम वाले फोन से डेटा इकट्ठा कर एक ऐप के जरिए सेंट्रल सर्वर में डेटा ट्रांसफर करेंगे।
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी जनगणना कर्मी इस प्रक्रिया में एक ऐसे मोबाइल एप्लीकेशन यानी ऐप का इस्तेमाल करेंगे, जिसे 2021 की जनगणना कार्य के लिए डेवलप किया गया था। यह एप्लिकेशन एंड्रॉइड और आईओएस दोनों ऑपरेटिंग सिस्टम के फोन को सपोर्ट करेगा और अंग्रेजी के साथ-साथ अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में भी ऐप उपलब्ध होंगे। सूत्रों के जरिए बताया गया है कि चार साल पुराने इस एप्लिकेशन में अब कई तकनीकी सुधार किए गए हैं, ताकि कोई भी जनगणना कर्मी इसे सहजता और सरलता से संचालित कर सके और सेंसस के लिए डेटा उसमें अपलोड कर सके।
बता दें कि इससे पहले 2011 में हुई सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना के दौरान भी गणना कर्मियों ने बिना कागज के इस काम को अंजाम दिया था लेकिन तब उन्हें इस काम के लिए टैबलेट दिए गए थे, जिसे भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने उपलब्ध कराए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्ण डिजिटल जनगणना होने की वजह से 2027 की जनगणना में पहली बार सभी आवासीय और गैर-आवासीय भवनों की जियो-टैगिंग होगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि किसी कारणवश अगर कोई जनगणना कर्मी कागज़ पर कोई डेटा इकट्ठा करता है, तो उसे उसे एक डेडिकेटेड वेब पोर्टल पर अपलोड करना होगा ताकि बाद में उसकी स्कैनिंग करने या उस डेटा की एंट्री की जरूरत महसूस न हो। इसका मतलब यह है कि पहली बार ऐसा होगा जब जनगणना के हर तरह के आंकड़े जनगणना काम में लगे कर्मियों के स्तर पर ही डिजिटल कर दिया जाएगा। इससे जनगणना के नतीजे जल्दी आने की संभावना है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आने वाला भारत के महापंजीयक का कार्यालय, इस पूरी प्रक्रिया की रियल टाइम निगरानी और उसका प्रबंधन करने के लिए एक वेबसाइट भी विकसित कर रहा है। आरजीआई ने जनगणना के लिए 14,618.95 करोड़ रुपये का बजट मांगा है। बता दें कि 2027 की जनणना दो चरणों में होगी। पहला चरण अप्रैल से सितंबर 2026 तक चलेगा, जिसमें मकान सूचीकरण का काम किया जाएगा। इसके बाद दूसरा चरण शुरू होगा, जो फरवरी 2027 में पूरे देश में शुरू होगी। इसमें जनसंख्या गणना का काम पूरा किया जाएगा। हालांकि, लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में यह काम सितंबर 2026 में ही पूरा कर लिया जाएगा। आगामी जनगणना में, घर के सदस्यों की जातियों की गणना भी की जाएगी, साथ ही लोगों के पास स्वयं गणना करने का विकल्प भी होगा।

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