खग्रास चंद्र ग्रहण रविवार काे, सूतक काल में बंद रहेंगे मंदिरों के कपाट

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जोधपुर{ गहरी खोज }: भाद्रपद पूर्णिमा के अवसर पर सात सितंबर, रविवार की रात खग्रास चंद्र ग्रहण लगेगा। यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा, इसलिए इसका धार्मिक महत्व रहेगा। ज्योतिषियों के अनुसार इस वर्ष भारत में दिखाई देने वाला यही एकमात्र चंद्र ग्रहण है। चंद्र ग्रहण सात सितम्बर की रात 9.57 बजे से प्रारम्भ होकर रात 1.27 बजे तक रहेगा। इसका सूतक काल सात सितम्बर को दोपहर 12.57 बजे से शुरू होकर ग्रहण की समाप्ति तक चलेगा। ग्रहण की अवधि कुल अवधि साढ़े तीन घंटे की रहेगी। यह चंद्र ग्रहण कुंभ राशि और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में लगेगा। इस दौरान चंद्रमा के साथ राहु तथा सप्तम भाव में सूर्य, केतु और बुध की युति बनेगी। इसके बाद 21 सितंबर को सूर्य ग्रहण भी लगेगा, लेकिन वह भारत में नहीं दिखाई देने से सूतक नियम लागू नहीं होंगे।
सूतक काल और ग्रहण के दौरान शहर के सभी प्रमुख मंदिरों के पट बंद रहेंगे। रातानाडा गणेश मंदिर के पुजारी प्रदीप शर्मा ने बताया कि सूतक काल शुरू होने से पहले ही 12.15 बजे मंदिर पट बंद कर दिए जाएंगे। ग्रहण मोक्ष होने के बाद दूसरे दिन मंदिर का शुद्धिकरण होने के बाद ही सुबह सवा पांच बजे पूजा-पाठ वापस आरम्भ किया जाएगा। कटला बाजार कुंज बिहारी मंदिर में भी सूतक काल के दौरान मंदिर के कपाट बंद रहेंगे। मंदिर में भक्तों की ओर से केवल मानसिक जप किया जाता है। अचलनाथ मंदिर के व्यवस्थापक कैलाशचन्द्र ने बताया कि मंदिर में मौजूद सभी वैष्णव मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे।
सूतक और ग्रहण के दौरान मूर्तियों का स्पर्श, धारदार वस्तुओं का प्रयोग निषेध माना गया है। गर्भवती स्त्रियों को विशेष सावधानी बरतते हुए घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। ज्योतिषियों के अनुसार ग्रहण के समय पका हुआ भोजन का सेवन भी वर्जित बताया गया है। ग्रहण की नकारात्मक ऊर्जा से बचाव के लिए इष्टदेव की आराधना करें। हनुमान चालीसा, महामृत्युंजय मंत्र, गुरुमंत्र जाप तथा दुर्गा सप्तशती का पाठ शुभ माना गया है। सात सितम्बर से ही शुरू हो रहे पितृपक्ष में पूर्णिमा तिथि का श्राद्ध दोपहर 12.57 से पूर्व कर लेना चाहिए।

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