अन्नाद्रमुक नेता सेंगोट्टैयन ‘तीर्थयात्रा’ पर हरिद्वार रवाना, भाजपा नेताओं से मुलाकात की अटकलों पर लगाया विराम

कोयंबटूर{ गहरी खोज }: तमिलनाडु में अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के (आईएडीएमके) के असंतुष्ट वरिष्ठ नेता, राज्य के पूर्व मंत्री और गोबिचेट्टीपलायम के विधायक के.ए. सेंगोट्टैयन ने सोमवार को दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं के साथ अपनी संभावित बैठक की अटकलों पर विराम लगा दिया है।
दिल्ली रवाना होने से पहले कोयंबटूर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वे भगवान की पूजा के लिए हरिद्वार जा रहे हैं। उन्होंने कहा, मैं मन की शांति के लिए हरिद्वार जा रहा हूँ। मैं कल वापस आ जाऊंगा। उन्होंने कहा कि मैं इसलिए जा रहा हूं क्योंकि मैं अपने मन को शांत करना चाहता हूं।
दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, मैं भगवान राम के दर्शन करने जा रहा हूं। मैंने यह नहीं कहा कि मैं 9 तारीख को कोई महत्वपूर्ण घोषणा करूंगा। मैं मंदिर जाऊंगा और चुप रहूंगा। उन्होंने इस सवाल का जवाब देने से भी इनकार कर दिया कि क्या किसी वरिष्ठ नेता ने उन्हें बुलाया था। उन्होंने किसी वरिष्ठ नेता के उनसे बात करने के सवाल पर सस्पेंस बनाये रखा।
सेंगोट्टैयन ने कहा कि उन्होंने किसी से अलग राय नहीं जताई है और जो कहा है वह सबके मन में है। पार्टी पदाधिकारियों से एकजुट होने का आहवान करे हुए उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से कई लोग उनसे मिल रहे हैं। दस हज़ार से भी ज़्यादा लोग उनसे मिल चुके हैं। लोगों का कहना है कि उनकी ओर से जो कहा गया है वह सही है और इसलिए स्वयंसेवकों की भी इस पर कोई अलग राय नहीं है। वे (स्वयंसेवक) उन्हें दिलासा ही दे रहे हैं।
सेंगोट्टैयन ने कहा कि उन्होंने एक अच्छे उद्देश्य के लिए ही टिप्पणी की थी, जिसपर महासचिव ने उनके खिलाफ कार्रवाई की है। हालांकि उन्होंने कहा मैं उनके इस कदम पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। अब तो आगे समय ही बताएगा। यह पूछे जाने पर कि क्या उनके पास पलानीस्वामी का फोन आया था, सेंगोट्टैयन ने इसका कोई जवाब नहीं दिया। हालांकि उन्होंने यह जरूर साफ किया कि एआईएडीएमके के किसी भी वरिष्ठ नेता ने उनसे मुलाकात नहीं की है।
अपनी बातों को दोहराते हुए उन्होंने कहा, मेरी एकमात्र चिंता पार्टी की एकता है। मैं ओ. पेन्नीरसेल्वम या टी.टी.वी. दिनाकरन जैसे (निष्कासित) नेताओं से कभी नहीं मिला। ऐसे दावे निराधार हैं। किसी ने भी मेरे रुख का विरोध या टिप्पणी नहीं की है। अन्नाद्रमुक एकजुट रहे यही मेरी एकमात्र चिंता है। इसके पीछे मेरा कोई और मकसद नहीं है। पार्टी से किसने मुझसे बात की है, इसका खुलासा मैं नहीं करना चाहता।
उन्होंने कहा, एआईएडीएमके को एकजुट रहना चाहिए और यही मेरी एकमात्र चिंता है। इसके पीछे मेरा कोई और मकसद नहीं है। पार्टी पदों से हटाए जाने के बारे में पूछे जाने पर सेनगोट्टैयन ने कहा कि यह महासचिव (एडप्पादी के. पलानीस्वामी) का निर्णय था और उन्होंने आगे कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
उल्लेखनीय है कि एआईएडीएमके ने राज्य के पूर्व मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता के.ए. सेंगोट्टायन को पार्टी के पदों से बर्खास्त कर दिया है। यह कदम ऐसे समय उठाया गया, जब सेंगोट्टायन ने पार्टी नेतृत्व से निष्कासित नेताओं को फिर से शामिल करने और एकजुटता बनाए रखने का आह्वान किया था।
उन्होंने कहा कहा था कि अगर हम उन (गुटों) को फिर से वापस लाएं जो हमें छोड़कर चले गए थे, तो हम आगामी विधानसभा का चुनाव जीत सकते हैं। हमें उन लोगों को स्वीकार करना चाहिए और पार्टी में पुनः शामिल करना चाहिए जो हमें छोड़कर चले गए हैं।
सेंगोट्टैयन ने शनिवार को यह भी कहा था कि एडप्पादी पलानीस्वामी खुद कई मंचों पर कह चुके हैं कि अन्नाद्रमुक में किसी के भी आत्मसम्मान के साथ अपनी राय रखने में कोई बाधा नहीं है। लेकिन अब क्या कार्रवाई होगी, यह तो समय ही बताएगा। मुझे अन्नाद्रमुक के पदों से हटाने से पहले, मुझसे मेरे भाषण के बारे में स्पष्टीकरण मांगा जाना चाहिए था।