भूपेन हजारिका की 100वीं जयंती पर शाह, राजनाथ, गडकरी, खरगे, राहुल समेत कई नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: प्रसिद्ध भारतीय गायक, संगीतकार, गीतकार, कवि और फिल्म निर्माता भूपेन हजारिका की 100वीं जयंती पर देशभर में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस मौके पर गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी सहित कई नेताओं ने उनके योगदान को नमन किया।

गृहमंत्री अमित शाह ने उन्हें याद करते हुए एक्स पोस्ट में लिखा, भारत रत्न डॉ. भूपेन हजारिका जी को उनकी जयंती पर स्मरण करता हूं। ‘ब्रह्मपुत्र के गायक’ के रूप में प्रसिद्ध हजारिका जी की आत्मीय आवाज ने असम की आत्मा को दुनिया तक पहुंचाया और उनकी रचनाओं ने प्रेम, एकता और मानवता का संदेश दिया। उनकी धुनें हमेशा हमारे दिलों में गूंजती रहेंगी और हमें संगीत की वह शक्ति याद दिलाती रहेंगी जो जोड़ती और उपचार करती है। प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा उन्हें भारत रत्न प्रदान कर उनकी विरासत को अमर कर दिया गया।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, भारत रत्न डॉ. भूपेन हजारिका को उनकी जयंती पर स्मरण करता हूं। एक गायक, कवि, संगीतकार और दूरदर्शी कलाकार के रूप में उन्होंने असम की आत्मा को अमर कर दिया और भारत के सांस्कृतिक परिदृश्य को समृद्ध किया। उनके गीतों में प्रेम, न्याय और सद्भाव का संदेश समाहित था, जो पीढ़ियों तक प्रेरणा देता रहेगा।

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, “विख्यात गायक, संगीतकार भारत रत्न भूपेन हज़ारिका जी की जयंती पर उन्हें सादर नमन।”

कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने लिखा, “जब देश उनके जन्म शताब्दी वर्ष का उत्सव मना रहा है, हम ‘ब्रह्मपुत्र के गायक’ और भारत रत्न भूपेन हजारिका की महान विरासत को नमन करते हैं। एक दूरदर्शी संगीतकार, कवि, गीतकार और फिल्म निर्माता के रूप में वे असम की संस्कृति में गहराई से रचे-बसे थे। उनकी रचनाएं क्षेत्रीय सीमाओं से परे जाकर मानवता, सौहार्द और सार्वभौमिक भाईचारे का शाश्वत संदेश देती रहीं।”

राहुल गांधी ने कहा, “असम की लोक संस्कृति और भारतीय संगीत को वैश्विक पहचान दिलाने वाले महान गायक और संगीतकार भारत रत्न भूपेन हजारिका जी की जयंती पर उन्हें नमन करता हूं। उनकी रचनाओं ने क्षेत्र और भाषा की सीमाओं के परे जाकर पूरे देश में एकता और भाईचारे का संदेश दिया। उनका यह अमूल्य योगदान आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरित करता रहेगा।”

केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल ने लिखा, “विलक्षण प्रतिभा के धनी, महान संगीतज्ञ, भारत रत्न डॉ. भूपेन हज़ारिका जी की जयंती पर उन्हें सादर नमन। असमिया संस्कृति के उत्थान और प्रचार-प्रसार तथा भारतीय संगीत को वैश्विक पटल पर विशिष्ट स्थान दिलाने के लिए वे सदैव स्मरणीय रहेंगे।”

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लिखा, “महान संगीतज्ञ, गीतकार एवं गायक, भारत रत्न भूपेन हजारिका जी की जयंती पर कोटि-कोटि नमन करता हूं! ‘दिल हूम हूम करे’, ‘गंगा बहती हो क्यों’, ‘समय ओ धीरे चलो’ जैसे असंख्य गीतों के माध्यम से आप सदैव संगीत प्रेमियों के हृदय में जीवित रहेंगे।”

असम के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में केंद्रीय बंदरगाह, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने उन्हें मां भारती की असाधारण आवाज करार देते हुए लिखा कि उनकी रचनाओं ने असम और पूर्वोत्तर भारत की आत्मा को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया। आज जब संसद में पूर्वोत्तर के सांसदों के साथ उनकी जयंती मनाई जा रही है, यह उनके जीवन के उस भाव को सम्मानित करने का क्षण है, जो लोगों की आवाज़ सुनने और अपनी जड़ों से जुड़े रहने की प्रेरणा देता है।

केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री मंत्री किरेन रिजिजू ने लिखा, “भारत रत्न डॉ. भूपेन हजारिका को स्नेहपूर्वक स्मरण करता हूं, जिनकी अमर धुनें आज भी हमें मंत्रमुग्ध करती हैं। भारत के संगीत जगत में उनका अतुलनीय योगदान आज भी संगीत प्रेमियों के दिलों में जीवित है।”

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, “असमिया लोक-संस्कृति के अमर स्वर, महान संगीतज्ञ, रचनाकार एवं फिल्म निर्माता, भारत रत्न भूपेन हजारिका की जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि। आपकी रचनाएं आज भी संगीत साधकों के लिए विरासत हैं। आपकी मधुर धुनें और प्रेरणादायी स्वर सदैव ‘सांस्कृतिक जगत’ में गूंजते रहेंगे।”

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने लिखा, “आज हम एक ऐसे व्यक्ति का जीवन मनाते हैं, जिन्होंने अपनी आत्मीय धुनों के माध्यम से असम को दुनिया तक पहुंचाया और मानवता को अपनी धुन तथा प्रेम को अपना गान बनाया। भूपेन दा का जीवन स्वयं एक कविता था।”

अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने लिखा, “भारत रत्न भूपेन हजारिका जी को उनकी जयंती पर याद करते हैं। आपके गीतों ने पूर्वोत्तर भारत और बाकी देश के दिलों को जोड़ने का काम किया। अरुणाचल में आज भी आपकी धुनें गूंजती हैं और शांति, एकता तथा सांस्कृतिक गर्व की प्रेरणा देती हैं।”

उल्लेखनीय है कि भूपेन हजारिका को ‘ब्रह्मपुत्र के गायक’ के रूप में जाना जाता है, जिनकी आवाज और रचनाएं न केवल असम बल्कि पूरे भारत की सांस्कृतिक विरासत की अमूल्य धरोहर हैं। भूपेन हजारिका ने असमिया, हिंदी और कई अन्य भाषाओं में गीत लिखे और गाए। उन्होंने भारतीय जनमानस के सामाजिक और सांस्कृतिक सरोकारों को अपनी कला के माध्यम से स्वर दिया। उनके गीत आज भी भारतीय संगीत की आत्मा में बसे हैं। उनकी फिल्मों जैसे रुदाली और दरमियान ने उनकी बहुमुखी प्रतिभा को दर्शाया। भारत रत्न, दादासाहेब फाल्के पुरस्कार और संगीत नाटक अकादमी जैसे सम्मानों से नवाजे गए भूपेन हजारिका की 100वीं जयंती पर देश उनकी सांस्कृतिक विरासत को नमन कर रहा है।

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